UP Police: उत्तर प्रदेश पुलिस में 'प्रांतीय सेवा संवर्ग' यानी पीपीएस कैडर के 26 अफसरों की 21 अगस्त को डीपीसी (Departmental Promotion Committee) होगी. इस डीपीसी की बैठक में यूपी के डीजीपी विजय कुमार, मुख्य सचिव डीएस मिश्रा के साथ गृह मंत्रालय के अधिकारी भी शामिल होंगे. पीपीएस की इस डीपीसी में 1993 बैच के 16 अधिकारी और 94 बैच के 10 अफसर आईपीएस हो जाएंगे.
21 अगस्त को होगा कार्यक्रम
यूपी पुलिस का 21 अगस्त को विभागीय पदोन्नति समिति (DPC) का कार्यक्रम होगा. जिसमें 26 पीपीएस अधिकारी की पदोन्नति होगी और वह आईपीएस बन जाएंगे. इसमें 93 बैच के 16 और 94 बैच के 10 अधिकारी शामिल हैं. इनके अलावा 13 पीपीएस अधिकारी ऐसे भी हैं जो इनसे सीनियर तो है, लेकिन प्रमोशन नहीं दिया जाएगा.
पीपीएस से आईपीएस बनें अधिकारियों की लिस्ट
93 बैच के 16 अधिकारी
94 बैच के 10 अधिकारी
सैलरी में नहीं होगा इजाफा
पीपीएस से आईपीएस प्रमोशन पाने का अफसरों को साइड इफेक्ट भी भुगतना पड़ता है. अमूमन जो अधिकारी अगस्त महीने में पीपीएस से आईपीएस बनेंगे उनका प्रमोशन तो आईपीएस में हो जाएगा लेकिन सैलरी में कोई इजाफा नहीं होगा और ना ही कुछ सालो तक सैलरी बढ़ती है. दरअसल पीपीएस में सीनियरिटी के आधार पर जो अफसर आईपीएस बनने की कगार पर होते हैं उनका सैलेरी स्केल डीआईजी और आईजी के बराबर हो जाता है लेकिन जैसे ही अधिकारी आईपीएस होगा. इनको आईपीएस का बैच उसी साल का मिलता है. ऐसे पीपीएस अफसरों की सैलेरी तो शुरुआती नहीं होती है, कुछ सालो तक उन पीपीएस अफसरों को उसी तनख्वाह में काम करना पड़ता है. नियम है कि जो तनख्वाह मिलती है वही तनख्वाह मिलती रहेगी. भविष्य में इंक्रीमेंट नहीं होगा. जब तक कि उनका बैच प्रमोशन पाकर सैलेरी स्केल तक नहीं पहुंच जाता. यानी जो 13 अधिकारी आईपीएस नहीं बन पाए हैं उनको पद भले ही आईपीएस का ना मिला हो लेकिन उनको तनख्वाह आईजी और डीआईजी की ही मिलती रहेगी. साथ ही भविष्य में प्रमोशन होने पर उनकी तनख्वाह भी बढ़ेगी. लेकिन जो आईपीएस बन जाएंगे उनकी तनख्वाह तभी बढ़ेगी जब उनका बैच उनके सैलेरी स्केल तक आ जाएगा.
संतोष कुमार की रिपोर्ट....