अब आधार नंबर के बिना भी आप मतदाता बन सकते हैं. यानी मतदाता के रूप में पंजीकरण कराने वाले पर्चे में वयस्क नागरिकों को आधार कार्ड या नंबर अनिवार्य रूप से नहीं भरना होगा. चुनाव आयोग (ईसी) ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि मतदाता सूची से जोड़ने के लिए आधार संख्या प्रदान करना अनिवार्य नहीं है और यह इसे रिफ्लेक्ट करने के लिए नामांकन फॉर्म में "उचित स्पष्टीकरण परिवर्तन" जारी करने पर विचार किया जा रहा है.
चुनाव आयोग की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सुकुमार पट्टजोशी और अधिवक्ता अमित शर्मा ने भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली तीन-न्यायाधीशों की पीठ को बताया कि मतदाताओं के पंजीकरण (संशोधन) नियम 2022 के नियम 26-बी के तहत आधार संख्या जमा करना अनिवार्य नहीं है. नियम 26बी, जो "मौजूदा मतदाताओं द्वारा आधार संख्या प्रदान करने के लिए विशेष प्रावधान" से संबंधित है कहता है कि "प्रत्येक व्यक्ति जिसका नाम सूची में सूचीबद्ध है, अधिनियम की धारा 23 की उप-धारा (5) के अनुसार फॉर्म 6बी में पंजीकरण अधिकारी को अपना आधार नंबर सूचित कर सकता है.”
क्या है याचिका
तेलंगाना प्रदेश कमेटी के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट जी निरंजन ने इस संबंध में एक याचिका लगाई थी. उन्होंने इलेक्टर्स अमेंडमेंट अधिनियम 2022 की धारा 26 में नए मतदाता पहचान पत्र बनाने के प्रावधानों पर स्पष्टीकरण की मांग की थी. इसके मुताबिक मतदाता पहचान पत्र बनाने के लिए फॉर्म 6 और मतदाता की पहचान सुनिश्चित करने के लिए फॉर्म 6b है. इसमें आधार नंबर भरना अनिवार्य किया गया है. इसे लेकर याचिकाकर्ता ने कहा कि जिनके पास आधार कार्ड न हो लेकिन वे मतदान करने की उम्र के हो गए हों, उन्हें मतदाता सूची में शामिल नहीं किया जाता.
याचिकाकर्ता ने क्या है?
उन्होंने याचिका में कहा,“मतदाता सूची के प्रमाणीकरण की आड़ में, उत्तरदाता (केंद्र और चुनाव आयोग) मतदाताओं को विकल्प प्रदान किए बिना आधार नंबर जमा करने के लिए मजबूर कर रहे हैं, जो संविधान के अनुच्छेद 14, 21 के खिलाफ हैं. इससे अधिकार पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा.”अनुच्छेद 21 के तहत गोपनीयता की गारंटी है... इसके अलावा, जिन मतदाताओं ने अपना आधार नंबर जमा किया है, उनके व्यक्तिगत डेटा के दुरुपयोग की भी संभावना है.'' निरंजन ने कहा कि उन्होंने चुनाव आयोग से आवेदन पत्रों में बदलाव करने के लिए कहा था, लेकिन चुनाव आयोग ने उनके सुझावों पर विचार नहीं किया, और "केवल जवाब दिया कि आधार संख्या जमा करना स्वैच्छिक है."
चुनाव आयोग ने क्या कहा?
याचिका का निपटारा करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 18 सितंबर के अपने आदेश में पट्टजोशी का बयान दर्ज किया जिसमें कहा गया कि मतदाताओं के पंजीकरण (संशोधन) नियम 2022 के नियम 26-बी के तहत आधार संख्या जमा करना अनिवार्य नहीं है और इसलिए चुनाव आयोग उस उद्देश्य के लिए पेश किए गए फॉर्म में उचित स्पष्टीकरण परिवर्तन जारी करने पर विचार कर रहा है. जवाब में चुनाव आयोग की ओर से पेश हुए अधिवक्ताओं ने कहा कि वोटर रजिस्ट्रेशन फॉर्म में आधार नंबर भरने की अनिवार्यता को खत्म करने से संबंधित अधिसूचना जल्द जारी कर दी जाएगी. उन्होंने बताया कि मतदाता सूची में 66 करोड़ 23 लाख आधार नंबर पहले ही अपलोड हो चुके हैं. इनकी प्रोसेसिंग की जा रही है.
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