वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों की सफलता के बाद अब रेलवे मंत्रालय जल्द ही वंदे मेट्रो ट्रेनों की शुरुआत करने वाला है. वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों का एक छोटा वर्जन वंदे मेट्रो दिसंबर 2023 तक लॉन्च किया जाना है. साथ ही 2024-2025 तक सरकार ट्रेन उत्पादन बढ़ाने के बारे में भी सोच रही है. नए ट्रेन रेक को छात्रों और नौकरीपेशा लोगों के लिए आरामदायक और किफायती बनाने के लिए डिज़ाइन किया जाएगा.
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव का कहना है कि, "यह वंदे मेट्रो नौकरी पेशा लोगों और छात्रों को समय की बचत के साथ एक शहर से दूसरे शहर में विश्व स्तरीय परिवहन प्राप्त करने में सक्षम करेगा. साथ ही इससे लोकल ट्रेनों पर भीड़ के दबाव को कम करने में भी मदद मिलेगी. ये ट्रेन दिसंबर तक तैयार हो जाएगी."
इन फीचर्स से लैस होगी वंदे मेट्रो
हालाँकि इस ट्रेन में ऐसे कई फीचर हैं, जो इसे वंदे भारत ट्रेन से काफी अलग बनाते हैं, तो चलिए आपको बताते हैं कि वो कौन से फीचर हैं जो इसे वंदे भारत एक्सप्रेस से यूनिक बनाते हैं.
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि , "वंदे मेट्रो का निर्माण इस कॉन्सेप्ट के साथ किया जा रहा है कि ट्रेनें 100 किलोमीटर से कम दूरी वाले शहरों में बहुत उच्च फ्रीक्वेंसी पर यानी दिन में 4 या 5 बार चल सकती हैं, जो बहुत ही आरामदायक और सस्ती है. ये ट्रेन दिसंबर तक तैयार हो जाएगी. वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों की तुलना में वंदे मेट्रो के तेज होने की उम्मीद है.
ट्रेन में यात्रियों को रैपिड शटल जैसा अनुभव होगा. इसके अलावा, ट्रेन में लगभग 8 कोच होंगे, जिससे यह वंदे भारत एक्सप्रेस की अपेक्षा थोड़े छोटे होंगे, क्योंकि वंदे भारत एक्सप्रेस में 16 डिब्बे हैं.
वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनें, जो अक्सर बड़ी दूरी वाले शहरों के बीच चलती हैं उनकी तुलना में वंदे मेट्रो कम दूरी वाले शहरों के बीच संचालित होगी.
वंदे भारत एक्सप्रेस की तुलना में वंदे मेट्रो बहुत अधिक बार चलेगी. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के मुताबिक, ट्रेन हर दिन चार से पांच बार यात्रा करेगी. इसके अतिरिक्त, यह रोज यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए सस्ती होने की भी उम्मीद है.