UP Digital Media Policy: सोशल मीडिया पर चलाएं यूपी सरकार का एड, मिलेंगे 4 से 8 लाख... 'राष्ट्र विरोधी' कंटेंट डाला तो होगी जेल

राज्य सरकार अपनी नीतियों को कंटेंट, ट्वीट, वीडियो और रील्स के जरिए प्रोमोट करने के लिए एजेंसियों और इन्फ्लुएंसर्स की लिस्ट तैयार करेगी. सूचना विभाग के प्रमुख सचिव संजय प्रसाद ने एक बयान में कहा कि इस नीति के जरिए वह प्रदेशवासियों को रोजगार दे सकेंगे.

The Yogi Adityanath-led Uttar Pradesh government has issued a final ultimatum to its employees to declare their assets by August 31 or face serious consequences. 
gnttv.com
  • नई दिल्ली ,
  • 28 अगस्त 2024,
  • अपडेटेड 11:23 AM IST
  • राज्य कैबिनेट ने दी नई नीति को मंजूरी
  • सूचना विभाग ने तैयार की थी नीति

उत्तर प्रदेश कैबिनेट (UP Cabinet) ने राज्य डिजिटल मीडिया नीति, 2024 (/UP Digital Media Policy) को मंजूरी दे दी है. यह नीति राज्य के सूचना विभाग ने तैयार की थी. इस नीति के तहत जहां सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स (Social Media Influencers) को उत्तर प्रदेश सरकार की योजनाओं का विज्ञापन करने के लिए पैसे दिए जाएंगे, वहीं 'अनुचित, अभद्र और राष्ट्र-विरोधी' चीजें सोशल मीडिया पर पोस्ट करने के लिए लोगों को जेल भी हो सकती है. 

क्या कहती है नई नीति?
सूचना विभाग के प्रमुख सचिव संजय प्रसाद के अनुसार, राज्य सरकार अपनी नीतियों को कंटेंट, ट्वीट, वीडियो और रील्स के जरिए प्रोमोट करने के लिए एजेंसियों और इन्फ्लुएंसर्स की लिस्ट तैयार करेगी. ये इन्फ्लुएंसर राज्य सरकार की योजनाओं और उपलब्धियों का प्रचार एक्स, फेसबुक और इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया मंचों पर करेंगे. 

प्रसाद ने एक बयान में कहा कि इस नीति को कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद वह उत्तर प्रदेश के बाहर, यहां तक कि विदेश में रह रहे प्रदेशवासियों को भी रोजगार दे सकेंगे. सूचना विभाग ने इस काम के लिए इन्फ्लुएंसर्स और एजेंसियों को उनकी फॉलोवर काउंट के आधार पर चार वर्गों में बांटा है. 

माहाना आठ लाख तक सैलरी
नीति में कहा गया है कि कैटेगरी के अनुसार एक्स, फेसबुक और इंस्टाग्राम के इन्फ्लुएंसरों को यूपी सरकार का विज्ञापन करने के लिए प्रति माह पांच लाख, चार लाख, तीन लाख और दो लाख रुपये दिए जाएंगे. यूट्यूब पर वीडियो/शॉर्ट्स/पॉडकास्ट के जरिए सरकार के विज्ञापन करने पर आठ लाख, सात लाख, छह लाख और चार लाख रुपये प्रति माह दिए जाएंगे. 

कानूनी कार्रवाई का भी प्रावधान
नीति में एजेंसियों/फर्मों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई का भी प्रावधान है. अगर संबंधित एजेंसियां या इन्फ्लुएंसर फेसबुक, एक्स, इंस्टाग्राम और यूट्यूब जैसे मंचों पर कोई 'आपत्तिजनक सामग्री' अपलोड करते हैं तो उनके खिलाफ 'नियमानुसार विधिक कार्यवाही' की जाएगी. बयान में कहा गया, "किसी भी स्थिति में कंटेंट अभद्र, अश्लील या राष्ट्र विरोधी नहीं होना चाहिए." 

गौरतलब है कि अभी तक सोशल मीडिया पर अभद्र और अश्लील कंटेंट डालने पर आईटी एक्ट की धारा 66ई के तहत कार्रवाई होती थी. जबकि देशविरोधी कंटेंट पोस्ट करने वालों पर 66एफ के तहत कार्रवाई की जाती थी. 
 

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