Indian Navy: भारतीय सेना हुई और मजबूत... रैंपेज मिसाइल ने बढ़ाई लड़ाकू विमानों की ताकत... स्वदेशी कंटेनर के सफल परीक्षण से समुद्री मोर्चे पर नौसेना को मिली बड़ी कामयाबी

Successful Testing of Air Droppable Container ADC-150: समुद्री मोर्चे पर भारतीय नौसेना ने एक बड़ी कामयाबी हासिल की है. नौसेना ने स्वदेशी कंटेनर का सफल परीक्षण किया है, जिसे हवा से गिराया जा सकता है. इस कंटेनर को एडीसी 150 नाम दिया गया है.

 ADC-150 Container
gnttv.com
  • गोवा,
  • 23 जनवरी 2025,
  • अपडेटेड 10:57 PM IST
  • सीमा पर तनाव के मद्देनजर भारत अपनी सैन्य क्षमता को कर रहा मजबूत 
  • स्वदेश में रक्षा उपकरण बनाने के साथ ही मित्र देशों से अत्याधुनिक मिसाइलें खरीद रहा

इस समय राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कर्तव्य पथ पर तीनों सेनाएं अपनी मारक क्षमता दिखा रही हैं. 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मनाया जाएगा. उससे पहले समुद्री मोर्चे पर भारतीय नौसेना ने एक बड़ी कामयाबी हासिल की है. भारतीय नौसेना ने स्वदेशी कंटेनर का सफल परीक्षण किया है, जिसे हवा से गिराया जा सकता है. इस कंटेनर को एडीसी 150 नाम दिया गया है. नौसेना ने गोवा के समंदर में अपने टोही विमान पी 8 आई से इसका सफल परीक्षण किया. इसका मकसद तट से दो हजार किलोमीटर या इससे अधिक दूरी पर तैनात युद्धपोत तक संकट के समय तत्काल जरूरी सामग्री पहुंचाना है. 

युद्धपोत को तट के करीब लाने की जरूरत हो जाएगी कम 
एयर ड्रॉपेबल कंटेनर के विकसित होने के बाद जरूरी कल-पुर्जे और अन्य वस्तुओं का भंडार कम होने पर उसके लिए युद्धपोत को तट के करीब लाने की जरूरत कम हो जाएगी. एयर ड्रॉपेबल कंटेनर एडीसी-150 का सफल परीक्षण 22 जनवरी 2025 को गोवा के तट पर किया गया. इस कंटेनर के सफल परीक्षण से नौसेना की रसद पहुंचने की क्षमता में इजाफा होगा. डीआरडीओ की तीन प्रयोगशाला ने मिलकर इसे विकसित किया है. नवल साइंट एंड टेक्नोलॉजी लेबोरेटरी (एनएसटीएल) विशाखापत्तनम, एरियल डिलीवरी रिसर्च एंड डेवलपमेंट इस्टैब्लिशमेंट (एडीआरडीई) आगरा और एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट इस्टैब्लिशमेंट (एडीई) बेंगलुरु ने संयुक्त रूप से मिलकर इस कंटेनर को बनाया है.

 भारतीय नौसेना मारक क्षमता को लगातार बढ़ा रही 
समुद्री सरहद पर साउथ चाइना से लेकर अदन की खाड़ी तक बढ़ती हुई समुद्री चुनौती से निपटने के लिए नौसेना अपनी हवाई मारक क्षमता को लगातार बढ़ा रही है. इस कंटेनर का मकसद तट से दो हजार किलोमीटर या इससे अधिक दूरी पर तैनात जहाज तक संकट के समय तत्काल जरूरी सामग्री पहुंचे, ये सुनिश्चित करना है. लंबी दूरी तक निगरानी के लिए टोही विमान पी 8 आई और लड़ाकू विमान मिग 29 के को और घातक बनाया जा रहा है.

किया गया ट्रायल
सुपरसोनिक रैंपेज मिसाइल को नौसेना ने अपने मिग-29 के लड़ाकू विमान पर लगाया है. पाकिस्तान में बालाकोट एयर स्ट्राइक के बाद वायुसेना ने सुखोई-30 एमकेआई और मिग-29, जगुआर लड़ाकू विमानों को रैम्पेज मिसाइलों से लैस किया था. अब  नौसेना ने मिग-29 के नौसैनिक लड़ाकू विमानों के लिए मिसाइलों को अपने बेड़े में भी शामिल किया है. नौसेना ने पिछले एक साल में मिग-29 के विमान पर रैम्पेज मिसाइल को स्वदेशी उपकरणों की सहायता से लगा दिया है. हाल में रैम्पेज मिसाइल के साथ आईएनएस विक्रांत पर इसका ट्रायल किया गया.

हवा से जमीन पर मार करने में सक्षम रैम्पेज मिसाइल
चीन के साथ सीमा पर तनाव के मद्देनजर भारत अपनी सैन्य क्षमता को मजबूत करने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है. स्वदेश में रक्षा उपकरण बनाने के साथ ही अमेरिका और इजराइल जैसे मित्र देशों से अत्याधुनिक मिसाइलें और सैन्य उपकरण खरीद कर भी लड़ाकू विमानों के बेड़े की मारक क्षमता बढ़ाई जा रही है. हवा से जमीन पर मार करने वाली रैम्पेज मिसाइलों के शामिल होने से भारतीय लड़ाकू विमानों की मारक क्षमता और बढ़ गई है. साल 2019 में बालाकोट हवाई हमले में इस्तेमाल की गई स्पाइस-2000 की तुलना में यह मिसाइल अधिक दूरी तक मार कर सकती है. हाई-स्पीड लो ड्रैग-मार्क 2 मिसाइल के रूप में जानी जाने वाली रैम्पेज मिसाइल को इजराइल ने विकसित किया है. हाल के दिनों में इजराइल ने इसका इस्तेमाल ईरान के महत्वपूर्ण सैन्य ठिकानों पर हमले के लिए किया है. 

(मनजीत नेगी की रिपोर्ट)

 

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