दिल्ली समेत लगभग सभी राज्यों में अब मानसून की दस्तक हो चुकी है. जिन इलाकों में अब तक मानसून नहीं पहुंचा है वहां भी अगले कुछ दिनों में एंट्री हो जाएगी लेकिन, मॉनसून को लेकर चिंताएं अभी खत्म नहीं हुई हैं. इसका आंकलन इस वजह से किया जा सकता है कि मानसून का पहला महीना यानि जून निकल चुका है और इस पूरे महीने में देश भर में सामान्य से 8 प्रतिशत कम बारिश दर्ज की गई है.
मौसम विभाग का कहना है कि ये कमी बहुत बड़ी नहीं है और अगर देखें तो बारिश में इतनी कमी सामान्य श्रेणी में ही मानी जाती है लेकिन, कुल मिलाकर ये आंकड़ों की बाजीगरी ज्यादा लगती है, क्योंकि, पूरे देश को मौसम के लिहाज से चार क्षेत्रों में बांटा जाता है. इसमें उत्तर पश्चिम भारत, केंद्रीय भारत और दक्षिण और प्रायद्वीपीय भारत में औसत से काफी कम बारिश जून के महीने में दर्ज की गई है. सिर्फ पूर्वी और उत्तरपूर्वी इलाकों में हुई बारिश से आंकड़ा बैलेंस किया जा सका है.
आंकड़ों के हिसाब से देखें तो जून के महीने में सबसे कम बारिश सेंट्रल इंडिया में हुई, जहां सामान्य से 30 फीसदी कम बारिश रिकॉर्ड की गई. दक्षिण में सामान्य से 14 फीसदी तो, वहीं नॉर्थवेस्ट भारत में सामान्य से 12 फीसदी तक कम बारिश पिछले महीने रिकॉर्ड हुई लेकिन, इसी दौरान ईस्ट और नॉर्थईस्ट में सामान्य से तकरीबन 22 फीसदी बारिश ज़्यादा हुई और बाकी इलाकों को इसने अकेले बैलेंस किया. इस हिसाब से औसतन पूरे देश में 8 फीसदी तक कम बारिश हुई. मौसम विभाग मानसून को सामान्य तब तक मानता है जब तक 10 फीसदी कमी या बढ़त के साथ बारिश रिकॉर्ड हो.
जुलाई के महीने में कैसी होगी बारिश
जुलाई मानसून के लिए सबसे अहम माना जाता है. जून में जो कमी रही उसकी भरपाई के लिए जुलाई का महीना तो अहम है ही साथ ही साथ खेती के लिए भी इस महीने में अच्छी बारिश जरुरी होगी. मौसम विभाग ने जुलाई के लिए जो पूर्वानुमान जारी किया है वो ज्यादातर हिस्सों के लिए अच्छा है. नॉर्थ भारत, सेंट्रल भारत और दक्षिणी प्रायद्वीपीय इलाकों में जुलाई की बारिश सामान्य या पिर उससे ज्यादा रहने की उम्मीद है. साथ ही साथ पूर्वी, उत्तरपूर्व, सेंट्रल इंडिया के पूर्वी इलाकों और कुछ दक्षिणी भागों में सामान्य या उससे कम बारिश रहने का अनुमान जताया गया है। जुलाई में पूरे देश में 94 से लेकर 106 फीसदी तक औसत बारिश हो सकती है जो कि सामान्य है.
मानसून को लेकर मौसम विभाग आगे करेगा आंकलन
दरअसल, भारत में मॉनसून के चार महीने माने जाते हैं, जो जून से शुरू होकर सितंबर तक चलता है. जुलाई के आखिर में आधा मानसून खत्म होगा और तभी मौसम विभाग अपना मिड-मानसून अपडेट देगा और तभी ये स्थिति साफ हो पाएगी कि इस साल बारिश से कौन से इलाके भीगे और कहां सूखा पड़ने का खतरा है.
(कुनाल कुमार की रिपोर्ट)
ये भी पढ़ें :