पहली बार, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली उत्तर प्रदेश सरकार 1 जुलाई से 'one-tap-one-free' नामक एक अभियान शुरू करने जा रही है. इसका लक्ष्य ग्रामीण क्षेत्रों में पीने योग्य नल के पानी के प्रावधान के साथ-साथ हरित आवरण का विस्तार करना है.मुख्यमंत्री के निर्देश पर नमामि गंगे कार्यक्रम और ग्रामीण जलापूर्ति विभाग द्वारा संयुक्त रूप से अभियान चलाया जा रहा है. राज्य में 'हर-घर-जल' योजना के तहत प्रत्येक लाभार्थी को नल कनेक्शन के साथ-साथ एक पौधा भी उपलब्ध कराया जाएगा.
योगी सरकार ने राज्य के लिए ग्रीन फ्यूचर के बड़े मिशन के हिस्से के रूप में अभियान शुरू होने के एक सप्ताह के भीतर 5 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य रखा है. साथ ही लोगों को उनके स्वास्थ्य की रक्षा के लिए सुरक्षित पेयजल उपलब्ध कराया है. ये पौधे नमामि गंगे और ग्रामीण जल आपूर्ति विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा नल कनेक्शन प्राप्त करने वाले परिवारों के घरों के बाहर, ओवरहेड टैंकों, पंप हाउसों के साथ-साथ वाटर ट्रीटमेंट प्लांट्स पर लगाए जाएंगे.
क्या है 'हर घर जल' मिशन
विशेष रूप से, उत्तर प्रदेश को देश के राज्यों में 'हर घर जल' योजना के तहत सबसे अधिक नल कनेक्शन प्रदान करने का गौरव प्राप्त है. यूपी के ग्रामीण इलाकों में परिवारों को हर दिन 40,000 से 42,000 नए कनेक्शन दिए जा रहे हैं. नमामि गंगे और ग्रामीण जल आपूर्ति विभाग के प्रमुख सचिव अनुराग श्रीवास्तव ने एक बैठक की अध्यक्षता की और अधिकारियों को 1 से 7 जुलाई के बीच बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण अभियान चलाने का निर्देश दिया.
कैसे करेंगे काम?
जल समितियों एवं अन्य संस्थाओं द्वारा वृक्षारोपण किया जायेगा. जल समितियों और अन्य संगठनों को जिला, ब्लॉक और ग्राम पंचायत स्तरों पर वृक्षारोपण अभियान चलाने का काम सौंपा गया है. संस्था के सदस्य पर्यावरण आधारित कार्यक्रम चलाएंगे और ग्रामीणों के बीच पर्यावरण और पानी बचाने के प्रति जागरुकता फैलाएंगे.वे लोगों को दूषित पानी से होने वाली बीमारियों और रोकथाम के तरीकों के बारे में शिक्षित करेंगे, साथ ही वर्षा जल को संरक्षित करने की तकनीकों के बारे में जागरूकता बढ़ाएंगे. गांवों में वृक्षारोपण, ब्लॉकों में जल ओवरहेड टैंक, पंचायत परिसरों और जल उपचार संयंत्रों का निर्माण किया जाएगा.
जल-शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि योगी सरकार न केवल वर्तमान पर ध्यान देती है, बल्कि भविष्य को लेकर भी उतनी ही चिंतित है और ये अभियान इसकी गवाही देता है. उन्होंने कहा कि यह पहल यह सुनिश्चित करेगी कि "हमारी आने वाली पीढ़ियों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध हो और वे स्वच्छ वातावरण में सांस ले सकें."