लोकसभा चुनाव खत्म होने के बाद पहली बार उत्तर प्रदेश की योगी सरकार की कैबिनेट की बैठक मंगलवार को हुई. इस बैठक में 41 प्रस्तावों पर मुहर लगाई गई. इस बैठक में महाकुंभ 2025 की तैयारियों के संबंध में प्रस्ताव पास हुआ. इस बार महाकुंभ 3200 हेक्टेयर की बजाय 4000 हेक्टेयर में लगेगा. घाटों का दायरा बढ़ाया गया है. इसके अलावा राज्य विश्वविद्यालय से राज्य शब्द हटाने का प्रस्ताव पास किया गया. 2 निजी विश्वविद्यालयों को लेटर ऑफ इंटेंट देने का भी प्रस्ताव योगी कैबिनेट से पास किया गया.
तबादला पॉलिसी पर मुहर-
योगी सरकार ने राज्य के कर्मचारियों को तोहफा दिया है. कैबिनेट की बैठक में सरकार ने साल 2024-25 के लिए तबादला नीति पर मुहर लगा दी है. कर्मचारियों के प्रतिवेदन के आधार पर तबादले होंगे. तबादला प्रोसेस को 30 जून तक पूरा करना है. तबादला नीति के तहत समूह 'क' और 'ख' के ऐसे अधिकारी जो जिलों में 3 साल और मंडल में 7 साल पूरा कर चुक हैं, उनका तबादला किया जाएगा. समूह 'क' और 'ख' के अधिकारियों और कर्मचारियों की कुल संख्या के अधिकतम 20 फीसदी ही तबादले हो सकेंगे.
बरेली और गाजियाबाद में यूनिवर्सिटी को मंजूरी-
योगी कैबिनेट की बैठक में बरेली और गाजियाबाद में विश्वविद्यालय को मंजूरी मिली है. बरेली में फ्यूचर यूनिवर्सिटी और गाजियाबाद में एचआरआईटी यूनिवर्सिटी को मंजूरी मिली है. बरेली की फ्यूचर ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूट को यूनिवर्सिटी का दर्जा मिलेगा. इस विश्वविद्यालय में 15 हजार से ज्यादा छात्र पढ़ते हैं. यह संस्थान 15 साल से अधिक समय से शैक्षणिक गतिविधियों में जुटा है.
कई और प्रस्तावों पर लगी मुहर-
योगी कैबिनेट की बैठक में 42 प्रस्ताव पेश किये गए थे. जिसमें से 41 प्रस्तावों पर मुहर लगी. चलिए आपको बताते हैं कि योगी कैबिनेट की बैठक में कौन-कौन से बड़े प्रस्तावों पर मुहर लगी.
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