अभी तक हमने आपको ड्रोन की जितनी भी कहानी बताई है उसमें ड्रोन समान या दवाइयां इधर से उधर ले जाने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला था. लेकिन सोचिए क्या हो अगर ड्रोन इंसानों को ले जाना शुरू कर दे. सूत्रों के मुताबिक, देश का पहला मानव ले जाने वाला ड्रोन वरुणा (Varuna)जल्द ही भारतीय नौसेना में शामिल किया जाएगा.
कर पाएगा सुरक्षित लैंडिंग
समाचार एजेंसी एएनआई द्वारा ट्विटर पर साझा किए गए ड्रोन के एक वीडियो में ड्रोन में बैठे एक व्यक्ति को देखा जा सकता है. ड्रोन में बैठा व्यक्ति डिमॉन्सट्रेशन दे रहा है. अपने सहयोगी को संकेत देने के बाद, ड्रोन धीरे-धीरे ऊपर की ओर 3-4 मीटर की ऊंचाई तक उठाना शुरू कर देता है और कुछ सेकंड के लिए हवा में घूमने के बाद सुरक्षित रूप से जमीन पर उतरता है. हवा में तकनीकी खराबी होने के बाद ये सुरक्षित लैंडिग करने में भी सक्षम है.
25 किलोमीटर तक जा पाएगा
भारतीय स्टार्टअप सागर डिफेंस इंजीनियरिंग द्वारा विकसित वरुणा ड्रोन 130 किलोग्राम पेलोड तक ले जा सकता है. यह 25-33 मिनट के उड़ान समय के साथ कम से कम 25 किमी की यात्रा करने की क्षमता रखता है. रिपोर्टों के अनुसार, ड्रोन सुरक्षित लैंडिंग करने में सक्षम है. कंपनी के सह-संस्थापक मृदुल बब्बर के हवाले से कहा गया, "वरुणा का इस्तेमाल एयर एम्बुलेंस या दूरदराज के इलाकों में माल परिवहन के लिए किया जा सकता है." डिफेंस इंजीनियरिंग के संस्थापक सागर डिफेंस के फाउंडर ने बताया कि इस ड्रोन के शहरों में भी इस्तेमाल के भी प्रयास किए जाएंगे.
ड्रोन का इस्तेमाल दूर-दराज के इलाकों में एयर एम्बुलेंस या फिर सामान को लाने ले जाने के लिए भी किया जा सकता है. भारतीय नौसेना में इसे कब तक शामिल किया जाएगा इस बात की अभी कोई जानकारी नहीं है. इस ड्रोन को बनाने में चार से पांच साल का समय लगा. जुलाई में पीएम मोदी ने इसका ट्रायल भी देखा. ड्रोन में 16 रोटर हैं.