दुनिया के महान वैज्ञानिकों में से एक Stephen Hawking का जन्मदिन आज, इस वजह से इन्हें कहा जाता था नास्तिक

स्टीफन हॉकिंग (Stephen Hawking)का जन्म ऑक्सफोर्ड में चिकित्सकों के एक परिवार में हुआ था. अक्टूबर 1959 में, 17 साल की उम्र में, उन्होंने यूनिवर्सिटी कॉलेज, ऑक्सफोर्ड में अपनी विश्वविद्यालय की शिक्षा शुरू की,

स्टीफन हॉकिंग (Stephen Hawking)
तनुजा जोशी
  • नई दिल्ली,
  • 08 जनवरी 2022,
  • अपडेटेड 8:32 AM IST
  • चिकित्सकों के एक परिवार में जन्मे थे स्टीफन हॉकिंग
  • 21 साल की उम्र में हो गई थी लाइलाज बीमारी

विश्व प्रसिद्ध वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग (world famous scientist stephen hawking)का जन्म ब्रिटेन में 8 जनवरी 1942 को हुआ था. इनकी मृत्यु 14 मार्च 2018 को हुई थी. उन्हें 21 साल की उम्र में ही लाइलाज बीमारी हो गई थी, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी. और वह दुनिया के महान वैज्ञानिकों में से एक बन गए. शारीरिक तौर पर लगातार अपंग होते जाने के बावजूद उन्होंने अंतरिक्ष (Space) को लेकर गजब की खोजें कीं. 

हॉकिंग का जन्म ऑक्सफोर्ड में चिकित्सकों के एक परिवार में हुआ था. अक्टूबर 1959 में, 17 साल की उम्र में, उन्होंने यूनिवर्सिटी कॉलेज, ऑक्सफोर्ड में अपनी विश्वविद्यालय की शिक्षा शुरू की, जहां उन्होंने भौतिकी में प्रथम श्रेणी में बीए की डिग्री प्राप्त की. अक्टूबर 1962 में उन्होंने कैम्ब्रिज के ट्रिनिटी हॉल में अपना स्नातक कार्य शुरू किया, जहां मार्च 1966 में उन्होंने सामान्य रिलेटिविटी एंड यूनिवर्स विज्ञान में विशेषज्ञता के साथ व्यावहारिक गणित और सैद्धांतिक भौतिकी में पीएचडी की डिग्री प्राप्त की.

भगवान को नहीं मानते थे स्टीफन

स्टीफन हॉकिंग आज भी लोगों के लिए मिसाल हैं लेकिन, क्या आपको मालूम है कि वह भगवान को नहीं मानते थे. स्टीफन हाकिंग ने यह बात साफ कही थी कि वह भगवान को नहीं मानते क्योंकि भगवान कहीं नहीं हैं. किसी ने दुनिया नहीं बनाई और कोई हमारी किस्मत नहीं लिखता है. नास्तिक माने जाने वाले स्टीफन ने अपनी आखरी किताब में इसी बात का जिक्र किया है. 

उनकी किताब "इज देयर आ गॉड" में लिखा है, 'सदियों से यह माना जाता रहा है कि मेरे जैसे डिसेबल लोगों पर भगवान का श्राप होता है. लेकिन मेरा मानना है कि मैं कुछ लोगों को निराश करूंगा लेकिन मैं यह सोचना ज्यादा पसंद करूंगा कि हर चीज की व्याख्या दूसरे तरीके से की जा सकती है.' हॉकिंग की किताब का नाम है क्या वहां भगवान है ?

उन्होंने इसमें यह भी लिखा है कि उन्होंने 'भगवान' शब्द का इस्तेमाल गैर निजी तरीके से किया है. जैसा अल्बर्ट आइंस्टाइन लॉ ऑफ नेचर के लिए गॉड शब्द का इस्तेमाल करते थे. यानी लॉ ऑफ नेचर को समझना ही भगवान के दिमाग को समझना है. हॉकिंग ने लिखा है, 'मेरी भविष्यवाणी है कि हम इस सेंचुरी के खत्म होते-होते भगवान के दिमाग को समझने लगेंगे.'

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