बेंगलुरु स्थित एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट इस्टैबलिशमेंट (ADE) द्वारा डिजाइन और विकसित किया गया तपस यूएवी ने 18 घंटे का उड़ान परीक्षण सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है. ADE डीआरडीओ के तहत एक प्रमुख रिसर्च लेबोरेटरी है. डीआरडीओ ने एक बयान में बताया कि इस परीक्षण को बुधवार को कर्नाटक के चित्रदुर्ग स्थित एयरोनॉटिकल टेस्ट रेंज में सफलतापूर्वक अंजाम दिया गया.
TAPAS अनमैन्ड एरियल व्हीकल (UAV) मानव रहित विमान है. एयरक्राफ्ट आगामी बिना पायलट के चलने वाली विमानों के डेवलपमेंट की दिशा में एक मील का पत्थर है. यह आत्मनिर्भरता की दिशा में एक जरूरी कदम है.
क्या है TAPAS की खूबियां?
भारत अपनी सैन्य ताकत को मजबूत करने के लिए ड्रोन, मिसाइल समेत अत्याधुनिक प्रणाली को विकसित कर रहा है. इसी कड़ी में TAPAS का नाम भी शामिल है. TAPAS एक अत्याधुनिक मानव रहित विमान है. इसे भारत के एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट इस्टेब्लिशमेंट (एडीई) ने अमेरिका के जनरल एटॉमिक्स एमक्यू-1 प्रीडेटर ड्रोन की तर्ज पर विकसित किया है. TAPAS-BH-201 ने साल 2016 को कर्नाटक के चित्रदुर्ग जिले में बेंगलुरु से 200 किमी दूर चल्लकेरे में पहली सफल उड़ान भरी थी.
35 हजार फीट की ऊंचाई पर 24 घंटे टिक सकता है
तपस बीएच 201 ड्रोन 350 किलोग्राम के पेलोड के साथ उड़ान भर सकता है. तपस बीएच 201 9.5 मीटर लंबा और 20.6 मीटर चौड़ा है. इसका वजन 1800 किलोग्राम है. तपस ड्रोन में डीआरडीओ के व्हीकल रिसर्च एंड डेवलपमेंट इस्टेब्लिशमेंट (VRDE) के बनाए स्वदेशी इंजन का इस्तेमाल किया जा रहा है. इनमें से प्रत्येक इंजन 130 किलोवॉट या 180 हॉर्सपावर की ताकत दे सकता है. यह ड्रोन 1000 किलोमीटर की रेंज में निगरानी और हमला कर सकता है. तपस 224 किमी प्रति घंटे की स्पीड से उड़ सकता है. तपस 35 हजार फीट की ऊंचाई पर 24 घंटे टिका भी रह सकता है. तपस की रेंज करीब 1 हजार किलोमीटर है. तपस विदेशों से खरीदे गए ड्रोन से लगभग आठ गुना सस्ता भी है. भारतीय ड्रोन तपस-बीएच-201 तुर्की के TB2 ड्रोन से ना सिर्फ लंबाई में बड़ा है, बल्कि स्पीड में भी तेज है.