गुजरात में कांग्रेस का राष्ट्रीय अधिवेशन हो रहा है. देश के कोने-कोने से नेता इस अधिवेशन में पहुंचे हैं. गुजरात में 64 साल बाद कांग्रेस का राष्ट्रीय अधिवेशन हो रहा है. इस सूबे में आखिरी बार साल 1961 में अधिवेशन हुआ था. ये 6वां ऐसा मौका है, जब कांग्रेस का राष्ट्रीय अधिवेशन गुजरात में हो रहा है. चलिए आपको बताते हैं कि सूबे में हुए अब तक के 5 अधिवेशन में क्या कुछ हुआ था.
गुजरात में पहला अधिवेशन-
गुजरात में पहली बार साल 1902 में कांग्रेस का राष्ट्रीय अधिवेशन हुआ था. ये अधिवेशन 23 दिसंबर से 26 दिसंबर तक चला था. अहमदाबाद में हुए इस अधिवेशन की अध्यक्षता सुरेंद्रनाथ बनर्जी ने की थी. इस अधिवेशन में भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन को मजबूत करने पर चर्चा हुई थी. इसमें अंग्रेजों के खिलाफ देश को एकजुट करने को लेकर मंथन हुआ था.
गुजरात में दूसरा अधिवेशन-
गुजरात में दूसरी बार कांग्रेस का राष्ट्रीय अधिवेशन साल 1907 में हुआ था. यह अधिवेशन 26-27 दिसंबर को सूरत में हुआ था. इसकी अध्यक्षता रास बिहारी घोष ने की थी. यह अधिवेशन कांग्रेस के इतिहास में काफी अहम था. इस अधिवेशन में कांग्रेस दो गुटों में बंट गई थी. एक गुट नरम दल और दूसरा गुट गरम दल कहलाया. इसके बाद अधिवेशन समाप्त हो गया था. इस घटना को सूरत विभाजन के नाम से भी जाना जाता है.
गुजरात में तीसरा अधिवेशन-
गुजरात में तीसरी बार कांग्रेस का राष्ट्रीय अधिवेशन अहमदाबाद में हुआ था. यह साल 1921 का था. अधिवेशन 27 और 28 दिसंबर को हुआ था. इसकी अध्यक्षता कार्यकारी अध्यक्ष हकीम अजमल ने की थी, क्योंकि उस समय कांग्रेस के अध्यक्ष सीआर दास जेल में कैद थे. इस अधिवेशन में महात्मा गांधी ने एक प्रस्ताव दिया था, जिसमें कहा गया था कि अगर अंग्रेज असहयोग आंदोलन की मांगों पर विचार नहीं करते हैं तो एक सविनय अवज्ञा आंदोलन शुरू किया जाएगा. महात्मा गांधी के इस प्रस्ताव का विट्ठलभाई पटेल ने समर्थन किया था.
गुजरात में चौथा अधिवेशन-
गुजरात में चौथी बार कांग्रेस का अधिवेशन साल 1938 में 19 से 22 फरवरी तक आयोजित किया गया था. यह अधिवेशन सुभाष चंद्र बोस की अध्यक्षता में हरिपुरा में आयोजित किया गया था. हरिपुरा बारडोली के पास है. इस अधिवेशन में पहली बार सुभाष चंद्र बोस कांग्रेस के अध्यक्ष बने थे. इस अधिवेशन में स्वतंत्रता की लड़ाई को और भी तेज करने पर जोर दिया गया था.
गुजरात में 5वां अधिवेशन-
गुजरात में 5वीं बार कांग्रेस का राष्ट्रीय अधिवेशन आजादी के बाद साल 1961 में आयोजित किया गया था. यह अधिवेशन भावनगर में 6-7 जनवरी को हुआ था. इसकी अध्यक्षता नीलम संजीव रेड्डी ने की थी. इससे एक साल पहले बॉम्बे राज्य से गुजरात को अलग किया गया था. इस अधिवेशन में आर्थिक और सामाजिक न्याय को लेकर चर्चा हुई थी.
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