आखिर क्यों बढ़ रही है Cyber Crime की तादाद? क्या होता है Simjacking? किस तरह रखें खुद को सिमजैकिंग से सुरक्षित

जितनी रफ्तार से लोग तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं, उसी रफ्तार से वह ठगों का भी शिकार बन रहे हैं. ऐसे में जरूरी हो जाता है कि आप इस तरह के साइबर अपराधों से जागरूक रहे. सिमजैकिंग भी एक प्रकार का साइबर अपराध है जो लिंक भेज कर किया जाता है.

Rules regarding multiple SIM cards
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 24 नवंबर 2024,
  • अपडेटेड 7:46 AM IST

जिस रफ्तार से तकनीक बढ़ रही है और इसका इस्तेमाल, उसी रफ्तार से साइबर क्राइम करने वालों की तादाद बढ़ रही है. आजकल नए-नए तरीकों से साइबर क्राइम को अंजाम दिया जाता है. और इस तरह के साइबर क्राइम का शिकार वह वर्ग ज्यादा बनता है, जिसे इसके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं होती है. 

हाल ही में Digital Arrest नाम से साइबर क्राइम शुरू हुआ है. जिसमें आपके व्हाट्सऐप पर कोई पुलिस वाला बनकर फोन करता है. और आपके किसी करीबी के अरेस्ट होने की बात करता है. इसके एवज में वह आपसे पैसे ऐंठ लेता है. कई लोगों के तो लाखों रुपए इसी साइबर क्राइम में डूब चुके हैं.

लेकिन सवाल यह पैदा होता है कि लोग साइबर क्राइम का इतना शिकार बन क्यों रहे हैं. दरअसल लोग तकनीक का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर कर रहे हैं. इससे साइबर ठगों के लिए शिकार भी बढ़ रहे हैं. और नई तकनीक के बारे में ज्यादा जानकारी ना होने के कारण वह ठगी का शिकार हो जाते है. इसमें खासतौर पर वह वर्ग शामिल हो जाता है जिसे साइबर क्राइम के बारे में कम जानकारी होती है.

आज ऐसे ही एक साइबर क्राइम के बारे में आपको बताएंगे, जिससे केवल आप ही नहीं बल्कि आपके दोस्त, परिवार और जान पहचान वाले भी ठगों के रडार पर आ सकते हैं. इस साइबर क्राइम का नाम है Simjacking. सिमजैकिंग दरअसल दो शब्दों का मेल है. पहला है सिम और दूसरा है हाईजैक. अब किस तरह सिमजैकिंग के माध्यम से ठग आपकों शिकार बनाते है वह भी आपको बताते हैं.

क्या होती है सिमजैकिंग?
सिमजैकिंग दरअसल एक ऐसा किस्म का साइबर अपराध है, जिसमें आपके सिम को हैक करने की कोशिश की जाती है. अगर ठग इसमें सफल हो जाता है तो वह आपका पूरा बैंक अकाउंट तक खाली कर सकता है. बात केवल यहीं नहीं रुकती, वह आपके सगे-संबंधियों को भी शिकार बना सकता है, अगर वह आपको शिकार बना लेता है तो.

दरअसल इस अपराध में ठग द्वारा आपको एक मैसेज भेजा जाता है. यह कोई आम मैसेज नहीं होता. इस मैसेज को इस तरह तैयार किया जाता है कि लगे किसी संस्थान या किसी बैंक द्वारा आपको भेजा गया है. साथ ही इस मैसेज के अंदर इस लिंक भी दिया गया होता है.

यही लिंक इस पूरे साइबर क्राइम की जड़ होता है. अगर कोई साइबर ठग ऐसा मैसेज 100 लोगों को भेज दें और कोई एक भी उसके लिंक पर क्लिक कर लें, तो ठग की चांदी हो सकती है. दरअसल इस लिंक पर क्लिक करने से आपके फोन में एक स्पाईवेयर आ जाता है. ऐसा होने से आपके फोन का सारा डाटा ठग के पास पहुंच जाता है. इसमें आपके कॉटेक्ट, सुरक्षित किए गए पासवर्ड, बैंक डिटेल, सोशल मीडिया डिटेल सबकुछ ठग के पास पहुंच जाता है.

अब ठग आपके सेव किए गए कॉनटैक्ट्स को भी मेसेज भेजता है. अब जाहिर सी बात है कि अगर मैसेज आप के नंबर से जाएगा तो आपके कॉन्टैक्ट को शक भी नहीं होगा और वह भी लिंक खोल लेगा. ऐसा करने से वह भी ठग के निशाने पर आ जाता है. अब जब सब डिटेल्स ठग के पास पहुंच जाएं तो उसके लिए ठगी करना तो बच्चों का खेल हो जाएगा.

कैसे बचें साइबर अपराधों से?
इसका सबसे पहला उपाय तो यही है कि आप साइबर अपराध से जुड़ी खबरों को पढ़ते रहें. ताकि आप जागरूक रहें. दूसरी बात यह कि किसी भी अंजान लिंक को ना खोलें. क्योंकि कोई भी संस्थान आपके पास कोई लिंक मैसेज के जरिए यूहि नहीं भेजता है. इसके अलावा आपके जो भी पासवर्ड हैं. उनको जितना मुश्किल हो सके उतना मुश्किल बनाएं. माता-पिता का नाम या जन्मतिथि आदि ना रखें. साथ ही सोशल मीडिया पर भी अपनी जानकारी को ऐसे ही साझा ना करें. कोई भी इसका आसानी से फायदा उठा सकता है. साथ ही फॉर्गेट पासवर्ड के सवाल में ऐसे सवाल का चयन करें, जिसका जवाब आपके अलावा कोई और ना दे सकें.

 

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