वाराणसी में काशी तमिल संगमम का कार्यक्रम चल रहा है जिसमें तमिलनाडु से लोग वाराणसी पहुंच रहे हैं. तमिलनाडु से लोगों को वाराणसी तक ले आने और वापस ले जाने के लिए भारतीय रेलवे की तरफ से विशेष इंतजाम किए गए हैं.
तमिलनाडु की तरफ से आने वाली ट्रेनों में काशी तमिल संगमम के लिए स्पेशल डिब्बे जोड़े जा रहे हैं. जिनमें सवार होकर तमिलनाडु के लोग वाराणसी पहुंच रहे हैं. इसी क्रम में चेन्नई से गया तक जाने वाली चेन्नई गया एगमोर एक्सप्रेस ट्रेन के साथ जोड़े गए चार स्पेशल कोचों में सवार होकर साहित्य जगत से जुड़े हुए लोगों का एक दल पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन पहुंचा.
तमिल लोगों को मिला रहा है काशी में आदर-सत्कार
ट्रेन के दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन पहुंचने पर तमिलनाडु के इन सभी लोगों का जबरदस्त स्वागत हुआ. आलम यह था कि तमिलनाडु से आए इन मेहमानों के लिए पूरे प्लेटफार्म से लेकर यात्री हॉल तक रेड कारपेट बिछाया गया था और जबरदस्त सजावट की गई थी. मेहमानों का स्वागत तिलक और पुष्प वर्षा के साथ-साथ ढोल नगाड़े और डमरू वादन से किया गया.
यही नहीं इस पूरे कार्यक्रम के दौरान पंडित दीनदयाल उपाध्याय रेल मंडल के डीआरएम, चंदौली की डीएम और एसपी सहित भाजपा से जुड़े लोग भी मौजूद थे और आगंतुकों का हाथ जोड़कर अभिवादन करते हुए दिखे.
कार्यक्रम में शामिल होने पहुंच रहे हैं छात्र, शिक्षक
काशी तमिल संगमम में शामिल होने आई एक महिला, सुजाता वेणुगोपालन ने बताया कि काशी तमिल संगमम का प्रोग्राम है और सभी कल्चरल सेक्टर से लोग आ रहे हैं. साहित्य प्रेमियों के साथ-साथ छात्रों और शिक्षकों का भी जमावड़ा लगा है. सभी के लिए एक साथ जुड़ने का यह बेहतरीन मौका है.
वहीं, श्रीनिवासन नामक एक जर्नलिस्ट न बताया कि वह चेन्नई से आए हैं और हर जगह, यूपी, मध्य प्रदेश के लोगों ने उनका स्वागत किया. उनकी यात्रा बहुत अच्छी रही है. उन्हें बहुत अच्छा लगा कि यूपी के मानिकपुर जंक्शन पर रानी शिव गंगा के पोस्टर लगे थे जिन्होंने ब्रिटिशर्स के खिलाफ युद्ध लड़ा. साथ ही, उन्होंने कहा कि उनके लिए यह सिर्फ काशी-तमिल नहीं बल्कि भारत दर्शन का मौका है.
(उदय गुप्ता की रिपोर्ट)