आज हमारा देश हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन रहा है, अब योगी आदित्यानाथ ने इस क्षेत्र में एक और कदम उठाया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य में ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए नई सौर ऊर्जा नीति तैयार करने के निर्देश दिए हैं. इसके लिए योगी आदित्यानाथ ने संबंधित अधिकारियों से मुलाकात की.
योगी आदित्यानाथ ने कहा कि बढ़ती ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्यावरण संरक्षण के विकल्पों को तलाशना और गैर-पारंपरिक ऊर्जा विकल्पों को बढ़ावा देने की जरूरत है. योगी आदित्यानाथ ने इस बात पर जोर दिया कि हर क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के लक्ष्य को हासिल करना जरूरी है.
योगी आदित्यानाथ ने कहा कि राज्य में सौर ऊर्जा उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए हमें पारंपरिक ऊर्जा विकल्पों पर अपनी निर्भरता को कम करना होगा. इसलिए भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए नई सौर ऊर्जा नीति तैयार की जानी चाहिए. हमारा लक्ष्य अगले पांच सालों में 22,000 मेगावाट सौर ऊर्जा पैदा करना है. बता दें कि पीएम मोदी पहले ही यूपी में अयोध्या को 'मॉडल सोलर सिटी' की तर्ज पर बनाने की योजना पर काम कर रहे हैं. जल्द ही ये योजना दूसरे शहरों में भी शुरू की जाएगी.
पर्यावरण संरक्षण के विकल्पों को तलाशने की बात करते हुए योगी आदित्यानाथ ने ये भी कहा कि इमारतों की छतों पर सौर ऊर्जा संयंत्रों को ज्यादा से ज्यादा संख्या में लगाना चाहिए. इसके लिए योगी सरकार जल्द ही मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता में जिलों में सोलर सेल का गठन करेगी.
दूसरी तरफ कैदियों को भी सौर ऊर्जा उपकरण बनाने की ट्रेनिंग दी जाएगी. योगी आदित्यानाथ ने कहा कि कैदियों को सौर ऊर्जा पैनल, एलईडी बल्ब वगैरह बनाने की भी ट्रेनिंग देने की शुरूआत की जानी चाहिए. इसके लिए मएसएमई और स्टार्टअप्स को सोलर रूफटॉप मॉडल अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा.