बुराई पर अच्छाई की जीत! पर्यावरण बचाने की अनूठी पहल, सिगरेट बड से बन रहे खिलौने

ये महिलाएं इस सफेद स्टफिंग को सिगरेट के ठूंठ से बनाती है, जो फाइबर में अलग हो जाती है. शहर के अलग-अलग हिस्सों से भारी मात्रा में इसे इकट्ठा किया जाता है. उसके बाद इसे साफ करके ब्लीच किया जाता है.

सिगरेट बड से बन रहे खिलौने
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 05 अक्टूबर 2022,
  • अपडेटेड 4:30 PM IST
  • सिगरेट से बन रहे खिलौने
  • हजार किलोग्राम बड्स को कर रहे रिसाइकल

सिगरेट सेहत के लिए बहुत हानिकारक है. ये लाइन आपने कई जगह पढ़ी या सुनी होगी. कई लोगों ने इस पर ध्यान दिया होगा कई लोगों ने नहीं दिया होगा. लेकिन क्या आप जानते सोच सकते हैं, कि इस हानिकारक सिगरेट का कुछ ऐसा उपयोग हो जाए कि इससे बच्चों के चेहरे पर खुशी आ जाए. दिल्ली के बाहरी इलाके में कई ऐसी महिलाएं हैं, जो सिगरेट के बड से खिलौने बनाती हैं. ये महिलाएं कूड़ेदान में पाए जाने वाले सिगरेट के पीछे लगे बड से बच्चों के लिए खिलौने बनाती हैं. ये महिलाएं सॉफ्ट टॉय में सफेद स्टफिंग की जगह सिगरेट बड भी भरती है. 

सिगरेट से बन रहे खिलौने
दरअसल ये महिलाएं इस सफेद स्टफिंग को सिगरेट के ठूंठ से बनाती है, जो फाइबर में अलग हो जाती है. शहर के अलग-अलग हिस्सों से भारी मात्रा में इसे इकट्ठा किया जाता है. उसके बाद इसे साफ करके ब्लीच किया जाता है. शहर के लोग जो इसे  कूड़ा समझकर फेंक देते हैं. ये महिलाएं उस कूड़े से बच्चों के चेहरे पर मुस्कान ला रही हैं. इस सफेद फाइबर से खिलौने और तकिए बनाने के पीछे जो दिमाग है वो बिजनेसमैन नमन गुप्ता का. उसको बनाने की पहल नमन ने की थी.

हजार किलोग्राम बड्स को कर रहे रिसाइकल
राइटर को दिए एक इंटरव्यू में नमन ने बताया, "हमने 10 ग्राम प्रति दिन के साथ शुरुआत की थी. लेकिन अब हम लगभग हजार किलोग्राम बड्स को रिसाइकल करते हैं. हम सालाना लाखों सिगरेट बट्स को रीसायकल करने में सक्षम हैं." इसे अलावा नमन के हेल्पर्स केवल बड्स ही नहीं, बल्कि उसके ऊपर लगे पेपर को भी रिसाइकल कर देते हैं. उसके ऊपर लगे पेपर को खाद पाउडर में बदल दिया जाता है.

पर्यावरण को नहीं होगा नुकसान
विश्व स्वास्थ्य संगठन का अनुमान है कि लगभग 267 मिलियन लोग, जो भारत की वयस्क आबादी का लगभग 30 प्रतिशत है, तंबाकू का सेवन करते हैं, और शहरी सड़कों पर कूड़ा डालते हैं जहां सामान्य स्वच्छता मानक बेहद कम हैं. गुप्ता की फैक्ट्री में काम करने वाली पूनम ने कहा, "(इसलिए) यहां काम करने से हमारे पर्यावरण को भी साफ रखने में मदद मिलती है."

 

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