Uttar Pradesh: Akhilesh Yadav के 'सिंह भाई लोग' की पोस्टिंग वाले आरोपों में कितना दम है? जानिए

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आरोप लगाया था कि आगरा और मैनपुरी में आधे से अधिक थानों पर ठाकुर जाति के थानेदार हैं. अखिलेश यादव ने कहा था कि आगरा में पुलिस थानों में कुल 48 एसएचओ तैना हैं. जिनमें से पीडीए 15 हैं, बाकी सब सिंह भाई लोग हैं. जबकि मैनपुरी में कुल 15 थानाध्यक्षों में पीडीए 3 और सिंह भाई लोग 10 हैं.

Akhilesh Yadav
संतोष शर्मा
  • लखनऊ,
  • 21 अप्रैल 2025,
  • अपडेटेड 5:30 PM IST

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि यूपी के थानों में पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक यानी PDA से आने वाले इंस्पेक्टर और सब इंस्पेक्टर को थानेदार नहीं बनाया जाता, एक जाति विशेष के ही लोगों को थानेदारों और कोतवाल बनाया गया है. सपा अध्यक्ष ने 5 जिलों आगरा, प्रयागराज, मैनपुरी, चित्रकूट और महोबा का नाम लेकर यह उदाहरण दिया गया और आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश पुलिस में थानेदारों की तैनाती में मानको का पालन नहीं किया जा रहा. क्या है अखिलेश यादव के बयान की सच्चाई? आज तक ने आगरा, मैनपुरी, चित्रकूट, महोबा और प्रयागराज के थानों में तैनात कोतवाल और थानेदार का जातिवार आंकड़ा जुटाया हैं. क्या है हकीकत खुद देखिए?

अखिलेश के आरोपों की सच्चाई-
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव का आरोप है कि आगरा, मैनपुरी, चित्रकूट, महोबा और प्रयागराज में PDA वालों की पोस्टिंग नहीं हो रही है यानी आरक्षण के मानकों का पालन नहीं हो रहा और ठाकुर जाति के थानेदारों को ही पोस्ट किया जा रहा है. अब जरा हर एक जिले का आंकड़ा देखिए और समझिए.

आगरा में क्या है जमीनी हकीकत-
अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि आगरा में कुल 48 थाने हैं जिसमें PDA के सिर्फ 15 लोग हैं, बाकी सब सिंह भाई लोग हैं. हमने पड़ताल की आगरा पुलिस कमिश्नररेट का. आगरा में AHTU (Anti Human Trafficking Unit) को मिलाकर कुल 49 थाने हैX. इन 49 थानों में सामान्य श्रेणी के 21 थानेदार, ओबीसी के 19, और अनुसूचित जाति जनजाति के 9 थानेदार पोस्ट है. आरक्षण के नियमों के अनुसार अगर प्रतिशत में देखा जाए तो जनरल के 50 फीसदी मानक के सापेक्ष 42 फीसदी, अनुसूचित जाति के 23 फीसदी के सापेक्ष 19 फीसदी और ओबीसी के 27 फीसदी के सापेक्ष 39 फीसदी थानेदार तैनात हैं.

वहीं अगर आगरा पुलिस कमिश्नरेट में तैनात ठाकुर जाति के थानेदारों की बात करें तो आगरा में कुल 21 सामान्य श्रेणी के थानों में 8 पर ठाकुर, 9 पर ब्राह्मण और 4 पर अन्य सामान्य जाति की तैनाती है.

मैनपुरी को लेकर अखिलेश के दावे की सच्चाई-
अब बात अगर अखिलेश के गढ़ मैनपुरी की करें तो मैनपुरी में 16 थाने हैं, जिनमें से 8 थानों पर सामान्य श्रेणी के थानेदार हैं. 5 थानों पर ओबीसी के थानेदार हैं और 3 पर अनुसूचित जाति-जनजाति के थानेदार हैं. सामान्य श्रेणी के 8 थानों में 5 पर ठाकुर और 3 पर ब्राह्मण थानेदार हैं.

चित्रकूट में थानों पर तैनाती-
मैनपुरी के बाद बात चित्रकूट की करें तो चित्रकूट में एंटी ह्यूमन ट्रैफिक यूनिट और साइबर थाने को मिलाकर कुल 14 थाने हैं. इनमें 7 थानों पर सामान्य श्रेणी, 5 पर ओबीसी और 2 पर एससी थानेदार हैं. चित्रकूट के साथ सामान्य थानों में 4 ठाकुर थानेदार और 3 ब्राह्मण थानेदार तैनात हैं.

महोबा का क्या है आंकड़ा?
बात महोबा की करें तो महोबा में कुल 13 थाने हैं, जिनमें से 7 पर सामान्य, 4 पर ओबीसी और 2 पर एससी-एसटी के थानेदार हैं. सामान्य वर्ग के 7 थानेदारों में 6 ठाकुर और 1 ब्राह्मण थानेदार है.

प्रयागराज में थानों पर तैनाती-
अखिलेश यादव ने जिक्र प्रयागराज का किया तो प्रयागराज के आंकड़ों पर नजर डालें. प्रयागराज में कुल 44 थाने हैं. 27 थानों पर सामान्य श्रेणी, 11 थानों पर ओबीसी वर्ग के, 6 थानों पर अनुसूचित जाति जनजाति  के थानेदार हैं. सामान्य श्रेणी के 27 थानेदारों में 17 ब्राह्मण और 10 ठाकुर है. सिर्फ प्रयागराज अकेला जिला है, जहां सामान्य श्रेणी के थानेदारों में ठाकुर थानेदार कम है.

यह संबंध में बीजेपी सरकार में मंत्री अनिल राजभर का कहना है अखिलेश यादव जब सरकार में आते हैं, तब PDA याद नहीं रहता, आज उनको PDA याद आ रहा है. 2017 से पहले भी उनकी सरकार थी, किस तरह से सरकार चलाते थे, वही समय शायद उनको याद आ रहा है. आज उत्तर प्रदेश के लॉ ऑर्डर की सुरक्षा व्यवस्था की प्रशंसा देश-दुनिया में हो रही है. अब वोट का समय आ रहा है तो जाति की बात कर रहे हैं. उत्तर प्रदेश में अब जाति का बंधन खत्म हो गया है. लोग विकास की बात करना और सुनना चाहते हैं.

इस संबंध में उत्तर प्रदेश के डीजीपी प्रशांत कुमार ने कहा कि थाना अध्यक्षों की नियुक्तियां शासन के आदेशों के अनुरूप होती हैं. जो भी भ्रामक सूचनाओं होंगी, उनको स्पष्ट किया जाएगा. जो जिम्मेदार लोग हैं, उन्हें इस तरह की बात नहीं करना चाहिए.

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