ऑनलाइन फीस जमा नहीं कर पाने वाले दलित छात्र को सुप्रीम कोर्ट ने दिलाई IIT Bombay में सीट, कहा- ऐसा नहीं हुआ तो ये न्याय का मजाक होगा

इस मामले में फैसला देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने IIT Bombay से 48 घंटे के अंदर उन्हें सीट आवंटित करने को कहा. अदालत ने आईआईटी से कहा कि वो प्रिंस को एक सीट दें और यह सुनिश्चित करें कि इससे पहले भर्ती किसी भी छात्र को परेशानी न हो.

आईआईटी बॉम्बे
gnttv.com
  • नई दिल्ली ,
  • 23 नवंबर 2021,
  • अपडेटेड 9:30 AM IST
  • सुप्रीम कोर्ट ने IIT Bombay से 48 घंटे के अंदर उन्हें सीट देने को कहा.
  • 15,000 रुपए के स्वीकृति शुल्क का भुगतान नहीं कर पाया था छात्र.

देश के प्रमुख भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) में अपनी सीट गंवाने वाले दलित छात्र को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली है. 17 साल के प्रिंस जयबीर सिंह के केस को पहले बॉम्बे हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया था.  लेकिन सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई के दौरान न्यायाधीशों ने कहा कि यह 'न्याय का मजाक' होगा अगर उन्हें प्रवेश से वंचित कर दिया गया और वो देश का सर्वोच्च न्यायालय उन्हें कोई मदद नहीं दे पाया.  

उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद के रहने वाले प्रिंस का 27 अक्टूबर को आईआईटी बॉम्बे में सिविल इंजीनियरिंग के लिए चयन हो गया था.  लेकिन वह 15,000 रुपए के स्वीकृति शुल्क (Acceptance Fee) का भुगतान नहीं कर पाया. सीट सुरक्षित रखने के लिए उसे प्रारंभिक राशि का ऑनलाइन भुगतान करना था. शुरू में उनके पास पैसे की कमी थी. लेकिन जब वह अपनी बहन की मदद से पैसे जुटा पाया तो वेबसाइट पर तकनीकी खराबी की वजह से फीस जमा नहीं कर पाया.  

तकनीकी खामियों की वजह से नहीं जमा कर पाया था फीस 

इस बारे में बात करते हुए प्रिंस जयबीर सिंह ने कहा कि पैसे इकट्ठा करने में कुछ दिक्कत हुई, लेकिन मेरी बहन ने मदद की. उसने बताया, "फिर मैंने फीस का भुगतान करने की कोशिश की, लेकिन कुछ तकनीकी खामियों की वजह से जमा नहीं कर पाया. मैं आईआईटी खड़गपुर (जो सीटों के लिए काउंसलिंग कर रहा था) भी गया ताकि फीस का भुगतान कर सकूं." इसके बाद उन्होंने बॉम्बे हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, जिसने उनकी याचिका खारिज कर दी. निराश होकर उन्होंने फिर सुप्रीम कोर्ट का रुख किया. 

अदालत ने आईआईटी से प्रिंस को सीट देने को कहा

सोमवार को इस मामले में फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने IIT Bombay से 48 घंटे के अंदर उन्हें सीट आवंटित करने को कहा. अदालत ने आईआईटी से कहा कि वो प्रिंस को एक सीट दें और यह सुनिश्चित करें कि इससे पहले भर्ती किसी भी छात्र को परेशानी न हो. दो न्यायाधीशों की पीठ का हिस्सा रहे न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा, "अदालत के सामने एक युवा दलित छात्र है जो अपनी सीट खोने के कगार पर है जो उसे आईआईटी बॉम्बे में आवंटित की गई है. अगर ऐसा होगा तो यह न्याय का घोर उपहास होगा कि एक युवा दलित छात्र को फीस का भुगतान न करने पर प्रवेश से वंचित कर दिया जाता है. साथ ही सुप्रीम कोर्ट भी उसकी कोई मदद नहीं कर पाता है."

एंट्रेंस एग्जाम में हासिल की थी ऑल इंडिया रैंक 25,894

 प्रिंस जयबीर सिंह ने इस साल एंट्रेंस एग्जाम में ऑल इंडिया रैंक 25,894 और एससी श्रेणी में 864 रैंक हासिल की. यह इस परीक्षा में उसका दूसरा प्रयास था.  पिछले साल इसमें सफल नहीं होने के बाद प्रिंस ने इलाहाबाद के एक इंजीनियरिंग कॉलेज में एडमिशन  लिया, लेकिन आईआईटी प्रवेश परीक्षा की तैयारी जारी रखी.  प्रिंस अपने परिवार से आईआईटी में एडमिशन लेने वाले पहले व्यक्ति होंगे.  उनके पिता दिल्ली पुलिस में लोअर लेवल ऑफिसर हैं. 

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