UP Politics: बागी विधायकों के खिलाफ एक्शन के मूड में Samajwadi Party, दल बदल कानून के तहत खत्म कराएगी सदस्यता

Uttar Pradesh Politics: उत्तर प्रदेश में राज्यसभा के चुनाव में समाजवादी पार्टी के कई विधायकों ने बीजेपी के समर्थन में वोट डाले थे. उसके बाद से ही इन विधायकों के बगावती तेवर देखने को मिल रहे हैं. अब समाजवादी पार्टी ने इन विधायकों के खिलाफ एक्शन की तैयारी कर ली है. समाजवादी पार्टी बागी विधायकों के खिलाफ दल बदल कानून के तहत कार्रवाई के लिए आगे बढ़ेगी. आपको बता दें कि राज्यसभा चुनाव में राकेश प्रताप सिंह, मनोज पांडेय, अभय सिंह, विनोद चतुर्वेदी, राकेश पांडेय, पूजा पाल और आशुतोष मौर्य ने बीजेपी के समर्थन में मतदान किया था.

Akhilesh Yadav (Photo: PTI File)
आशीष श्रीवास्तव
  • लखनऊ,
  • 21 जून 2024,
  • अपडेटेड 8:50 AM IST

उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी अपने बागी विधायकों के खिलाफ दल बदल कानून के जरिए उनकी सदस्यता खत्म करने के लिए आगे बढ़ रही है. समाजवादी पार्टी इस कानून के जरिए विधायकों की सदस्यता खत्म करेगी और अगर स्पीकर इसमें सदस्यता खत्म नहीं करते हैं, तो पार्टी कोर्ट का रुख करेगी. समाजवादी पार्टी इन बागी विधायकों को बिलकुल भी छोड़ने वाली नहीं है.

बागी विधायकों के खिलाफ कार्रवाई के मूड में पार्टी-
जानकारी के मुताबिक उत्तर प्रदेश में राज्यसभा चुनाव में सपा विधायक राकेश प्रताप सिंह, मनोज पांडेय, अभय सिंह, विनोद चतुर्वेदी, राकेश पांडेय, पूजा पाल और आशुतोष मौर्य ने बीजेपी के पक्ष में मतदान किया था. जिसके बाद सभी नेताओं ने लोकसभा चुनाव में BJP के साथ नजर आए थे. समाजवादी पार्टी का मानना है कि सभी विधायकों ने BJP के लिए काम किया और ये समाजवादी पार्टी से विधायक हैं तो इनको इस्तीफा देना चाहिए. लेकिन इस्तीफा नहीं दे रहे हैं तो दलबदल कानून लाकर इनकी सदस्यता कैंसिल करवाया जाएगा.

दल बदल कानून के तहत होगा एक्शन-
समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता फखरुल चंद हसन के मुताबिक समाजवादी पार्टी के बाकी विधायकों के खिलाफ पार्टी अभी पत्र जारी करेगी और उसके बाद विधानसभा स्पीकर के सामने दल बदल कानून के तहत उनकी सदस्यता को खत्म करवाएगी. साफ तौर से अगर कोताही बरती जाती है तो कोर्ट का भी रास्ता है. गद्दार विधायकों को सबक सिखाने के लिए यह कार्य करना होगा.

बीजेपी का अखिलेश पर हमला-
बीजेपी के नेता मनीष शुक्ला के मुताबिक विधायकों की सदस्यता समाप्त करने के लिए कानून है. वह कहीं भी जा सकते हैं, लेकिन अखिलेश यादव को यह भी नियम पढ़ना चाहिए कि कोई भी विधायक किसी भी पार्टी को वोट दे सकता है, बस उसको वोट के अपने एजेंट को दिखाना पड़ता है, किसको वोट दे रहा है? कम से कम उनको नियम कानून जानना चाहिए.

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