Success Story: सहफसली खेती से मुनाफा! बाराबंकी के किसान Anand Maurya खेती से कर रहे हैं लाखों की कमाई

उत्तर प्रदेश के बाराबंकी के किसान आनंद मौर्य एक हेक्टेयर जमीन पर सहफसली खेती कर रहे हैं. फिलहाल वो धनिया, पात गोभी, लहसुन और मिर्च की खेती कर रहे हैं. आनंद मौर्य सहफसली खेती से 10 लाख रुपए सालाना बचत कर रहे हैं. आनंद ने वकालत की है. लेकिन साल 2021 में पिता के निधन के बाद पूरी तरह से खेती से जुड़ गए.

Organic Farming
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 13 जनवरी 2025,
  • अपडेटेड 2:09 PM IST

देशभर में तमाम किसान अब खेती से मुनाफा कमा रहे हैं. किसान कृषि में नए-नए प्रयोग कर रहे हैं और अपनी आय बढ़ा रहे हैं. उत्तर प्रदेश के बाराबंकी के आनंद मौर्य भी एक ऐसे ही किसान हैं, जो खेती में नए प्रयोग कर रहे हैं. जिससे उनकी अच्छी-खासी कमाई हो रही है. जीरो बजट की प्राकृतिक खेती से उनको लाखों की कमाई हो रही है. आनंद मौर्य वकालत करते थे, लेकिन साल 2021 में उनके पिता का निधन हो गया. जिसके बाद उनकी जिंदगी बदल गई. वो खेती से जुड़ गए और आज लाखों की कमाई कर रहे हैं.

सहफसली खेती से फायदा-
बाराबंकी के पलहरी गांव के आनंद मौर्य एक हेक्टेयर जमीन में 4 तरह की फसलें उगा रहे हैं. इसे सहफसली खेती कहते हैं. इस खेती से उनको सालाना 10-12 लाख रुपए की कमाई होती है. 4 साल पहले आनंद मौर्य ने खेती की शुरुआत की थी. इस साल वो अभी धनिया, पात गोभी, लहसुन और मिर्च की सहफसल खेती कर रहे हैं. इस सीजन में आनंद ने अब तक 60 हजार का धनिया बेच चुके हैं. इसके बाद पात गोभी भी अच्छी रेट में बिकेगी. इसके बाद मिर्च भी तैयार हो रही है. मिर्च की खेती से लगातार 4 से 5 महीने तक फायदा मिलता है. आनंद मौर्य एक हेक्टेयर में सहफसली खेती से सालाना 10 लाख रुपए तक की बचत कर रहे हैं.

वकालत करते थे आनंद मौर्य-
आनंद मौर्य ने एलएलबी की डिग्री हासिल की है. वो इस वकालत की प्रैक्टिस भी करते थे. इसके साथ ही वो 15 हजार रुपए की प्राइवेट नौकरी भी करते थे. लेकिन इससे घर चलाना मुश्किल था. इसमें उनका मन भी नहीं लगता था. इस बीच साल 2021 में उनके पिता का निधन हो गया. इसके बाद आनंद ने पूरी तरह से खेती का रूख किया. इससे पहले वो खेती में पिता की मदद करते थे. लेकिन कभी खेती से जुड़ने का नहीं सोचा था.

प्राकृतिक खेती की ली ट्रेनिंग-
इसके बाद आनंद ने खेती का नया तरीका सीखने की पूरी कोशिश की. उन्होंने चेन्नई और कई दूसरी जगहों पर ट्रेनिंग ली. आनंद ने प्राकृतिक खेती की ट्रेनिंग ली. इसके बाद आनंद ने सहफसली खेती के बारे में किसानों को बताने भी लगे. अब इस खेती से आनंद मौर्य को बहुत फायदा हो रहा है. वो इस खेती से सालाना 10 लाख की बचत कर रहे हैं. उनका कहना है कि पात गोभी और मिर्च से ही 4 महीने में ढाई से पौने तीन लाख तक की कमाई हो जाएगी. 

आनंद जैविक एक हेक्टेयर में 4 सहफसली खेती करते हैं. खेती के लिए वर्मी कंपोस्ट का इस्तेमाल करते हैं. वो घन जीवामृत के जरिए फसलों को अच्छी तरह से पोषक प्रदान करते हैं. जिसकी वजह से उनकी लागत भी कम होती है. 

ये भी पढ़ें:

Read more!

RECOMMENDED