Order of St. Andrew The Apostle: PM Modi को रूस में मिले सम्मान का 300 साल पुराना है इतिहास, जानिए इसके बारे में

Order of St. Andrew The Apostle: रूस ने 2019 में पीएम मोदी के लिए इस सम्मान की घोषणा की थी. मोदी यह सम्मान पाने वाले भारत के पहलेे राजनेता हैं. यही नहीं, दुनिया के चुनिंदा राजनेताओं को ही रूस ने इस सम्मान से नवाजा है.

पीएम मोदी को सम्मान देेते राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन
शादाब खान
  • नई दिल्ली ,
  • 10 जुलाई 2024,
  • अपडेटेड 6:30 PM IST
  • रूस दौरे पर पीएम मोदी को मिला सम्मान
  • सम्मान पाने वाले पहले भारतीय नेता बने मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मंगलवार को उनकी रूस यात्रा के दौरान रूस के सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू द एपोस्टल' (Order of Saint Andrew The Apostle) से सम्मानित किया गया. पीएम मोदी को यह पुरस्कार दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारियों को बढ़ावा देने और रिश्तों को बेहतर बनाने के लिए दिया गया. रूस ने 2019 में ही पीएम मोदी के लिए इस सम्मान की घोषणा कर दी थी. 2024 में रूस का दौरा करने पर उन्हें राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यह सम्मान दिया. 

पुरस्कार क्या है और किसे मिलता है?
यह पुरस्कार रूस के लिए असाधारण सेवाओं के लिए प्रमुख सरकारी और सार्वजनिक हस्तियों को दिया जाता है. सैन्य नेताओं और विज्ञान, संस्कृति, कला एवं अर्थव्यवस्था के क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान देने वाले लोगों को भी यह सम्मान दिया जाता है. यह रूसी संघ के लिए की गई उत्कृष्ट सेवाओं के लिए विदेशी राज्यों के प्रमुखों को भी दिया जा सकता है. 

कौन थे सेंट एंड्रयू? 
इस पुरस्कार का नाम सेंट एंड्रयू के नाम पर रखा गया है. ईसाइयों की मान्यता है कि सेंट एंड्रयू यीशु के 12 मूल अनुयायियों में से एक थे. कहा जाता है कि ईसा मसीह के क्रूस पर चढ़ने के बाद उनके मूल अनुयायियों ने उनका संदेश फैलाने के लिए लंबी दूरी की यात्राएं की थीं. सेंट एंड्रयू ने रूस, यूनान और यूरोप-एशिया के अन्य स्थानों की यात्रा करते हुए कॉन्स्टेंटिनोपल (Constantinople) चर्च की स्थापना की. 

इसी के कारण बाद में रूसी ऑर्थोडॉक्स चर्च की स्थापना हुई. रूस में देश की लगभग 14 करोड़ की आबादी में से नौ करोड़ से ज्यादा लोग चर्च का अनुसरण करते हैं. सेंट एंड्रयू को रूस और स्कॉटलैंड का संरक्षक संत (Patron Saint) माना जाता है. स्कॉटलैंड के झंडे पर 'एक्स' सेंट एंड्रयू से ही जुड़ा हुआ है. इसे 'सॉल्टायर' कहा जाता है. ऐसा माना जाता है कि सेंट एंड्रयू को इसी आकार के क्रूस पर लटकाया गया था. 

कब शुरू हुआ यह ऑर्डर?
रूस के तत्कालीन राजा ज़ार पीटर द ग्रेट (1672-1725) ने 1698 में ऑर्डर ऑफ़ सेंट एंड्रयू की स्थापना की. इस 'ऑर्डर' की शृंखला में 17 वैकल्पिक लिंक होते हैं. इसमें रूसी संघ का राज्य प्रतीक, एक दो सिर वाली चील की सोने की परत वाली छवि होती है. इसमें एक बैज, एक सितारा और एक हल्का नीला रेशम मोयर रिबन भी शामिल है. 

युद्ध में विशिष्टता के लिए पहचाने जाने वाले लोगों के लिए, बैज और स्टार को तलवारों से सजाया जाता है. 1918 में रूसी क्रांति के बाद इस पुरस्कार को खत्म कर दिया गया था. इसे 1998 में रूस के राष्ट्रपति के एक कार्यकारी आदेश के बाद दोबारा शुरू कर दिया गया. 

अब तक किस-किसको मिला यह पुरस्कार?
पीएम मोदी से पहले यह पुरस्कार रूस की सेना से लेकर चर्च के बड़े चेहरों को दी जा चुकी है. बंदूक डिजाइनर मिखाइल कलाशनिकोव, लेखक सरगेई मिखालकोव, सोवियत यूनियन के आखिरी नेता मिखाइल गोरबाचेव और रूसी ऑर्थोडॉक्स चर्च के नेता पैट्रियार्क एलेक्सी द्वितीय तो इस पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है. 

जिन विदेशी नेताओं को अतीत में इस सम्मान से नवाजा गया है उनमें 2017 में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और कजाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति नूरसुल्तान नज़रबायेव शामिल हैं. पीएम मोदी यह सम्मान पाने वाले भारत के पहले राजनेता हैं. 

Read more!

RECOMMENDED