स्वार्म ड्रोन रखेंगे LAC से लेकर LoC तक दुश्मनों पर नजर! एंटी एयरक्राफ्ट गन और मिसाइलें भी होगी इनके ऊपर बेअसर, जानें खासियत   

Swarm Drones: भारतीय सेना में ड्रोन की भी एक फौज तैयार की जा रही है. इसकी मदद से दुश्मनों का डटकर सामना किया जा सकेगा. इतना ही नहीं बल्कि आसानी से भारत दुश्मनों पर नजर रख सकेगा. ये ड्रोन सिस्टम अर्टिफिशियल टेक्नोलॉजी से लैस है. चलिए जानते हैं इसकी खासियत

Swarm Drones
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 27 अगस्त 2022,
  • अपडेटेड 12:49 PM IST
  • हाल के कुछ साल में बढ़ा है ड्रोन का इस्तेमाल 
  • स्वार्म ड्रोन सिस्टम एआई टेक्नोलॉजी से लैस है

धीरे-धीरे ड्रोन का इस्तेमाल बढ़ता जा रहा है. युद्ध के मैदान में ड्रोन के इस्तेमाल को पूरी दुनिया ने पहचाना है. ऐसे में भारत भला कैसे पीछे रह सकता है. देश की सेना की ताकत को स्वार्म ड्रोन सिस्टम (Swarm-Drone System) से बढ़ाया जाएगा. LAC से लेकर LoC तक दुश्मनों पर नजर रखने और उनकी गुस्ताखियों का जबाव देने के लिए स्वार्म ड्रोन की ये फौज तैयार की जा रही है. ये आसानी से दुश्मन के इलाके में घुस सकेंगे और भारी तबाही मचा सकेंगे. दुश्मन की एंटी एयरक्राफ्ट गन या मिसाइलें भी इनके ऊपर बेअसर साबित होती हैं. 

इसकी मदद से दुश्मन के टैंक से लेकर सैनिक और गाड़ियों पर भी आसानी से हमला किया जा सकेगा. भारतीय सेना इसे आक्रामक और रक्षात्मक दोनों के लिए इस्तेमाल कर सकेगी. 

हाल के कुछ साल में बढ़ा है ड्रोन का इस्तेमाल 

दरअसल, दुनिया भर में हाल के कुछ सालों में दुनिया की अलग-अलग सेनाओं द्वारा ड्रोन का इस्तेमाल बढ़ा है. विशेष रूप से आर्मेनिया, अजरबैजान, सीरिया और सऊदी अरब में तेल क्षेत्रों पर हमले और हाल ही में रूस-यूक्रेन युद्ध में स्वार्म ड्रोन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया गया है. 

यही कारण है कि भारतीय सेना की मैकेनाइज्ड फोर्स में सबसे पहले स्वार्म ड्रोन को शामिल किया गया है. दुनिया के अलग-अलग देशों के बीच हो रहे युद्धों को देखते हुए ही भारतीय सेना ने भी नॉन-कन्वेंशनल वॉरफेयर के लिए तैयारी कर ली है.

कैसे काम करते हैं स्वार्म ड्रोन?

दरअसल, स्वार्म ड्रोन सिस्टम एआई टेक्नोलॉजी से लैस है. ये आसानी से कंट्रोल स्टेशन और आपस में कम्युनिकेट करने की क्षमता रखते हैं. इतना ही नहीं बल्कि ये आसानी से नेविगेट भी कर सकते हैं. एआई फीचर की मदद से ये सभी ड्रोन कंट्रोल सेंटर के साथ तो संपर्क में रहते ही हैं, इसके साथ एक दूसरे से भी जुड़े हुए होते हैं. और यही वजह है कि ये एक-दूसरे से बिना टकराए भी अपना टारगेट ढूंढ लेते हैं. 

एआई-बेस्ड ऑटोमैटिक टारगेट रिकग्निशन (ATR) फीचर की मदद से ड्रोन ऑटोमैटिक तरीके से टारगेट लाइन टैंकों, बंदूकों, वाहनों और मनुष्यों को पहचानने और कंट्रोल स्टेशन स्क्रीन पर डिस्प्ले करने में मदद करेगा. 

गौरतलब है कि स्वार्म ड्रोन भारत के नए योद्धा हैं. जो न सिर्फ सेना की सर्विलांस क्षमताओं को बढ़ाने में मदद करेंगे बल्कि जमीन पर सैनिकों की सहायता के लिए ये दुश्मनों की टोली पर हमला भी करेंगे.


 

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