National Dental Commission: क्या है नेशनल डेंटल कमीशन? जिसके आ जाने से देश में बेहतर होगी डेंटल की पढ़ाई और ओरल हेल्थ को मिलेगा बढ़ावा

इस बिल के पारित होने के बाद सबसे पहले भारत में लंबे समय से चल रही डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया को खत्म कर दिया जाएगा. इसके अलावा, इस बिल के आ जाने से डेंटिस्ट्री और डेंटिस्ट के बीच में तालमेल भी बनाया जा सकेगा.

National Dental Commission
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 09 अगस्त 2023,
  • अपडेटेड 1:41 PM IST

नेशनल डेंटल कमीशन बिल 2023 (National Dental Commission Bill, 2023) को राज्यसभा ने पास कर दिया है. इसकी मदद से डेंटल की पढ़ाई और ओरल हेल्थ को बढ़ावा मिलेगा. इससे मेडिकल क्षेत्र में बड़ा बदलाव आने वाला है. इसका उद्देश्य डेंटल एजुकेशन को किफायती और गुणवत्तापूर्ण बनाना है. इस बिल के पारित होने के बाद सबसे पहले भारत में लंबे समय से चल रही डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया को खत्म कर दिया जाएगा. इसके अलावा, इस बिल के आ जाने से डेंटिस्ट्री और डेंटिस्ट के बीच में तालमेल भी बनाया जा सकेगा. 

नेशनल डेंटल कमीशन में क्या होगा?

-इस एक्ट से नेशनल डेंटल कमीशन की स्थापना की जाएगी. इसके अलावा, इसमें स्टेट डेंटल काउंसिल या जॉइंट डेंटल काउंसिल के गठन का आदेश भी दिया गया है. 

-ये एक्ट तीन अलग-अलग स्वायत्त बोर्डों को सशक्त बनाएगा. जिसमें अंडर-ग्रेजुएट और पोस्ट-ग्रेजुएट डेंटल एजुकेशन बोर्ड, डेंटल असेसमेंट एंड रेटिंग बोर्ड (डीएआरबी), और एथिक्स एंड डेंटल रजिस्ट्रेशन बोर्ड (ईडीआरबी) शामिल है.

-एक्ट के तहत आयोग के अध्यक्ष, सदस्यों और सचिव के लिए एक निश्चित कार्यकाल पेश किया जाएगा.

-ऑनलाइन नेशनल रजिस्टर और डेंटल एडवाइजरी काउंसिल भी बनाया जाएगा. इस एक्ट से लाइसेंस प्राप्त दंत चिकित्सकों और दंत सहायकों के एक ऑनलाइन और लाइव राष्ट्रीय रजिस्टर को बनाया जाएगा. 

-इस अधिनियम के तहत प्राइवेट डेंटल कॉलेजों और डीम्ड यूनिवर्सिटी में 50 प्रतिशत सीटों के लिए शुल्क निर्धारण के लिए दिशानिर्देश तैयार किए जाएंगे. इसके अलावा, अधिनियम के लागू होने के एक साल के भीतर, सभी राज्य सरकारें स्टेट डेंटल काउंसिल और जॉइंट डेंटल काउंसिल की स्थापना की जाएगी. 

नेशनल डेंटल कमीशन कैसे काम करेगा?

इस विधेयक में ये भी प्रस्ताव दिया गया है कि नए नेशनल डेंटल कमीशन में डेंटिस्ट्री को रेगुलेट किया जाएगा. इसके अलावा, बेहतर शिक्षा दी जा सकेगी. आयोग में एक अध्यक्ष, आठ पूर्व-आधिकारिक सदस्य और 24 पार्ट-टाइम मेंबर होंगे, जो सभी केंद्र सरकार द्वारा चुने जाएंगे. आठ पूर्व-आधिकारिक सदस्यों में नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC), केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और एम्स के प्रतिनिधि शामिल होंगे.


 

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