Sikkim Avalanche: क्या है एवलांच जिसमें गई है कई सैलानियों की जान, फंस जाएं तो ऐसे करें खुद का बचाव

Sikkim Avalanche Updates: सिक्किम के नाथुला इलाके में हिमस्खलन से 7 सैलानियों की मौत हो गई है और कई के फंसे होने सूचना है. हादसा मंगलवार दोपहर करीब 12 बजे पूर्वी सिक्किम में गंगटोक-नाथुला रोड (NH 310) पर माइल 14 के पास हुआ. बताया जा रहा है कि हिमस्खलन के बाद 5-6 गाड़ियों में सवार करीब 20-30 सैलानी बर्फ के नीचे दब गए. मौके पर पहुंचे बचाव दल ने बर्फ में दबे 7 लोगों के शव बरामद किए हैं.

Avalanche (Photo: PTI)
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 04 अप्रैल 2023,
  • अपडेटेड 8:39 PM IST
  • एवलांच आसानी से ट्रिगर हो सकता है
  • अगर आप एवलांच में फंस जाते हैं तो कई बातों का ख्याल रखें

पहाड़ों पर से ज्यादा खतरा भूस्खलन और हिमस्खलन का होता है. इसे एवलांच (Avalanche) कहा जाता है. मंगलवार को सिक्किम के नाथुला इलाके में हिमस्खलन से 7 सैलानियों की मौत हो गई है. साथ ही कई लोगों के फंसे होने सूचना भी है. ये हादसा दोपहर करीब 12 बजे पूर्वी सिक्किम में गंगटोक-नाथुला रोड (NH 310) पर माइल 14 के पास हुआ. हालांकि, कुछ समय पहले भी ऐसे ही उत्तरकाशी में एवलांच की वजह से कई लोगों की जान गई थी. 

बता दें, हिमालय के ऊंचे हिस्सों में Avalanche आम बात है, मगर ये तब और भी खतरनाक हो जाता है जब पहाड़ की ऊंची चोटियों पर ज्यादा बर्फ जमा हो जाती है. और एक समय आता है जब वो नीचे की और फिसलने लगती है.

क्या है Avalanche या हिमस्खलन?

नेशनल ज्योग्राफिक की वेबसाइट की मानें तो जब बड़ी मात्रा में बर्फ, चट्टान, मिट्टी और पहाड़ों पर मौजूद दूसरी सभी चीजें तेजी से नीचे की तरफ लुढ़कने लगती हैं उसे एवलांच कहते हैं. अगर इसमें पत्थर या मिट्टी गिरती है तो उस एवलांच को भूस्खलन कहा जाता है. जबकि जब बर्फ पहाड़ों से अचानक बहुत ही तेजी से नीचे लुढ़कती है तो उसे हिमस्खलन कहते हैं.  हिमस्खलन में ढलान या पहाड़ से अचानक से बर्फ और मलबा तेजी से गिरने लगता है. एवलांच से हर साल सैकड़ों लोगों की जान जाती है. यूं तो ये बर्फीले तूफान प्राकृतिक तौर पर आते हैं, लेकिन कई बार इसके लिए इंसानी गतिविधियां जैसे स्कीइंग, स्नोमोबिलिंग आदि भी जिम्मेदार हो सकती हैं. 

कौन है इसके लिए जिम्मेदार?

हिमस्खलन (Avalanche) के लिए कई कारक जिम्मेदार हो सकते हैं. जैसे-

1. ढलान का एंगल: एवलांच आमतौर पर 30 और 45 डिग्री के ढलान के बीच होते हैं.

2. स्नोपैक: वजन या प्रेशर जब अचानक से बढ़ जाता है तो अक्सर कमजोर या अस्थिर स्नोपैक आसानी से ट्रिगर हो जाते हैं. जो आसानी से नुकसान पहुंचा सकते हैं. 

3. मौसम की स्थिति: गर्म मौसम या भारी बर्फबारी से हिमस्खलन की संभावना बढ़ सकती है.

4. इसके अलावा वह इलाका कैसा है इसपर भी निर्भर करता है. 

हालांकि, एवलांच किसी बड़े प्रेशर से भी ट्रिगर हो सकता है और किसी सिंगल स्कीयर या स्नोबोर्डर से भी. ये शुरू होने के बाद, काफी तेजी से और भारी मात्रा में बर्फ और मलबे को ढलान से नीचे ले जा सकता है. इतना ही नहीं यह इतना खतरनाक होता है कि कई बार अपने रास्ते में आने वाले पेड़ों, इमारतों और दूसरी सभी चीजों को नुकसान पहुंचा सकता है. 

अगर आप Avalanche में फंस जाते हैं तो क्या करें?

1. चोट से बचने के लिए मशीन, भारी सामान को अपने ऊपर ना आने दें, उसे अपने से दूर धकेल दें.

2. बर्फीले तूफान के साथ आप बह न जाएं इसके लिए किसी भी ठोस चीज जैसे पेड़, चट्टान आदि को पकड़े रखें.

3. अपना मुंह बंद रखें और अपने दांतों को भी बंद रखें. 

4. अगर आप हिमस्खलन के साथ नीचे की ओर बह रहे हैं तो तैरने वाले मोशन से सतह पर बने रहें.

5. खुद को हिमस्खलन की तरफ ले जाने की कोशिश करें.

6. जब हिमस्खलन थोड़ा धीरे हो जाए अपने आप को सतह की ओर धकेलें. साथ ही एक हाथ से अपने चेहरे के सामने एक एयर पॉकेट बना लें और दूसरे हाथ को सतह की ओर धकेलें. 

7. इसके साथ जब हिमस्खलन रुक जाए, तो अपनी सांस को आराम दें. शांत रहें ताकि आप थकने से बचे रहें और तभी चिल्लाएं जब कोई पास में बचाने वाला इंसान दिखे. 


 

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