Amravati Project: क्या है चंद्रबाबू नायडू का ड्रीम प्रोजेक्ट अमरावती, जानिए इस भव्य शहर के बारे में

Amravati Master Plan: चंद्रबाबू नायडू ने आंध प्रदेश के मुख्यमंत्री के तौर पर चौथी बार पद और गोपनीयता की शपथ ली है. इसके साथ ही उनका ड्रीम प्रोजेक्ट अमरावती एक बार फिर से चर्चा में आ गया है. इस प्रोजेक्ट को नायडू ने अपने पिछले कार्यकाल में शुरू किया था. इसके तहत अमरावती को आंध्र प्रदेश की राजधानी बनाना था और उसका विकास करना था.

Amravati Court (Photo/Wikipedia)
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 12 जून 2024,
  • अपडेटेड 5:47 PM IST

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री के तौर पर चंद्रबाबू नायडू ने पद और गोपनीयता की शपथ ली. उन्होंने चौथी बार सूबे की कमान संभाली है. पवन कल्याण को डिप्टी सीएम बनाया गया है. तेलुगू देशम पार्टी (TDP) की इस सरकार में नायडू के ड्रीम प्रोजेक्ट पर फिर से काम तेज होगा. जब साल 2019 विधानसभा के चुनाव में नायडू की हार हुई थी और जगन मोहन रेड्डी मुख्यमंत्री बने थे, तब से प्रोजेक्ट अमरावती ठप पड़ गया था. लेकिन एक बार फिर टीडीपी की सत्ता में वापसी के साथ ही इस प्रोजेक्ट पर काम तेज हो सकेगा.

नायडू की ड्रीम सिटी अमरावती- 
साल 2014 में आंध प्रदेश का बंटवारा हुआ और तेलंगाना राज्य बना. उसके बाद राज्य की राजधानी हैदराबाद तेलंगाना में चली गई. साल 2014 विधानसभा चुनाव में चंद्रबाबू नायडू की सरकार बनी. इसके बाद सीएम नायडू ने अमरावती को राजधानी बनाने की परियोजना पर काम शुरू किया. लेकिन साल 2019 विधानसभा चुनाव में YSR Congress की जीत हुई और जगन मोहन रेड्डी मुख्यमंत्री बने. उसके बाद इस परियोजना का काम ठप हो गया.

इस प्रोजेक्ट में क्या हुआ काम-
अमरावती शहर 217 वर्ग किलोमीटर में फैला है. इस प्रोजेक्ट पर साल 2015 में काम शुरू हुआ. टीडीपी की पिछली सरकार में विधायक, एमएलसी, अधिकारियों और सचिवालय कर्मचारियों के लिए फ्लैट बनाए गए थे. लेकिन सरकार बदली तो काम ठप हो गया और इसे अंतिम रूप नहीं दिया जा सका था. नायडू की सरकार में हाईकोर्ट बिल्डिंग का उद्घाटन हुआ था. इस शहर में सचिवालय और विधानसभा परिसर बनाए गए थे.

Amrawati

कैसी होगी ड्रीम सिटी अमरावती-
अमरावती गुंटूर जिले का एक हिस्सा है. कृष्णा नदी के किनारे इस शहर को बसाया जाना है. शहर को ग्रीन एंड ब्लू सिटी बनाने का मकसद है. इसके लिए शहर में पेड़ और पौधों के साथ तालाब और झील बनाने का प्लान है. इस शहर में 9 छोटे-छोट हब होंगे. इसमें गवर्नमेंट सिटी, जस्टिस सिटी, फाइनेंस सिटी, नॉलेज सिटी, इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी सिटी, हेल्थ सिटी, स्पोर्ट्स सिटी, मीडिया सिटी और टूरिज्म सिटी शामिल हैं.

टूरिज्म सिटी में क्या होगा-
टूरिज्म सिटी कृष्णा रिवर फ्रंट के पास होगी. इसमें उन्दावली गुफाएं, कोंडापल्ली का किला, कनकदुर्ग मंदिर, अमरावती मंदिर, भगवान बुध की मूर्ति और नीलकोंडा की पहाडियां शामिल हैं. टूरिज्म सिटी के नीचे लाइन में स्पोर्ट्स सिटी, गवर्नमेंट सिटी और फाइनेंस सिटी होगी. इस शहर में एयरपोर्ट से लेकर मेट्रो ट्रेन नेटवर्क तक बनाने का प्लान है.

नॉलेज सिटी और इलेक्ट्रॉनिक्स सिटी-
इस प्रोजेक्ट में नॉलेज सिटी को एजुकेशन हब की तरह विकसित करने का प्लान है. जबकि इलेक्ट्रॉनिक्स सिटी को भारत का सबसे बड़ा आईटी हब बनाने का मकसद है. एजुकेशन हब में प्राइमरी स्कूलल से लेकर इंटर कॉलेज तक होगा. इसके अलावा इसमें विश्वविद्यालय, तकनीकी शिक्षा के कॉलेज, मेडिकल कॉलेज भी होंगे.

ड्रीम प्रोजेक्ट पर कितना होगा खर्च-
नायडू सरकार के पिछले कार्यकाल में इस परियोजना पर 10500 करोड़ रुपए खर्च किए गए थे. इस परियोजना के लिए किसानों से 33 हजार एकड़ जमीन ली गई है और सरकार के पास 4000 एकड़ जमीन है. साल 2016 के एक मास्टर प्लान के मुताबिक प्रोजेक्ट अमरावती की लागत का अनुमान 50 हजार करोड़ रुपए था. 

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