तबला वादक और पद्म विभूषण उस्ताद जाकिर हुसैन (Zakir Hussain) का रविवार रात निधन हो गया. वह 73 साल के थे. वे पिछले दो हफ्ते से सैन फ्रांसिस्को के अस्पताल में भर्ती थे. उस्ताद जाकिर हुसैन को 1988 में पद्मश्री, 2002 में पद्म भूषण और 2023 में पद्म विभूषण से नवाजा गया था.
जाकिर हुसैन इडियोपैथिक पल्मोनरी फाइब्रोसिस (Idiopathic Pulmonary Fibrosis Disorder) नाम की बीमारी से पीड़ित थे जोकि फेफड़ों को प्रभावित करती है. इडियोपैथिक पल्मोनरी फाइब्रोसिस में फेफड़ों के टिश्यू डैमेज हो जाते हैं, जिससे सांस लेने में तकलीफ होती है.
इडियोपैथिक पल्मोनरी फाइब्रोसिस क्या है?
अमेरिका के नेशनल हार्ट, लंग एंड ब्लड इंस्टीट्यूट (एनआईएच) के अनुसार, यह फेफड़ों की एक गंभीर बीमारी है जो एल्वियोली के आसपास के टिश्यू को प्रभावित करती है. यह स्थिति तब विकसित होती है जब किसी वजह से फेफड़ों के टिश्यू मोटे और कठोर हो जाते हैं.
किन लोगों को हो सकती है ये बीमारी
धीरे-धीरे फेफड़े डैमेज हो जाते हैं, जिसे फाइब्रोसिस भी कहा जाता है, जिससे किसी के लिए सांस लेना मुश्किल हो जाता है. स्थिति इतनी गंभार हो जाती है कि खून में पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं पहुंचती. इससे शरीर के ऑर्गन्स तक ऑक्सीजन पहुंचने में दिक्कत आने लगती है और धीरे-धीरे ऑर्गन्स भी काम करना बंद कर देते हैं. धूम्रपान की आदत वाले व्यक्ति या आईपीएफ के हिस्ट्री वाले लोगों को यह बीमारी होने का खतरा ज्यादा होता है और यह खतरा उम्र के साथ बढ़ता ही जाता है.
आईपीएफ के लिए जोखिम कारक
उम्र: जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, लोगों में इडियोपैथिक पल्मोनरी फाइब्रोसिस विकसित होने का खतरा ज्यादा होता है. अधिकतर लोगों में इस बीमारी का निदान अक्सर 60 या 70 की उम्र में होता है.
लाइफस्टाइल: धूम्रपान करने वाले लोगों को सबसे ज्यादा जोखिम होता है.
जेंडर: एनआईएच ने मुताबिक इडियोपैथिक पल्मोनरी फाइब्रोसिस महिलाओं की तुलना में पुरुषों में ज्यादा आम है.
फैमिली हिस्ट्री और जीन: अगर किसी व्यक्ति के माता-पिता या भाई-बहन को आईपीएफ है, तो उन्हें यह बीमारी होने का खतरा अधिक होता है. जो जीन किसी व्यक्ति को विरासत में मिलते हैं, उनमें आईपीएफ विकसित होने की संभावना अधिक हो सकती है.
इडियोपैथिक पल्मोनरी फाइब्रोसिस के लक्षण
सांस लेने में कठिनाई: इडियोपैथिक पल्मोनरी फाइब्रोसिस से पीड़ित व्यक्ति को शुरुआत में सांस लेने में कठिनाई हो सकती है लेकिन बढ़ते समय के साथ सांस लेने की समस्याएं बढ़ जाती है. यानी आराम करने के दौरान भी सांस लेने में दिक्कत महसूस हो सकती है.
लंबे समय तक सूखी खांसी रहना: सूखी खांसी भी इस बीमारी का एक लक्षण है. खांसी भी समय के साथ खराब हो सकती है.
जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द: किसी व्यक्ति के जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द महसूस होना भी आईपीएफ का एक लक्षण है.
थकान या कमजोरी महसूस होना: थकान महसूस होना भी इस बीमारी का एख सामान्य लक्षण है.
वजन घटना: आईपीएफ से पीड़ित है मरीज का बिना कोशिश के ही वजन कम हो सकता है.
इडियोपैथिक पल्मोनरी फाइब्रोसिस का कोई इलाज नहीं है. हालांकि ट्रीटमेंट की मदद से फेफड़ों को होने वाले नुकसान को धीमा किया जा सकता है.