Smart Meter: चंडीगढ़ में लगाए जा रहे हैं अल्ट्रासोनिक स्मार्ट वॉटर मीटर, रिमोट सेंसिंग के जरिए जगह पर जाए बगैर हो जाएगा लीकेज बंद

चंडीगढ़ शहर में अल्ट्रासोनिक स्मार्ट वॉटर मीटर लगाए जा रहे हैं. ये काफी एडवांस होने वाले हैं. रिमोट सेंसिंग के जरिए जगह पर जाए बगैर भी लीकेज को बंद किया जा सकेगा.

Smart Meter
ललित शर्मा
  • चंडीगढ़ ,
  • 31 मई 2023,
  • अपडेटेड 6:26 PM IST
  • अल्ट्रासोनिक स्मार्ट वॉटर मीटर मिलना शुरू हो गया है
  • अगले साल तक प्रोजेक्ट पूरा करने की योजना 

स्मार्ट सिटी चंडीगढ़ के निवासियों के लिए अच्छी खबर है. ब्यूटीफुल सिटी चंडीगढ़ में इन दिनों जोरों शोरों से पानी के स्मार्ट मीटर लगाने का काम चल रहा है. जिससे शहर वासियों को लीकेज की समस्या से लेकर प्रतिदिन कितना पानी हर रोज प्रयोग में लाया जा रहे हैं. उसकी सटीक जानकारी मिल सकेगी, उसके अलावा किसी तरह के लीकेज की भी जानकारी नगर निगम के अधिकारियों तक पहुंच जाएगी और रिमोट सेंसिंग के जरिए बिना उस जगह पर जाए उस लीकेज को बंद किया जा सकता है. 

अल्ट्रासोनिक स्मार्ट वॉटर मीटर मिलना शुरू हो गया है

इन दिनों शहर के मनीमाजरा के निवासियों को चौबीसों घंटे पानी की आपूर्ति प्रदान करने के लिए एक पायलट परियोजना के तहत अल्ट्रासोनिक स्मार्ट वॉटर मीटर मिलना शुरू हो गया है. इस जगह पर लगभग 1,500 पानी के मीटरों को अल्ट्रासोनिक स्मार्ट वाले से बदल दिया गया है. क्षेत्र में कुल 13,700 मीटर बदले जाने हैं.

नगर निगम कमिश्नर आनंदिता मित्रा ने कहा किअल्ट्रासोनिक स्मार्ट वॉटर मीटर लगाने से नगर निगम के कर्मचारियों को मीटर रीडिंग लेने के लिए इन घरों में जाने की जरूरत नहीं होगी. रीडिंग एससीएडीए (पर्यवेक्षी नियंत्रण और डाटा अधिग्रहण) प्रणाली पर दिखाई देगी. सिस्टम न केवल हर महीने की रीडिंग बल्कि हर दिन कितना पानी खपत के आंकड़े भी देगा. इसके अलावा, नए मीटर 100 प्रतिशत सटीकता देते हैं.जिससे मैनपॉवर का सही प्रयोग होगा साथ ही मैन्युअल गलती और बिलिंग से भी बचा जा सकेगा.

रीडिंग लेने के लिए घर जाने की जरूरत नहीं 

आनंदिता मित्रा ने बताया कि रीडिंग लेने के लिए स्टाफ को घर जाने की जरूरत नहीं है क्योंकि आंकड़े सुपरवाइजरी कंट्रोल और डाटा एक्विजिशन सिस्टम पर उपलब्ध होंगे. वहीं किसी भी लाइन में किसी तरह की कोई लीकेज या फॉल्ट आती है तो सैमसंग के जरिए लाल और हरी बत्ती जलेगी और अगर कहीं भी लाल बत्ती जलती है तो अलार्म बजाकर अधिकारियों को उसकी जानकारी मिल सकेगी. जब तक कर्मचारी उस जगह पर नहीं पहुंच पाता है, तब तक रिमोट सेंसिंग के जरिए उस लीकेज और उस लाइन को बंद भी किया जा सकता है.

अगले साल तक प्रोजेक्ट पूरा करने की योजना 

नगर निगम कमिश्नर ने बताया कि लक्ष्य रखा गया है कि अगले साल अगस्त 2024 तक परियोजना को पूरा कर दिया जाए. पूरा होने पर शहरवासियों को 24 घंटे पानी की आपूर्ति होगी और दूषित पानी की समस्या का समाधान होगा. वहीं इस वक्त जो नॉन-रेवेन्यू जिसका चंडीगढ़ का अभी आंकड़ा लगभग 38% है उसे घटाकर 15% किया जाएगा.
 

 

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