नये कोविड-19 के बढ़ते मामलों को देखते हुए माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड (एसएमवीडीएसबी) ने एहतियाती उपायों की समीक्षा करते हुए सभी आने वाले भक्तों के लिए सत्यापन योग्य आरटी-पीसीआर टेस्ट कराना जरूरी कर दिया है. बोर्ड का कहना है कि रिपोर्ट 72 घंटे से अधिक पुरानी नहीं होनी चाहिए.
बोर्ड की श्रद्धालुओं से अपील
एसएमवीडीएसबी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रमेश कुमार ने तीर्थयात्रा करने वालों से कहा कि उन्हें कोविड के बढ़ते मामलों को देखते हुए अधिक सचेत रहने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि लोगों को सभी जरूरी सावधानियां बरतनी होंगी. इसके साथ ही उन्होंने आने वाले यात्रियों को वैध आरटी-पीसीआर टेस्ट रिपोर्ट लाने की अपील की. कुमार ने कहा, “तीर्थयात्रियों के लिए फेस मास्क पहनना पहले ही अनिवार्य कर दिया गया है और प्रवेश बिंदुओं पर थर्मल स्कैनर के माध्यम से प्रत्येक व्यक्ति को स्कैन किया जा रहा है.”
उन्होंने आगे कहा, यात्रियों को अगाह करने के लिए समय-समय पर अनाउंसमेंट भी की जा रही है. इसके लिए हमने ट्रैक के रास्ते पर मल्टी पर्पज ऑडियो सिस्टम और हाईटेक वीडियो वॉल का इंतजाम किया है. साथ ही श्राइन बोर्ड मंदिर परिसर को भी सैनिटाइज कर रहा है. यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए सभी गाइडलाइन्स और प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन किया जा रहा है.
लगातार बढ़ रहे थे मामले
बता दें कि माता वैष्णो देवी के दर्शन को आने वाले यात्रियों में संक्रमितों की संख्या लगातार तेजी से बढ़ रही है. शुक्रवार को यहा 31 संक्रमित मामले पाए गए, जो शनिवार तक 61 तक पहुंच गए. शनिवार को स्वास्थ्य विभाग ने 3128 श्रद्धालुओं के कोरोना टेस्ट किए. इसके अलावा होटल और धर्मशाला संचालकों को निर्देश दिए गए हैं कि अगर कोई श्रद्धालु बीमार है तो तुरंत स्वास्थ्य विभाग को सूचित करें.
साथ ही महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों पर ऑटो सेंसर सैनिटाइजर लगाए गए हैं, जिससे आने वाले यात्रियों को सैनिटाइज किया जा रहा है. भवन में बिना मास्क के गुफा के भीतर प्रवेश की अनुमति किसी को नहीं है. रमेश कुमार ने कहा कि बोर्ड ने कोरोना की रोकथाम के उचित कदम उठाए हैं ताकि यात्रा पूरी तरह से सुचारु रूप से की जा सकें.