भारत का सर्वोच्च न्यायालय 27 सितंबर से संवैधानिक पीठ की सुनवाई का सीधा प्रसारण करेगा. शीर्ष अदालत द्वारा औपचारिक पीठ की सुनवाई को लाइव स्ट्रीम करने का नोटिस एक महीने पहले जारी किया गया था. आज से इसे शुरू कर दिया गया है. लाइव स्ट्रीम राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) के वेबकास्ट के माध्यम से चलेगी. कार्यवाही सुप्रीम कोर्ट के अपने प्लेटफॉर्म webcast.gov.in पर देखी जा सकती है.
इससे पहले दिन में, चीफ जस्टिस उदय उमेश ललित की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि शीर्ष अदालत के पास जल्द ही YouTube का उपयोग करने के बजाय अपनी कार्यवाही को लाइव-स्ट्रीम करने के लिए अपना "प्लेटफ़ॉर्म" होगा.
सूत्रों ने कहा था कि शीर्ष अदालत YouTube के माध्यम से कार्यवाही का सीधा प्रसारण कर सकती है और बाद में उन्हें अपने सर्वर पर होस्ट कर सकती है. अभी आप इसे Youtube पर यहां देख सकते हैं. लोग बिना किसी परेशानी के अपने सेल फोन, लैपटॉप और कंप्यूटर पर घर बैठे कार्यवाही देख सकेंगे.
सबसे पहले एनवी रमना की कार्यवाही की हुई थी स्ट्रीमिंग
26 अगस्त को भारत के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना की औपचारिक पीठ के समक्ष कार्यवाही को जनता के लिए लाइव-स्ट्रीम किया गया था. विशेष रूप से वह सेवानिवृत्ति से पहले रमना का आखिरी दिन भी था. 26 अगस्त को लाइव-स्ट्रीम अदालती कार्यवाही का अब तक लाइव स्ट्रीम होने का एकमात्र उदाहरण है. रिपोर्ट्स की मानें तो, तीन संविधान पीठ हैं जो 27 सितंबर, 2022 मंगलवार को सुनवाई के लिए बैठने वाली हैं. इन सुनवाई की अध्यक्षता भारत के मुख्य न्यायाधीश यूयू ललित, न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति संजय किशन कौल करेंगे.
क्या है इतिहास?
71 सालों के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ जब सुप्रीम कोर्ट ने कार्यवाही का सीधा प्रसारण किया. इससे पहले 26 सितंबर, 2018 को तत्कालीन सीजेआई दीपक मिश्रा, जस्टिस एएम खानविलकर और डीवाई चंद्रचूड़ की तीन जजों की बेंच ने सीजेआई की अदालत में होने वाले संवैधानिक महत्व के मामलों की लाइव स्ट्रीमिंग की अनुमति दी थी. हालांकि, यौन उत्पीड़न और वैवाहिक मामलों की कार्यवाही की लाइव स्ट्रीमिंग नहीं की जाएगी.
सुप्रीम कोर्ट की ई-कमिटी ने इस तरह के लाइव टेलीकास्ट के लिए एक इंडीपेंडेंट प्लेटफॉर्म बनाया है, जिसका इस्तेमाल देश के विभिन्न उच्च न्यायालय और जिला अदालतों के द्वारा भी किया जा सकेगा. कर्नाटक, गुजरात, ओडिशा जैसे देश के कई हाईकोर्ट अपने संबंधित आधिकारिक यूट्यूब पेजों पर सुनवाई की लाइव स्ट्रीमिंग कर रहे हैं. लाइव स्ट्रीमिंग के जरिए सुनवाई किया जाने वाला पहला मुद्दा फ्रीबीज का था. फ़्रीबीज़ का मामला सीजेआई की अदालत या सेरेमोनियल बेंच से पहली बार स्ट्रीम की गई 20 सुनवाई में से एक था.
कोरोना काल में पहली बार हुआ प्रयोग
बता दें कि इससे पहले कोरोना काल के समय जब काम ठप पड़े थे ऐसे में ज्यादातर काम ऑनलाइन किए जा रहे थे. तब कोर्ट ने भी इस दौरान कई मामलों की ऑनलाइन सुनवाई की थी. इसके अलावा एक और नई परंपरा शुरू की गई थी. सुप्रीम कोर्ट देशभर से ई फाइलिंग के जरिए याचिकाएं दाखिल करने को एक्सेप्ट कर रहा था. इसकी खास बात ये है कि ई-फाइलिंग 24 घंटे में कभी भी की जा सकती है. साथ ही सुप्रीम कोर्ट की फीस का भुगतान भी ऑनलाइन होता है. इसके लिए हस्ताक्षर डिजिटल होते हैं.
इन देशों में होती है लाइव स्ट्रीमिंग
अभी दुनिया के कुछ देशों में कोर्ट की कार्यवाही का सीधा प्रसारण होता है. इनमें यूके, साउथ अफ्रीका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, ब्राजील, जर्मनी और चीन शामिल हैं. अमेरिका में सुप्रीम कोर्ट की कार्यवाही की लाइव स्ट्रीमिंग की इजाजत नहीं है. हालांकि, अदालत की तरफ से कोर्टरूम में हुई जिरह की ऑडियो ट्रांस्क्रिप्ट रिलीज किया जाता है.