Uttar Pradesh: Afzal Ansari पर Allahabad High Court का फैसला आज, 29 तारीख से क्या है खास कनेक्शन, जानें

गाजीपुर सांसद अफजाल अंसारी की जिंदगी से 29 तारीख का अहम कनेक्शन है. 29 तारीख उनकी जिंदगी में कई बड़े बदलाव का कारण बना है. एक बार फिर 29 तारीख के दिन अफजाल अंसारी से जुड़े एक केस में इलाहाबाद हाई कोर्ट का फैसला आने वाला है. 29 तारीख के साथ अफजाल अंसारी की जिंदगी से जुड़ा एक और इत्तेफाक है. अफजाल जब-जब सांसद बने हैं, तब उनको जेल जाना पड़ा है.

Afzal Ansari
संतोष शर्मा
  • लखनऊ,
  • 29 जुलाई 2024,
  • अपडेटेड 8:01 AM IST

उत्तर प्रदेश की सियासत में चर्चित अंसारी फैमिली के लिए आज का दिन यानी 29 जुलाई का दिन काफी अहम है. आज गाजीपुर सांसद अफजाल अंसारी के राजनीतिक भविष्य का फैसला होना है. इलाहाबाद हाईकोर्ट की जस्टिस संजय सिंह की बेंच गैंगस्टर केस में अफजाल अंसारी को मिली 4 साल की सजा पर फैसला सुनाएगी. बेंच ने 4 जुलाई को फैसला सुरक्षित रख लिया था.

गाजीपुर सांसद अफजाल अंसारी का 29 तारीख से खास कनेक्शन रहा है. अफजाल अंसारी की जिंदगी में 29 तारीख को कई बड़े बदलाव आए हैं. मुख्तार अंसारी के भाई अफजाल से 29 तारीख का क्या कनेक्शन है. चलिए आपको बताते हैं.

  • बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय की हत्या 29 नवंबर 2005 को हुई थी. इस हत्याकांड में ही अफजाल अंसारी को 4 साल की सजा हुई है.
  • गाजीपुर की एमपी एमएलए कोर्ट ने गैंगस्टर के केस में जब अफजाल अंसारी को 4 साल की सजा सुनाई, वो तारीख 29 अप्रैल 2023 थी.
  • जब मुख्तार अंसारी की बांदा जेल में मौत हुई और अफजाल अंसारी के सामने भाई मुख्तार का जनाजा आया और सुपुर्दे खाक किया तो वह तारीख 29 मार्च 2024 थी.
  • अब जब गैंगस्टर एक्ट केस में इलाहाबाद हाईकोर्ट का अपना फैसला सुनाना है तो फिर तारीख 29 पड़ी है.

सांसद बनने पर गए जेल-
अफजाल अंसारी की जिंदगी के साथ एक और इत्तेफाक जुड़ा है. यूं तो अफजाल अंसारी 5 बार विधायक और 3 बार सांसद बने हैं. लेकिन जब-जब अफजाल अंसारी सांसद बने हैं, तब-तब उनको जेल जाना पड़ा है.

अफजाल अंसारी सबसे पहले सांसद 2004 के लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के टिकट पर गाजीपुर से सांसद बने थे. लेकिन 29 नवंबर 2005 को बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय की हत्या हो गई और दिसम्बर 2005 को अफजाल अंसारी को साजिश रचने के आरोप में जेल जाना पड़ा.

  • साल 2009 में अफजाल अंसारी ने बीएसपी के टिकट पर चुनाव लड़ा, लेकिन चुनाव हार गए.
  • साल 2014 में बलिया सीट से कौमी एकता दल के टिकट पर चुनाव लड़ा, वहां फिर चुनाव हार गए.
  • 2019 में अफजाल अंसारी बीएसपी के टिकट पर गाजीपुर से चुनाव लड़े और दूसरी बार सांसद चुने गए. लेकिन दूसरी बार सांसद बनने के 4 साल बाद अप्रैल 2023 में गाजीपुर की एमपी एमएलए कोर्ट ने गैंगस्टर एक्ट में 4 साल की सजा सुनाई और अफजाल अंसारी को जेल जाना पड़ा.
  • इलाहाबाद हाई कोर्ट से जमानत और सुप्रीम कोर्ट से सजा पर अंतरिम रोक के फैसले के बाद फिर अफजाल अंसारी तीसरी बार गाजीपुर से सांसद बने हैं.
  • अब अफजाल अंसारी पर सांसद बनने और जेल जाने का इत्तेफाक तीसरी बार होगा या नहीं. यह इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले के साथ तय हो जाएगा.

क्या है अफजाल अंसारी पर केस-
29 नवंबर 2005 को गाजीपुर में बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय की हत्या के मामले में मुख्तार अंसारी और अफजाल अंसारी को भले ही कोर्ट ने बरी कर दिया. लेकिन कृष्णानंद राय हत्याकांड के बाद दर्ज हुए गैंगस्टर एक्ट के केस में गाजीपुर की एमपी एमएलए कोर्ट ने बीते 29 अप्रैल 2023 को मुख्तार अंसारी को 10 साल और अफजाल अंसारी को 4 साल की सजा सुनाई थी. आज अफजाल अंसारी को उसी केस में सुनाई गई 4 साल की सजा पर हाईकोर्ट की सिंगल बेंच अपना फैसला सुनाएगी. जस्टिस संजय कुमार सिंह की बेंच ने 4 जुलाई को फैसला सुरक्षित रख लिया था.

अफजाल अंसारी ने एमपी एमएलए कोर्ट के फैसले को इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अफजाल अंसारी को गैंगस्टर के मामले में जमानत तो दी. लेकिन सजा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया. अफजाल अंसारी ने जेल से बाहर आने के बाद सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाई और दलील दी कि वह गाजीपुर जिले की 20 लाख की जनता के प्रतिनिधि हैं. उनकी सदस्यता खत्म होने से जिले की 20 लाख जनता का प्रतिनिधित्व नहीं रह गया. जिले का विकास कार्य प्रभावित हो रहा है. सुप्रीम कोर्ट ने अफजाल अंसारी की इस दलील को सुनने के बाद पाबंदी के साथ सदस्यता को जारी रखने का आदेश दिया. लेकिन इलाहाबाद हाई कोर्ट को 30 जून तक गैंगस्टर एक्ट में सजा की अपील को निस्तारित करने की हिदायत भी दी.

हाई कोर्ट में अफजाल अंसारी की तरफ से तर्क रखा गया है कि कृष्णानंद राय हत्याकांड के मुख्य केस में अफजाल अंसारी साजिश रचने के आरोपी थे और जिसमें कोर्ट ने बरी कर दिया है. ऐसे में मुख्य केस में बरी होने के बाद गैंगस्टर एक्ट के मुकदमे में उनकी सजा को भी रद्द किया जाए.

वहीं, दूसरी तरफ कृष्णानंद राय के परिवार और उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से मांग की गई है कि गैंगस्टर के केस में मुख्तार अंसारी की तरह ही अफजाल अंसारी भी बराबर से शामिल रहे, ऐसे में अफजाल अंसारी को भी मुख्तार अंसारी की तरह 10 साल की सजा सुनाई जाए.

इलाहाबाद हाईकोर्ट में जस्टिस संजय सिंह की बेंच ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद 4 जुलाई को फैसला सुरक्षित रख लिया था. अब 25 दिन बाद इलाहाबाद हाई कोर्ट इसी मामले में फैसला सुनाने जा रहा है.

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