UP Byelection 2024: यूपी उपचुनाव में INDIA गठबंधन में सीट शेयरिंग आसान नहीं, Congress को 2 से ज्यादा सीट देने को तैयार नहीं Samajwadi Party

UP Politics: उत्तर प्रदेश उपचुनाव में इंडिया गठबंधन (INDIA Alliance) में सीट शेयरिंग आसान नहीं है. सूत्रों के हवाले से खबर है कि समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) कांग्रेस (Congress) को सिर्फ 2 सीट देना चाहती है. जबकि कांग्रेस ज्यादा सीटों पर लड़ना चाहती है. यूपी में 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने वाला है. इसमें से 5 सीटों पर समाजवादी पार्टी को जीत मिली थी. जबकि 5 सीटें एनडीए गठबंधन के खाते में हैं.

Akhilesh Yadav and Rahul Gandhi (Photo/PTI)
समर्थ श्रीवास्तव
  • लखनऊ,
  • 09 अगस्त 2024,
  • अपडेटेड 2:39 PM IST

लोकसभा चुनाव में अच्छे प्रदर्शन के बाद अब इंडिया गठबंधन (INDIA Alliance) हर चुनाव में एक साथ जाना चाहता है. उत्तर प्रदेश के उपचुनाव में इंडिया गठबंधन में सीट शेयरिंग आसान नहीं है. सूत्रों के हवाले से खबर है कि समाजवादी पार्टी कांग्रेस को सिर्फ 2 सीट देना चाहती है, जबकि कांग्रेस वो सभी सीटें चाहती हैं, जिनपर पिछले विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी को हार मिली थी. आपको बता दें कि यूपी में 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने वाला है. इनमें से एक सीट समाजवादी पार्टी के विधायक इरफान सोलंकी को सजा होने से खाली हुई है. जबकि 9 विधायकों के सांसद बनने से सीटें खाली हुई हैं. 

विपक्ष में सीट शेयरिंग आसान नहीं-
उपचुनाव में विपक्ष में सीट बंटवारा आसान नहीं है. समाजवादी पार्टी के सूत्रों के मुताबिक पार्टी कांग्रेस को अधिक से अधिक 2 सीटें देने के मूड में है. इसमें गाजियाबाद और मिर्जापुर की सीट की सबसे अधिक चर्चा है. जबकि, कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि पार्टी समाजवादी पार्टी से कम से कम 5 सीटें चाहती है. कांग्रेस चाहती है कि जिन सीटों पर समाजवादी पार्टी ने पहले जीत हासिल की थी, उन सीटों पर उसका लड़ना चाहिए. जबकि जिन सीटों पर पार्टी को हार मिली थी, उन सीटों को कांग्रेस को देना चाहिए. दोनों पार्टियों का कोई भी लीडर इस मामले पर खुलकर बोलने को तैयार नहीं है. इसके अलावा समाजवादी पार्टी महाराष्ट्र और हरियाणा में हिस्सेदारी चाहती है.

बता दें कि, महाराष्ट्र में साल 2019 के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के 2 विधायक जीते थे. इससे पहले भी समाजवादी पार्टी वहां चुनाव जीतती रही है. इसी आधार पर अखिलेश यादव की पार्टी ने महाराष्ट्र में दावा करने का फैसला किया है. वहीं, हरियाणा की 20 सीटों पर मुस्लिम-यादव समीकरण प्रभावी है, जिसे समाजवादी पार्टी अपने पक्ष में मानती है.

हालांकि समाजवादी पार्टी के प्रवक्त फखरूल हसन चांद का कहना है कि यूपी में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन है. लेकिन उपचुनाव में सीटों के मामले में कोई भी निर्णय समय आने पर पार्टी नेतृत्व ही लेगा. चांद कहते हैं कि अयोध्या से अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद का चुनाव लड़ना तय है और उन्हें वहां तैयारी के लिए बोल दिया गया है. सूत्रों के मुताबिक करहल से तेज प्रताप यादव, अंबेडकरनगर से लालजी वर्मा की बेटी छाया वर्मा, कुंदरकी से हाजी रिजवान, मीरापुर से कादिर राणा के नाम चर्चा में है. जबकि इरफान सोलंकी के परिवार में किसी को कानपुर से टिकट मिल सकता है. हालांकि, समाजवादी पार्टी ने अभी तक किसी नाम का आधिकारिक ऐलान नहीं किया है और पार्टी अंत में नाम बदलने के लोकसभा चुनाव वाले फॉर्मूला पर एक बार फिर भरोसा कर सकती है.

बीजेपी का विपक्ष पर तंज-
इस पूरे मामले पर बीजेपी ने विपक्ष पर तंज कसा है. बीजेपी प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने बताया कि गठबंधन को लेकर समाजवादी पार्टी का इतिहास बहुत अच्छा नहीं रहा है. समाजवादी पार्टी का गठबंधन जिन राजनीतिक दलों के साथ चुनाव के पहले होता है, वह चुनाव के बाद टूट जाता है. तनातनी की खबरें आ रही है, क्योंकि समाजवादी पार्टी भी महाराष्ट्र और हरियाणा में सीटों की डिमांड कर रही है. इस उपचुनाव में तय हो जाएगा कि यह गठबंधन कितना आगे चलेगा. उन्होंने कहा कि बीजेपी अपने गठबंधन के साथ पूरी तरह से तैयार है. इन सीटों पर जब भी चुनाव की घोषणा होगी, सभी सीटों पर बीजेपी का कमल खिले और पार्टी जीत कर आए, इसके लिए पार्टी संगठन ने हर प्रकार की रणनीति बनाना शुरू कर दिया है. पार्टी की बैठकें हो रही हैं और मुख्यमंत्री योगी खुद प्रभारी मंत्रियों को तैनात कर विकास कार्यों का जायजा ले रहे हैं, ताकि हर स्थिति में बीजेपी के कमल का फूल खिले.

कांग्रेस का क्या कहना है-
यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने बताया कि उपचुनाव में 10 की 10 सीटें जीतेंगे, डंके की चोट पर. समाजवादी पार्टी और कांग्रेस मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं. पूरा का पूरा माहौल हमारे पक्ष में है. आम जनता इनके दिखावे के साथ ऊब चुकी है. सीट शेयरिंग में बात न बनने के बीजेपी के दावे पर उन्होंने कहा कि यह लोग हमारे तालमेल के लिए क्यों परेशान हैं? वह अपना तालमेल बिठा नहीं पा रहे हैं, ना अब योगी का, अमित शाह के साथ तालमेल मिल रहा है और न योगी का केशव मौर्य के साथ तालमेल दिख रहा है. अपने में ही लड़े जा रहे हैं. रोज पंचायत हो रही है. संघ पंचायत करता है, कभी दिल्ली दरबार में किया जाता है. अपना तालमेल बैठाएं, हमारी चिंता न करें. फिलहाल एक बात तो तय है कि उपचुनाव को लेकर चाहे इंडिया गठबंधन हो या बीजेपी सीट शेयरिंग किसी के लिए भी आसान नहीं होने वाला है.

इन सीटों पर होना है उपचुनाव-
समाजवादी पार्टी के 4 विधायकों अखिलेश यादव, अवधेश प्रसाद, लालजी वर्मा और जियाउर रहमान बर्क की सीटें खाली हुई हैं. ये चारों लीडर लोकसभा के सदस्य चुने गए हैं. साल 2022 विधानसभा चुनाव  में अखिलेश यादव करहल, अवधेश प्रसाद मिल्कीपुर, लालजी वर्मा कटेहरी और जियाउर रहमान कुंदरकी विधानसभा सीट से जीत दर्ज की थी. 

खैर से बीजेपी विधायक अनूप प्रधान वाल्मीकि, गाजियाबाद से अतुल गर्ग और फूलपुर से बीजेपी विधायक प्रवीण पटेल के भी लोकसभा सदस्य चुने गए हैं. इसकी वजह से ये सीटें भी खाली हुई हैं. जबकि मिर्जापुर के मझवा सीट से निषाद पार्टी के विधायक विनोद कुमार बिंद और मीरापुर से आरएलडी विधायक चंदन चौहान भी अब सांसद हो गए हैं.

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