सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने शुक्रवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Delhi Chief Minister Arvind Kejriwal) को अंतरिम जमानत (Interim Bail) दे दी. अरविंद केजरीवाल 51 दिनों बाद तिहाड़ जेल से बाहर आ गए हैं. दिल्ली के कथित शराब घोटाले में ईडी ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को 21 मार्च को गिरफ्तार किया था. केजरीवाल की रिहाई के बाद आम आदमी पार्टी (AAP) के कार्यकताओं में खुशी की लहर दौड़ गई है.
आपके बीच आकर अच्छा लग रहा है: केजरीवाल
रिहाई के बाद केजरीवाल ने कार्यकर्ताओं से कहा- "आज देश तानाशाही के दौर से गुजर रहा है. मैं उसके खिलाफ संघर्ष कर रहा हूं. आज आपके बीच आकर अच्छा लग रहा है. कल सुबह 11 बजे मैं हनुमान जी का आशीर्वाद लेने के लिए कनॉट प्लेस स्थित हनुमान मंदिर जाऊंगा और दोपहर 1 बजे पार्टी कार्यालय में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस होगी. शाम को मैं दक्षिण दिल्ली में एक रोड शो में हिस्सा लूंगा."
केजरीवाल ने कहा, "हमारा देश 4,000 साल से भी पुराना है. लेकिन जब भी किसी ने इस देश पर तानाशाही करने की कोशिश की, लोगों ने उसे बर्दाश्त नहीं किया. देश तानाशाही के दौर से गुजर रहा है. हमारा देश महान देश है. तन मन धन से संघर्ष कर रहा हूँ. 140 करोड़ लोगों को एक साथ मिलकर इस तानाशाही को हराना होगा."
न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने फैसला सुनाते हुए कहा, अरविंद केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय पार्टियों में से एक के नेता हैं. इसमें कोई दो राय नहीं कि उनपर गंभीर आरोप लगाए गए हैं, लेकिन उन्हें दोषी नहीं ठहराया गया है. उनका कोई आपराधिक इतिहास नहीं है. वह समाज के लिए खतरा नहीं हैं. इसलिए उन्हें कुछ शर्तों के साथ अंतरिम जमानत दी जा सकती है.
केजरीवाल को इन शर्तों पर मिली अंतरिम जमानत
केजरीवाल के वकील ने 4 जून तक की रिहाई का अनुरोध किया था, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया. केजरीवाल को 2 जून को हर हाल में सरेंडर करने को कहा गया है.
केजरीवाल को जेल अधीक्षक की संतुष्टि के लिए 50,000 रुपये की राशि के जमानत बांड और इतनी ही राशि की एक जमानत राशि देनी होगी.
अरविंद केजरीवाल मुख्यमंत्री कार्यालय और दिल्ली सचिवालय नहीं जा सकते हैं.
अरविंद केजरीवाल आधिकारिक फाइलों पर तब तक साइन नहीं करेंगे जब तक कि वो जरूरी न हो और दिल्ली के उपराज्यपाल की मंजूरी/अनुमोदन प्राप्त करने के लिए आवश्यक न हो.
वह शराब नीति केस में अपनी भूमिका के संबंध में कोई टिप्पणी नहीं करेंगे.
अरविंद केजरीवाल किसी भी गवाह से बातचीत नहीं कर सकते या इस मामले से जुड़ी किसी भी आधिकारिक फाइल तक पहुंच नहीं बना सकते.
दिल्ली में होनी है 25 मई को वोटिंग
बता दें, चुनाव प्रचार के आधार पर केजरीवाल को अंतरिम जमानत दी गई है. दिल्ली में 25 मई को लोकसभा चुनाव हैं, जिनमें अब सिर्फ 15 दिन का समय रह गया है. दिल्ली में आम आदमी पार्टी कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़ रही है. जहां पर आम आदमी पार्टी 4 सीटों पर चुनाव लड़ रही है. पार्टी को केजरीवाल के चुनाव प्रचार का फायदा हो सकता है. सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद अब 18 सीटों पर अरविंद केजरीवाल चुनाव प्रचार कर पाएंगे.