दिल्ली में पिछले तीन दिनों से चल रही शीतलहर 21 दिसंबर यानि मंगलवार रात तक की ही मेहमान है. आने वाले दिनों में रात और सुबह की सर्दीली हवाओं से राहत मिलने की संभावना है. शनिवार की तुलना में रविवार को सर्दी का असर दिन में थोड़ा कम होता रहा जबकि हवा की रफ्तार पिछले दिन की तुलना में लगभग आधी रह गई. पश्चिम से चलने वाली हवाओं की रफ्तार आने वाले दिनों में और कम होगी और उसकी वज़ह से ठंड का असर भी कम होता जाएगा. मौसम विभाग की मानें तो मंगलवार की रात तक शीतलहर चलेगी यानि तापमान सामान्य साढ़े चार डिग्री सेल्सियस या उससे ज़्यादा कम रहेगा लेकिन उसके बाद रात और सुबह का तापमान सामान्य के आस-पास आ जाएगा और कंपकंपाने वाली ठंड से थोड़ी राहत मिल जाएगी.
राजस्थान-पंजाब के कई जिलों में पारा शून्य के आसपास
मौसम विभाग के सीनियर साइंटिस्ट आर के जेनामनि बताते हैं कि, "इस वक्त अफगानिस्तान-पाकिस्तान समेत पूरे उत्तर और उत्तर पश्चिम भारत के इलाकों में शीतलहर अपना जबरदस्त असर दिखा रहा है. इसकी वजह पश्चिम से चलने वाली तेज रफ्तार बर्फीली हवाएं हैं. हालत ये हो गई है कि राजस्थान के चुरु और सीकर जैसे इलाकों में तापमान शून्य से नीचे माइनस में चला गया. वहीं, पंजाब के अमृतसर में पारा शून्य के पास तक पहुंच गया. इस समय पाकिस्तान भी जबरदस्त शीतलहर की चपेट में है और उसी ओर से आने वाली हवाओं का असर दिल्ली में भी देखा गया है. रविवार को न्यूनतम तापमान सफदरजंग में 4.6 डिग्री तक लुढ़क गया और लोदी रोड स्टेशन पर तो इससे एक डिग्री कम यानि 3.5 डिग्री सेल्सियस तापमान रहा."
28-29 को छाए रहेंगे बादल
22 दिसंबर से उत्तर पश्चिमी भारत में मौसम का एक नया सिस्टम असर में आएगा. बुधवार से एक पश्चिमी विक्षोभ पहाड़ी इलाकों में सक्रिय होगा, जिसका असर दिल्ली में 24 और 25 दिसंबर को देखने को मिल सकता है. हालांकि ये वेस्टर्न डिस्टरबेंस कितना ताकतवर होगा, इसके बारे में मौसम विभाग अभी साफ कुछ नहीं बोल रहा है. लेकिन एक बात तो तय है कि इसकी वजह से आने वाले हफ्ते के आखिरी हिस्से यानि शुक्रवार और शनिवार को दिल्ली में हल्की बारिश तक की संभावना है. क्रिसमस के आस-पास दिल्ली के ऊपर बादल आए रहेंगे ये तो तय ही माना जा रहा है. लेकिन इसकी वज़ह से रात और सुबह के तापमान में कमी का सिलसिला रुकेगा भी. आर के जेनामनि बताते हैं कि, "22 तारीख को शुरू होने वाला पश्चिमी विक्षोभ अकेला ऐसा सिस्टम नहीं है. संभावना है कि इस विक्षोभ के ठीक पीछे 24 दिसंबर को एक और वेस्टर्न डिस्टरबेंस सक्रिय हो जाए और अगर ऐसा होता है तो दिल्ली और आस-पास के इलाकों में 24 तारीख को डेरा जमाने वाले बादल 28 या फिर 29 तारीख तक बने रह सकते हैं यानि ऐसी हालत में दिन में ठंड का असर ज़्यादा दिखाई पड़ेगा".
परेशानी सिर्फ शीतलहर से ही नहीं है. आने वाले दिनों में हवा की रफ्तार जैसे ही कम होगी और वायुमंडल में आर्द्रता भी आएगी तो धुंध अपना असर दिखाना शुरु कर देगी. ऐसी आशंका जताई जा रही है कि शीतलहर के कम होने के ठीक बाद यानि 22 दिसंबर से लेकर 24 दिसंबर तक उत्तरी और उत्तर पश्चिम भारत के कई इलाकों में घना कोहरा छा जाएगा और इसका असर दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों में भी उतना ही रहेगा. यानि सुबह और शाम के वक्त सर्द हवाओं से राहत तो मिलने जा रही है लेकिन धुंध और बादल का डबल अटैक लोगों की परेशानी कम नहीं होने देगा यानि तापमान बेशक बढ़ जाए सर्दी की फीलिंग में फिलहाल अंतर आता हुआ दिखाई नहीं दे रहा है.
कुमार कुणाल की रिपोर्ट