Supreme Court: अब अदालतों में prostitute, housewife जैसे शब्द नहीं किए जा सकेंगे इस्तेमाल...सुप्रीम कोर्ट ने महिलाओं के लिए जारी की शब्दावली, इन 3 महिला जजों ने किया इसे तैयार

सुप्रीम कोर्ट ने एक हैंडबुक जारी की है जिसे सुप्रीम कोर्ट की डिक्शनरी भी कह सकते हैं. इसके अनुसार अब अनुचित लैंगिक शब्दों का इस्तेमाल नहीं किया जा सकेगा. इसकी पूरी लिस्ट और इनकी जगह इस्तेमाल किए जाने वाले वैकल्पिक शब्द और वाक्यांश सुझाए हैं जिनका अब उपयोग किया जाएगा.

Supreme Court Handbook
संजय शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 17 अगस्त 2023,
  • अपडेटेड 12:17 PM IST

लैंगिक समानता बढ़ाने और महिलाओं के साथ न्यायिक क्षेत्र में भेदभाव दूर करने के लिए चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने नई कानूनी शब्दावली वाली हैंडबुक जारी कर दी है. अब सुप्रीम कोर्ट के फैसलों और दलीलों में 'जेंडर स्टीरियोटाइप' शब्दों का इस्तेमाल नहीं होगा. सुप्रीम कोर्ट ने महिलाओं के लिए प्रयोग होने वाले आपत्तिजनक शब्दों पर रोक लगाने के लिए ये हैंडबुक लॉन्च की गई है. इसमें 40 से ज्यादा शब्दों और करीब इतने ही वाक्यांश और पूर्वाग्रह वाले वाक्यों का इस्तेमाल न करने के बारे में निर्देश दिया गया है.

ये हैंडबुक कलकत्ता हाईकोर्ट की जस्टिस मौसमी भट्टाचार्य की अध्यक्षता वाली समिति ने तैयार की है. इस समिति में रिटायर्ड जस्टिस प्रभा श्रीदेवन और जस्टिस गीता मित्तल और प्रोफेसर झूमा सेन भी शामिल हैं. प्रोफेसर सेन फिलहाल कोलकाता में वेस्ट बंगाल नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ ज्यूरिडिकल साइंसेज में फैकल्टी मेम्बर हैं.

किन शब्दों को किया गया रिप्लेस

कानूनी शब्दावली में जल्द ही यौन उत्पीड़न, यौनकर्मी और गृहणी जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया जाएगा. इस हैंडबुक में अफेयर की जगह पर शादी के इतर रिश्ता, प्रॉस्टिट्यूट या हुकर का इस्तेमाल किसी मामले की सुनवाई के दौरान दलीलों में, आदेश या फैसले में नहीं किया जाएगा. प्रॉस्टिट्यूट या हुकर की जगह सेक्स वर्कर, अनवेड मदर यानी बिनब्याही मां की जगह केवल मां, चाइल्ड प्रॉस्टिट्यूड की जगह पर तस्करी करके लाया बच्चा, बास्टर्ड यानी हरामी की जगह बिना विवाह किए युगल से जन्मी संतान यानी ऐसा बच्चा जिसके माता-पिता ने शादी न की हो, ईव टीजिंग की जगह स्ट्रीट सेक्सुअल हैरेसमेंट, हाउसवाइफ की जगह होममेकर, मिस्ट्रेस की जगह वह महिला जिसके साथ किसी पुरुष ने विवाहेतर रोमांटिक या यौन संबंध बनाए हों जैसी शब्दावली का इस्तेमाल करने को कहा गया है.

इसके अलावा प्रोवोकेटिव क्लोदिंग/ड्रेस (भड़काऊ कपड़े) की जगह क्लोदिंग/ड्रेस, एफेमिनेट (जनाना) की जगह जेंडर न्यूट्रल शब्दों का प्रयोग, वफादार पत्नी/अच्छी पत्नी/आज्ञाकारी पत्नी की जगह वाइफ (पत्नी), भारतीय महिला/पश्चिमी महिला की जगह महिला, कॉन्क्युबाइन/कीप की जगह ऐसी महिला जिसका शादी के इतर किसी पुरुष से शारीरिक संबंध हो, जैसे वाक्य या शब्दों का इस्तेमाल करना चाहिए. यहां देखें अन्य शब्द कौन-कौन से हैं.

शब्द रिप्लेसमेंट
अफेयर शादी के इतर रिश्ता
प्रॉस्टिट्यूट/हुकर (पतुरिया) सेक्स वर्कर
अनवेड मदर (बिनब्याही मां) मां
चाइल्ड प्रॉस्टिट्यूड तस्करी करके लाया बच्चा
बास्टर्ड ऐसा बच्चा जिसके माता-पिता ने शादी न की हो
ईव टीजिंग स्ट्रीट सेक्शुअल हैरेसमेंट
प्रोवोकेटिव क्लोदिंग/ड्रेस (भड़काऊ कपड़े)     क्लोदिंग/ड्रेस
एफेमिनेट (जनाना) इसकी जगह जेंडर न्यूट्रल शब्दों का प्रयोग
गुड वाइफ वाइफ (पत्नी)
कॉन्क्युबाइन/कीप (रखैल)     ऐसी महिला जिसका शादी के इतर किसी पुरुष से शारीरिक संबंध हो

तीन महीने पहले LGBTQ हैंडबुक लॉन्च की थी
CJI चंद्रचूड़ ने महिला दिवस पर हुए इवेंट में लीगल ग्लोसरी की घोषणा की थी. तीन महीने पहले मार्च में LGBTQ के लिए इस्तेमाल होने के लिए हैंडबुक लॉन्च करते हुए चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा था कि हमने हाल ही में एक LGBTQ हैंडबुक के बाद जल्द ही हम जेंडर डिस्क्रिमिनेशन को खत्म करने के लिए अनुचित शब्दों की एक लीगल ग्लोसरी भी जारी करेंगे.

अगर आप आईपीसी की धारा 376 से संबंधित मामले का एक जजमेंट पढ़ेंगे तो आपको पता चलेगा कि कई ऐसे शब्द हैं जो अनुचित हैं. लेकिन उनका इस्तेमाल लीगल फ्रेटरनिटी में धड़ल्ले से होता है. लीगल ग्लोसरी से हमारी न्यायपालिका छोटी नहीं होगी और समय के साथ हम कानूनी भाषा को लेकर आगे बढ़ेंगे, क्योंकि हम भाषा को विषय और चीजों से ज्यादा महत्व देते हैं.

महिला दिवस पर एक इवेंट में CJI ने बताया था कि मैंने ऐसे फैसले देखे हैं जिनमें किसी महिला के एक व्यक्ति के साथ रिश्ते में होने पर उसे रखैल लिखा गया. कई ऐसे केस थे जिनमें घरेलू हिंसा अधिनियम और IPC की धारा 498-ए के तहत FIR रद्द करने के लिए आवेदन किए गए थे, उनके फैसलों में महिलाओं को चोर तक कहा गया है.

 

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