तमिलनाडु बार एसोसिएशन ने इस साल 30 अगस्त को अपनी लेटेस्ट नोमिनेशन लिस्ट की घोषणा की. इस बार लिस्ट में एक खास नाम शामिल हुआ है. यह नाम है कोयंबटूर के अनाइकट्टी हिल्स में कोप्पनारी बस्ती की एक इरूला आदिवासी महिला का.
30 वर्षीय एम कलियाम्मल के लिए इस मुकाम को हासिल करने के लिए बहुत सी मुश्किलों का सामना किया. लेकिन उन्होंने हार कभी नहीं मानी. सबसे पिछड़े समुदायों में से एक समुदाय में पैदा होने वाली कलियाम्मल, अपने समुदाय से दूसरी आदिवासी महिला हैं जो वकील बनी हैं. और अनाइकट्टी हिल्स की पहली महिला वकील हैं.
सरकारी स्कूलों से पढ़ी हैं कलियाम्मल
द न्यू इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, उनके माता-पिता, मारुथन और आंतिची, दोनों कुली का काम करते हैं. कलियाम्मल के लिए शिक्षा कभी भी आसान नहीं रही. बस्ती में अपनी प्राथमिक शिक्षा पूरी करने के बाद, वह अनाइकट्टी के सरकारी हाई स्कूल में गईं. जहां उन्हें रोजाना 4 किमी पैदल चलकर स्कूल जाना पड़ा.
10वीं की पढ़ाई के बाद में थोलमपलयम के पास सीलियूर सरकारी स्कूल से 12वीं कक्षा पास की. यह स्कूल उनके गांव से 18 किमी दूर था. इसके साथ-साथ आर्थिक तंगी थी. लेकिन लोगों की मदद से वह आगे बढ़ती रहीं. उन्होंने कोयंबटूर के गवर्नमेंट आर्ट्स कॉलेज से बीए इकोनॉमिक्स की और 2014 में एलएलबी के लिए आवेदन किया.
एडवोकेट ने किया प्रेरित
कलियाम्मल ने टीएनआईई को बताया कि जब वह सातवीं कक्षा में थी तो एक वकील अक्सर उनके गांव आते थे और उनसे बातचीत करते थे. वह वकील उनके समुदाय को कानूनी सहायता देते थे. उनसे प्रेरित होकर कलियाम्मल ने वकालत करने का फैसला किया. हालाकि, एलएलबी में दाखिला होने के बाद, उनके पिता लकवाग्रस्त हो गए और फिर चीजें और भी कठिन हो गईं.
पिता का काम छूट गया और मां पर जिम्मेदारी बढ़ गई. लकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और आगे बढ़ते रहे. साथ ही, उनके गांव में लोगों ने भी उनकी मदद की. कोयंबटूर बार एसोसिएशन के सचिव के. कलैयारासन ने कलियाम्मल की बड़ी उपलब्धि की सराहना की.