आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन को धरातल पर उतारने में यूपी अव्वल साबित हुआ है. प्रदेश में 4.7 करोड़ हेल्थ अकाउंट बनाए जा चुके हैं. परिवार और स्वास्थ्य कल्याण मंत्रालय के 'राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण' के ताजा आंकड़ों के अनुसार यूपी हेल्थ प्रोफेशनल्स के पंजीकरण के मामले में भी नम्बर एक पर है. वहीं 2.73 करोड़ मेडिकल हिस्ट्री अपडेट की गई है.
यूपी में बने 4.77 करोड़ हेल्थ अकाउंट
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के ‘राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण’ ने ताजा आंकड़े जारी किए हैं. आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन को धरातल पर उतारने में यूपी ने बड़ी सफलता हासिल की है. आंकड़ों के अनुसार यूपी ने आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट निर्मित करने में देश में नंबर एक स्थान हासिल किया है. उत्तर प्रदेश ने 4,77,19,482 आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट (HBHA) बनाए हैं. जबकि हेल्थ अकाउंट बनाने में आंध्र प्रदेश दूसरे और मध्य प्रदेश तीसरे स्थान पर है. वहीं अगर अन्य राज्यों की बात करें तो महाराष्ट्र चौथे औेर गुजरात पांचवें स्थान पर है. इन 4.77 करोड़ अकाउंट्स में 2.73 करोड़ से ज्यादा लोगों के हेल्थ रिकॉर्ड को भी अपडेट किया जा चुका है.
हेल्थ प्रोफेशनल्स के पंजीकरण में भी यूपी अव्वल
यूपी में हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स के रजिस्ट्रेशन, डिजिटल हेल्थ इंसेंटिव योजना में भी काम हुआ है. स्कैन एंड शेयर टोकन बनाने में भी उत्तर प्रदेश अव्वल रहा है. प्रदेश में कुल 42,741 हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स का रजिस्ट्रेशन आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के अंतर्गत किया जा चुका है. इसमें 10 हजार से अधिक डॉक्टर और 32 हजार से अधिक नर्सिंग स्टाफ शामिल हैं. वहीं हेल्थ फैसिलिटी रजिस्ट्रेशन (HFR) के मामले में यूपी देश में दूसरे स्थान पर है. प्रदेश में 38,863 हेल्थ फैसिलिटी सेंटरों को रजिस्टर किया जा चुका है. इनमें सरकार और प्राइवेट स्वास्थ्य सुविधा केंद्र शामिल हैं.
डिजिटल टोकन से ओपीडी के लिए अब 4-5 मिनट की वेटिंग
यूपी में आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन सेवा के उपयोग से ऑनलाइन ओपीडी के लिए 33,79,592 टोकन रजिस्ट्रेशन किया गया है. ये पूरे देश में सबसे ज्यादा हैं. जबकि कर्नाटक दूसरे, जम्मू एवं कश्मीर तीसरे, दिल्ली चौथे, आंध्र प्रदेश पांचवें और छत्तीसगढ़ छठे स्थान पर है. डिजिटल ओपीडी टोकन रजिस्ट्रेशन का सबसे बड़ा फायदा ये हुआ है कि पहले जहां आयुष्मान कार्डधारी मरीजों को ओपीडी में दिखाने के लिए तकरीबन एक घंटे तक का इंतजार करना पड़ता था, जोकि अब घटकर 5 मिनट रह गया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वयं समय समय पर प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं और योजनाओं का लाभ लोगों तक पहुंचाने के लिए किए जा रहे कार्यों की ना सिर्फ समीक्षा की है बल्कि अधिकारियों को दिशा-निर्देश भी जारी किया जा चुका है.
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