Jehanabad: दुल्हन को लेने हेलीकॉप्टर से पहुंचा दूल्हा, लेकिन प्रशासन ने कर दिया खेल, गांव के लगाए 7 फेरे

बिहार के जहानाबाद में हेलीकॉप्टर से विदाई की तैयारी थी. लेकिन जिला प्रशासन ने हेलीकॉप्टर लैंडिंग की इजाजत नहीं दी. इसके बाद हेलीकॉप्टर ने गांव के 7 फेरे लगाए और वापस चला गया. बेटी को हेलीकॉप्टर से विदा करने की दुल्हन की मां की ख्वाहिश पूरी नहीं हो पाई.

The groom arrived by helicopter in Jehanabad
gnttv.com
  • जहानाबाद,
  • 30 नवंबर 2023,
  • अपडेटेड 1:51 PM IST

बिहार के जहानाबाद में दूल्हा हेलीकॉप्टर से सात फेरे लेने के लिए पहुंचा था. लेकिन जिला प्रशासन ने हेलीकॉप्टर लैंडिंग की इजाजत नहीं दी. इसके बाद लड़के वाले ने गांव के ऊपर से ही हेलीकॉप्टर से सात फेरे लगाए. वहीं दूल्हा और दुल्हन को गया एयरपोर्ट के रास्ते जमशेदपुर के लिए विदा किया गया. 

नहीं पूरी हुई मां की ख्वाहिश-
यह वाक्या जहानाबाद जिले के घोषी थाना इलाके के मोहद्दीपुर गांव का है. गांव के रहने वाले रामानंद दास की रिटायर्ड बीवी राजकुमारी की दिली ख्वाहिश थी कि वह अपनी डॉक्टर बेटी को शादी करने के बाद हेलीकॉप्टर से विदाई करें. दुल्हन की मां राजकुमारी हाल ही में रेलवे के हॉस्पिटल से रिटायर्ड हुई थीं. उनकी ख्वाहिश थी कि बेटी की शादी के बाद गांव से ही हेलीकॉप्टर से ही विदा किया जाए. लेकिन प्रशासन से इजाजत नहीं मिलने के बाद दोनों वर-वधु को गया एयरपोर्ट से ही उड़ान भरना पड़ा. प्रशासन से सहमति नहीं मिलने से दुल्हन के परिवार वालों में काफी गुस्सा है.

9 लाख रुपए में बुक किया था हेलीकॉप्टर-
रामानंद दास ने अपनी डॉक्टर बेटी मेघा रानी की शादी 27 नवंबर को जमशेदपुर के रहने वाले डॉ. विवेक कुमार से बोधगया के होटल में की. 28 नवंबर को अपने पैतृक गांव घोसी थाना इलाके के मोहद्दीपुर गांव से हेलीकॉप्टर में विदाई की पूरी तैयारी भी कर ली थी. विदाई के लिए उनके बेटे मृत्युंजय कुमार ने पटना से करीब 9 लाख रुपए में हेलीकॉप्टर भी बुक किया था.

हेलीकॉप्टर से लगाए गांव के 7 फेरे-
दुल्हन के घरवालों ने हेलीकॉप्टर लैंडिंग के लिए गांव के खेत में ही हेलीपैड तैयार कर लिया था. लेकिन सिक्योरिटी का हवाला देते हुए जिला प्रशासन ने लैंडिग की परमिशन नहीं दी. इसके बाद हेलीकॉप्टर ने मोहद्दीपुर गांव के ऊपर ही सात फेरे लगाए और जमशेदपुर के लिए रवाना हो गया.

दुल्हन के पिता रामानंद दास ने कहा कि मेरी बेटी घर में ही पढ़कर डॉक्टर बनी थी. तो उसी वक्त हमलोगों ने करार कर लिया था कि जो बाहर पढ़ने में पैसा खर्च होता, उसी पैसे से बेटी की शादी के वक्त हेलीकॉप्टर पर बैठाकर उसे विदा करूंगा. लेकिन प्रशासन ने सिक्योरिटी का हवाला देकर इजाजत नहीं दी.
(जहानाबाद से सैयद मुशर्रफ इमाम की रिपोर्ट)

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