महिला सशक्तिकरण की दिशा में Supreme Court का एक और कदम! SC बार एसोसिएशन में होंगी अब एक तिहाई महिला, Reservation लागू करने का दिया आदेश 

इस आदेश का परिपालन पहली बार 16 मई को होने वाले सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के चुनाव में होगा. इस चुनाव का नतीजा 18 मई रविवार को आएगा. जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच ने ये निर्देश दिए हैं.

Supreme Court (Photo: PTI)
संजय शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 03 मई 2024,
  • अपडेटेड 10:11 AM IST
  • एक पद महिलाओं के लिए आरक्षित 
  • 16 मई को होंगे चुनाव

न्यायिक और कानूनी क्षेत्र में महिला सशक्तिकरण की दिशा में सुप्रीम कोर्ट ने एक और कदम आगे बढ़ाया है. सुप्रीम कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SCBA) में एक तिहाई महिला आरक्षण लागू करने का आदेश दिया है. सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच ने बी डी कौशिक के मामले में कोर्ट के पुराने फैसले को स्पष्ट करते हुए ये निर्देश दिए हैं.

16 मई को होंगे चुनाव

पीठ के निर्देश के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के ट्रेजरार यानी कोषाध्यक्ष का पद महिला के लिए आरक्षित रहेगा. इसके अलावा एसोसिएशन की कार्यसमिति के नौ में से तीन सदस्यों के पद महिलाओं के लिए आरक्षित रहेंगे. इस आदेश का परिपालन पहली बार 16 मई को होने वाले सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के चुनाव में होगा. इस चुनाव का नतीजा 18 मई रविवार को आएगा.  

एक पद महिलाओं के लिए आरक्षित 

अब सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों अध्यक्ष, सचिव और कोषाध्यक्ष में से कोषाध्यक्ष का पद महिलाओं के लिए आरक्षित रहेगा. एससीबीए में सीनियर एडवोकेट्स के लिए बनी सीनियर कार्यकारिणी के छह सदस्यों में से दो और सामान्य कार्यकारिणी के नौ सदस्यों में से तीन सदस्य के पद महिलाओं के लिए आरक्षित होंगे. 

कोर्ट ने कहा कि उम्मीदवारों की योग्यता और शर्तों में आवश्यक बदलाव व सुधार की बाबत आठ प्रस्ताव आए लेकिन वो नाकाम हो गए. इनके अलावा, एसोसिएशन का सदस्य बनने के लिए फीस और चुनाव लड़ने के लिए उम्मीदवार की जमानत राशि को लेकर भी लाए गए प्रस्ताव 30 अप्रैल को आयोजित स्पेशल जनरल बॉडी मीटिंग में नहीं माने गए.

समय रहते बदलाव जरूरी 

सुप्रीम कोर्ट ने महसूस किया कि नियम, योग्यता, शर्तों और फीस को लेकर निर्णय लेने को जरूरत है. क्योंकि इन चीजों को दशकों तक लटकाए नहीं रखा जा सकता, समय रहते सुधार और बदलाव जरूरी है. कोर्ट ने कहा कि एससीबीए इस बाबत अपनी वेबसाइट या अन्य तरीकों से सदस्यों से 19 जुलाई तक सुझाव मंगवाए. सुझाव 19 जुलाई तक भेजे जा सकते हैं. इसके बाद आम वकीलों से मिलने वाले ये सुझाव एससीबीए डिजिटल या प्रिंटेड फॉर्मेट में इकट्ठे कर कोर्ट को दे. उन सुझावों के आधार पर सुधारों और बदलाव का सिलसिला अभी जारी रहेगा. 

 

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