आम चुनाव से पहले अविश्वास प्रस्ताव का सामना करने वाले नरेंद्र मोदी इंदिरा गांधी के बाद देश के सातवें निवर्तमान प्रधान मंत्री बन गए हैं. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने मणिपुर हिंसा पर सदन में बयान देने के लिए पीएम मोदी को मनाने के लिए केंद्र के खिलाफ कांग्रेस पार्टी के सांसद गौरव गोगोई के लाए गए विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया, जिससे लगातार पांच दिनों तक संसद ठप रही.
यह सातवां उदाहरण है जिसमें राष्ट्रीय चुनाव के 12 महीने पहले अविश्वास प्रस्ताव स्वीकार कर लिया गया है.
पिछले छह उदाहरण हैं:
आपको बता दें कि जब 1979 का प्रस्ताव पेश किया गया था, तब निर्धारित आम चुनाव तीन साल दूर थे, लेकिन जनता पार्टी गठबंधन सरकार के समय से पहले पतन के कारण 1980 में ही आयोजित किए गए थे.
इंदिरा गांधी ने किया था 15 अविश्वास प्रस्तावों का सामना
प्रधान मंत्री के रूप में इंदिरा गांधी को सबसे ज्यादा- - 15 अविश्वास प्रस्तावों का सामना करना पड़ा था. दिलचस्प यह रहा कि वह 15 फ्लोर टेस्ट को पास कर गईं. इनमें से तीन अविश्वास प्रस्ताव का उन्होंने भी आम चुनावों से मात्र एक साल पहले सामना किया था.
आपको बता दें कि भारत में अलग-अलग समय पर अब तक सरकार के खिलाफ 27 अविश्वास प्रस्ताव लाए जा चुके हैं और अब यह 28वां अविश्वास प्रस्ताव होगा. नियमों के अनुसार इस पर बहस 10 दिनों में शुरू होनी चाहिए. लोकसभा का रूल नंबर 198 कहता है कि स्पीकर को अनुमति की घोषणा करने के बाद बताना चाहिए कि अविश्वास प्रस्ताव पर इस दिन विचार किया जाएगा और यह निर्धारित तारीख अनुमति देने के 10 दिन के भीतर होनी चाहिए.