Leader of Opposition: लोकसभा में 10 साल बाद होगी नेता प्रतिपक्ष की बहाली, जानिए अधिकार और शक्तियां

Leader of Opposition in Lok Sabha: लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष का पद पिछले 10 साल से खाली था. क्योंकि इस पद के लिए किसी भी सियासी दल के पास पर्याप्त सीटें नहीं थी. लेकिन इस बार कांग्रेस पार्टी को नेता प्रतिपक्ष का पद मिलेगा. कांग्रेस ने साल 2024 आम चुनाव में 99 सीटों पर जीत हासिल की है. जबकि लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष के पद के लिए सिर्फ 10 फीसदी सीटों पर ही जीत की जरूरत होती है.

Lok Sabha (Photo: PTI File)
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 18 जून 2024,
  • अपडेटेड 11:00 AM IST

लोकसभा में 10 साल बाद एक बार फिर से नेता प्रतिपक्ष का पद मिलेगा.  साल 2014 से सदन में ये पद खाली था. मुख्य विपक्षी दल के पास नेता प्रतिपक्ष के पद के लिए पर्याप्त सीटें नहीं थी. मुख्य विपक्षी दल के पास नेता प्रतिपक्ष के लिए जरूरी 10 फीसदी सांसद भी नहीं थे. लेकिन साल 2024 आम चुनाव में कांग्रेस को 99 सीटों पर जीत मिली है. इस तरह से कांग्रेस पार्टी को इस बार नेता प्रतिपक्ष का पद मिलेगा. देश में कई बार ऐसा हुआ है कि नेता प्रतिपक्ष का पद खाली रहा है. चलिए आपको बताते हैं कि नेता प्रतिपक्ष का पद इतना महत्वपूर्ण क्यों है? इस पद के पास क्या अधिकार हैं और ये पद कितना शक्तिशाली होता है. इसके अलावा ये भी बताएंगे कि इस पद पर रहने वाले लीडर को क्या सुविधाएं मिलती हैं.

क्यों महत्वपूर्ण है नेता प्रतिपक्ष का पद-
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष का पद काफी महत्वपूर्ण होता है. लोकतंत्र में संतुलन बनाए रखने के लिए विपक्ष के नेता का रोल महत्वपूर्ण हो जाता है. नेता प्रतिपक्ष सदन में विपक्ष की आवाज को उठाते हैं और किसी भी मुद्दे पर विपक्ष की सोच को स्पष्ट करते हैं. नेता प्रतिपक्ष सरकार की नीतियों का रचनात्मक आलोचना करता है और एक वैकल्पिक सरकार प्रदान करता है.

संसदीय समितियों में भूमिका-
नेता प्रतिपक्ष की भूमिका संसदीय समितियों में अहम होती है. कई समितियों जैसे लोक लेखा समिति, चयन समिति में सदस्यता मिलती है. संसदीय समितियों के फैसले में नेता प्रतिपक्ष की अहम भूमिका होती है. नेता प्रतिपक्ष की असहमतियों पर सरकार ध्यान देती है.

कई पदों पर नियुक्ति में अहम रोल-
नेता प्रतिपक्ष की कई संवैधानिक पदों पर नियुक्ति में भी अहम भूमिका होती है. इन नियुक्तियों में नेता प्रतिपक्ष की उपस्थिति लोकतंत्र को मजबूत करती है. केंद्रीय सतर्कता आयुक्त (CVC), केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI), प्रवर्तन निदेशालय (ED), सूचना आयुक्त और लोकपाल की नियुक्ति में नेता प्रतिपक्ष की अहम भूमिका होती है और उनकी राय को महत्व दिया जाता है.

नेता प्रतिपक्ष को मिलती हैं ये सुविधाएं-
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष का पद शक्तिशाली होता है. यह पद कैबिनेट मंत्री के बराबर होता है. नेता प्रतिपक्ष को कैबिनेट मंत्री की तरह वेतन, भत्ते और दूसरी सुविधाएं मिलती हैं. नेता प्रतिपक्ष को हर महीने 3.30 लाख रुपए सैलरी मिलती है. नेता प्रतिपक्ष को हर महीने एक हजार का सत्कार भत्ता भी मिलता है. इसके अलावा कैबिनेट मंत्री के लेवल का घर, कार और ड्राइवर के अलावा सुरक्षा जैसी सुविधाएं मिलती हैं. नेता प्रतिपक्ष को करीब 14 स्टाफ की भी सुविधा मिलती है. जिसका पूरा खर्च सरकार उठाती है.

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