रेल हादसे के दौरान यात्रियों तक मदद भेजने के लिए रेलवे बना रहा डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर...क्या है इसका काम और किस रूट पर पहले मिलेगी सुविधा?

रेल हादसा होते ही 15 से 20 मिनट में सेवा लेकर पहुंचेगी एक्सिडेंट रिलीफ ट्रेन. डीएफसी से यात्रियों को मिलेगी इमरजेंसी एग्जिट और इससे रेल मार्ग भी प्रभावित नहीं होगा.

Railway DFC Emergency Exit
वरुण सिन्हा
  • नई दिल्ली,
  • 12 सितंबर 2022,
  • अपडेटेड 11:38 AM IST
  • बनाए जा रहे इंटरचेंज प्वाइंट 
  • रूट में होंगे 54 जंक्शन

रेलवे की हमेशा कोशिश रहती है कि यात्रियो को बेहतर सुविधा दे वो भी पूरी सुरक्षा के साथ. रेलवे की सबसे बड़ी परेशानी इस बात की होती है की जब भी कोई रेल हादसा होता है तो ऐसे परिस्थिति में हादसे में घायल लोगों तक मदद कैसे भेजी जाए? कैसे उनकी व्यवस्था की जाए ताकि अपने गंतव्य पर उनको मदद मिल सके. हादसा होने की जगह पर रेल यातायात अवरुद्ध हो जाता है और कोई मदद के लिए रिलीफ ट्रेन भेजना नामुमकिन सा हो जाता है.

बनाए जा रहे इंटरचेंज प्वाइंट 
लेकिन अब रेलवे ने इसका भी इंतजाम कर लिया है. ऐसे में डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर यानी डीएफसी परियोजना से वैकल्पिक रास्ते के तौर पर रेलवे मदद भिजवा पायेगा. असल में देश के सबसे व्यस्त रेल मार्ग दिल्ली से मुंबई और दिल्ली से कोलकाता में हर 100 km की दूरी पर इंटर एक्सचेज पॉइंट बनाए जा रहे हैं. इससे रेलवे मार्ग में दूसरी गाड़ी के रूट पर चलाना, मॉल ढुलाई में फायदा मिलेगा. असल में एक ट्रैक पर अगर अवरोध है तो ये इंटरचेंज यात्रियों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था बनाने में कारगर होगी. इससे ये फायदा होगा की आपात स्थिति में एक्सीडेंट रिलीफ ट्रेन मात्र 15 से 20 मिनिट में घटना पर जा पाएगी.

क्या होगा फायदा? 
वही अगर कोई रेल मार्ग बंद है तो दूसरे रूट से इन यात्रियों को निकालने में भी मदद मिलेगी. असल में रेलवे लुधियाना-दानकुनी (1875 किमी) और दादरी-जेएनपीटी (1506 किमी) के तहत कुल 3381 किमी मालभाड़े की ढुलाई के लिए समर्पित नए रेल मार्ग बना रही है. डीएफसी के निर्माण से भारतीय रेल और रेल यात्रियों को तमाम फायदे मिलने जा रहे हैं. इसमें प्रमुख रूप से रेल सुरक्षा और जायदा मजबूत होगी.

इन रूट में होंगे 54 जंक्शन
असल में जंक्शन 3 से जायदा रेल मार्ग रूट संचालित किया जा सकता है. ईस्ट डीएफसी में दादरी, मुगलसराय, भाऊपुर,कानपुर,अहरौरा रोड,करछना,खुर्जा, टुंडला समेत कुल मिलाकर 32 इंटरचेंज होंगे. जबकि वेस्ट डीएफसी में अटेली,फुलेरा,मानिकपुर,पालनपुर, समेत कुल 22 जंक्शन होंगे.


 

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