Blood donation: इंसानियत की मिसाल है ये शख्स, 120 से ज्यादा बार डोनेट कर चुके हैं ब्लड

कहा जाता है रक्तदान महादान है. लेकिन कोई आदमी कितनी बार रक्तदान कर सकता है. तो इसका जवाब मिलेगा जम्मू-कश्मीर से. घाटी यानी कश्मीर की वादियों से जुड़े एक ऐसे शख्स से, जिनकी पहचान अब किसी की मोहताज नहीं रही. ब्लड डोनेट करने के अपने जुनून की वजह से इन्होंने एक नया मुकाम हासिल किया है.

120 से ज्यादा बार डोनेट कर चुके हैं ब्लड
gnttv.com
  • श्रीनगर,
  • 14 मार्च 2023,
  • अपडेटेड 11:18 AM IST
  • 124 बार डोनेट कर चुके हैं ब्लड
  • पूरे जज्बे के साथ डोनेट कर रहे हैं शब्बीर

रक्तदान को महादान माना गया है. लेकिन उसके बावजूद भी कई लोग रक्तदान करने से कतराते हैं, क्योंकि उन्हें डर होता है कि रक्तदान से कहीं उनके शरीर में कमजोरी न आ जाए. लेकिन इसी बीच आज हम आपको एक ऐसे शख्स के बारे में बताएंगे जिन्होंने 124 बार खून दान करके कई लोगों की जिंदगी बचाई है. शब्बीर को उनकी इस आदत ने कश्मीर की पहचान से जोड़ दिया है. अब इन्हें यहां ब्लड मैन के नाम से जाना जाता है.

124 बार डोनेट कर चुके हैं ब्लड
घाटी में खून खराबे, गोलीबारी और जख्मी लोगों को देखने वाले शब्बीर अब उससे आगे की ज़िंदगी देखने के आदी हो चुके हैं. वो जिंदगी जहां गम की सिमटती रोशनी नहीं, बल्कि खुशियों और मुस्कुराहट का उजाला हो. शब्बीर को ब्लड डोनेशन का जुनून इस कदर है कि, वो अब तक 124 बार ब्लड डोनेट कर चुके है. उनके इस लगाव को समझना मुश्किल भी नहीं. लेकिन ये सच है कि ये सफर 4 दशक पुराना है.

इनके नाम हैं कई खिताब
शब्बीर के नाम देश के सबसे बड़े रक्तदान का आयोजन करने का खिताब भी है. जिसमें उन्होंने एक दिन में 1 लाख प्वाइंट ब्लड बैंक में जमा कराए. इसके अलावा शब्बीर को उनकी इस उपलब्धि के लिए अब तक न जाने कितने प्रशस्ति पत्र मिल चुके हैं और न जाने कितने सम्मान. शब्बीर अब तक देश विेदेश में कई जगह ब्लड डोनेट कर चुके हैं. बल्कि इस मुहिम में अब वो अकेले नहीं और कई भी लोग उनके साथ आ चुके हैं.

पूरे जज्बे के साथ डोनेट कर रहे हैं शब्बीर
शब्बीर ये सब तब कर रहे हैं. जब आज के दौर में कोई किसी की मदद करने से पहले 100 बार सोचता है. हालांकि शब्बीर की इच्छा है कि सरकार की तरफ से ब्लड डोनेट करने वालों को भी सम्मान दिया जाए. बहरहाल, शब्बीर का जज्बा उन्हें अभी रोकता नहीं. बल्कि हर दिन नई एनर्जी और उत्साह से भर देता है. फिर क्या शब्बीर निकल पड़ते हैं. घर से कश्मीर की पहचान के साथ किसी के चेहरे पर मुस्कुराहट लाने.

(श्रीनगर से अशरफ वानी की रिपोर्ट)

 

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