प्रयागराज महाकुंभ के लिए यूपी के पुलिसकर्मी जेंडर संवेदनशीलता और सॉफ्ट स्किल का पाठ पढ़ेंगे

बड़ी संख्या में आने वाली महिला श्रद्धालुओं को देखते हुए उनसे व्यवहार और जेंडर संवेदनशीलता का पाठ भी पढ़ाया जाएगा. यूपी सरकार की कोशिश है कि महाकुंभ में पुलिस कर्मियों के अच्छे व्यवहार से व्यवस्था सुगम हो.

Gender sensitization training
शिल्पी सेन
  • लखनऊ ,
  • 23 अक्टूबर 2024,
  • अपडेटेड 5:43 PM IST

प्रयागराज महाकुंभ में तैनात पुलिसकर्मियों को 'जेंडर सेंसीटाईजेशन' और 'सॉफ्ट स्किल' की ट्रेनिंग दी जाएगी. उन्हें महाकुंभ में आने वाले साधु-संतों, पर्यटकों से बातचीत का तौर-तरीका सिखाया जाएगा. बड़ी संख्या में आने वाली महिला श्रद्धालुओं को देखते हुए उनसे व्यवहार और जेंडर संवेदनशीलता का पाठ भी पढ़ाया जाएगा. यूपी सरकार की कोशिश है कि महाकुंभ में पुलिस कर्मियों के अच्छे व्यवहार से व्यवस्था सुगम हो.

पुलिसकर्मियों को जेंडर सेंसिटाईजेशन की ट्रेनिंग
दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन महाकुंभ शुरू होने से पहले यूपी सरकार ने तैयारियां तेज कर दी हैं. महाकुंभ में तैनात होने वाले पुलिसकर्मियों को सरकार खास ट्रेनिंग देगी, जिसके तहत पुलिसकर्मियों को जेंडर संवेदनशीलता का पाठ पढ़ाया जाएगा. प्रयागराज के परेड ग्राउंड में 16 अक्टूबर से पहले बैच का प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू हो चुका है. इसमें खासतौर से महिला श्रद्धालुओं पर फ़ोकस है. दरअसल महाकुंभ में करोड़ों की संख्या में आने वाली महिला श्रद्धालुओं की मदद के लिए हर जगह महिला पुलिस तैनात करना संभव नहीं है. इसलिए पुरूष पुलिस कर्मियों को भी जेंडर संवेदनशीलता (Gender sensitization) की ट्रेनिंग दी जा रही है. महिलाओं के प्रति संवेदनशील व्यवहार करने और महिलाओं की मदद करने और उनसे बातचीत के तौर तरीके को इसमें सिखाया जाएगा.

दिसंबर तक चलने वाले इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के पहले चरण में 21 दिनों तक दो बैच में प्रशिक्षण दिया जा रहा है. महाकुंभ के एसएसपी राजेश द्विवेदी ने बताया कि 'महाकुंभ में 'सुरक्षा आपकी-संकल्प हमारा' ध्येय वाक्य  साथ-साथ यूपी पुलिस का पूरा ध्यान महाकुंभ के दौरान श्रद्धालुओं की हर संभव मदद और उनके प्रति विनम्र व्यवहार करने पर है, ताकि श्रद्धालु महाकुंभ से लौट कर अपने साथ सुखद अनुभव ही लेकर जाएं.'

लोगों की मदद के लिए 'सॉफ्ट स्किल' सीखेंगे पुलिसकर्मी
महाकुंभ में बड़ी संख्या में आने वाले श्रद्धालुओं, साधुओं, संन्यासियों और पर्यटकों की सुरक्षा की जिम्मेदारी यूपी पुलिस के हाथों में होगी. इसके साथ ही पूरे महाकुंभ क्षेत्र में लोगों की मदद और उनके साथ विनम्र व्यवहार भी उनको करना होगा. ऐसे में यूपी पुलिस कर्मियों को लोगों से व्यवहार का उचित तरीका और सॉफ्ट स्किल भी सिखाया जाएगा. सॉफ्ट स्किल के तहत पुलिस कर्मियों को श्रद्धालुओं से बातचीत करने का सही तरीक़ा, लोगों को स्नान क्षेत्र और ठहरने के स्थान के बारे में सही से बताना, रास्ता भटक जाने पर मदद के लिए केंद्र में पहुंचाना, यातायात के साधन और मेले के सही रूट की जानकारी देना भी बताया जा रहा है.

इस बार के महाकुंभ की व्यवस्था में टेक्नोलॉजी का प्रयोग भी बड़े पैमाने पर होने वाला है. एसएसपी महाकुंभ के अनुसार 'विदेशी पर्यटकों और देश के कोने-कोने से आने वाले श्रद्धालुओं से उनकी भाषा में बात कर मदद करने के लिए एआई टेक्नॉलाजी की मदद भी ली जाएगी. इसके लिए भाषिणी एप का सहारा यूपी पुलिस लेगी जिससे कई भाषाओं का अनुवाद किया जा सकता है. पुलिसकर्मियों को चैटबॉट की भी जानकारी दी जा रही है.

यूपी सरकार के अनुसार महाकुंभ 2025 में लगभग 40 करोड़ लोगों के आने का अनुमान है. इसमें बड़ी संख्या महिलाओं की होगी. UNESCO की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत (Intangible cultural heritage) में दर्ज़ कुम्भ मेला दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन है.
 

 

Read more!

RECOMMENDED