प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 9 जनवरी 2022 को घोषणा की थी कि सिख गुरु गोबिंद सिंह के चार 'साहिबजादों' के साहस को श्रद्धांजलि के रूप में इस वर्ष से 26 दिसंबर को 'वीर बाल दिवस' के रूप में मनाया जाएगा. 17 वीं शताब्दी में, उनके पुत्र जोरावर सिंह और फतेह सिंह, जिन्हें तत्कालीन शासक औरंगजेब के आदेश पर मुगलों द्वारा कथित तौर पर मार दिया गया था.
पीएमओ की एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि इस दिन के मौके पर प्रधानमंत्री सोमवार को दिल्ली के मेजर ध्यानचंद राष्ट्रीय स्टेडियम में कार्यक्रमों में भाग ले सकते हैं.
क्या है इतिहास
दर्ज इतिहास के अनुसार, औरंगज़ेब ने 1704 में वर्तमान पंजाब में आनंदपुर साहिब पर कब्जा कर लिया था, और उसके बाद, खाद्य भंडार समाप्त होने लगा. सिखों के पास इस स्थिति से बाहर निकलने का एक ही रास्ता था - आनंदपुर के किले को छोड़ देना. गुरु गोबिंद सिंह ने मुगलों की मांगों को मान लिया और शहर छोड़ दिया. हालांकि, मुगलों ने उनका पीछा नहीं छोड़ा.
गुरु गोबिंद सिंह के बेटों - जोरावर सिंह और फतेह सिंह - को नवाब वजीर खान ने पकड़ लिया और उन्हें सरहिंद ले जाया गया. वजीर खान ने उन्हें कहा कि वे इस्लाम स्वीकार कर लें. लेकिन जोरावर और फतेह ने मना कर दिया. इससे क्रोधित होकर वजीर खान ने उन्हें जिंदा दीवार में चिनवा दिया. जहां गुरु गोबिंद सिंह के पुत्रों को जिंदा चिनवाया गया, आज उसी जगह को फतेहगढ़ साहिब के नाम से जाना जाता है.
इस मौके पर खास कार्यक्रम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस मौके पर आज दिल्ली के मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम में 'वीर बाल दिवस' को चिह्नित करने वाले "ऐतिहासिक" कार्यक्रम में शामिल होंगे. इस एजेंडे में लगभग 300 'बाल कीर्तनियों' द्वारा किया जाने वाला 'शब्द कीर्तन' भी शामिल है. प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने एक बयान में कहा कि इसके अलावा, प्रधानमंत्री दिल्ली में लगभग 3,000 बच्चों द्वारा मार्च-पास्ट को हरी झंडी दिखाएंगे.