दिल्ली में दुनियाभर के 100 देशों के प्रतिनिधि जुटे हैं.- इसमें तमाम बड़े मुद्दों पर मंथन हो रहा है. दो दिन तक चलने वाले इस रायसीना डायलॉग की मुख्य अतिथि इटली की प्रधानमंत्री जियॉर्जिया मेलोनी हैं. इस बार रायसीना डायलॉग का 8वां संस्करण हो रहा है. इस बार इस सम्मेलन की थीम 'उकसावा, संकट और तूफान में जलता दीया' है. लेकिन कई लोगों को मन में ये सवाल उठ रहा है कि आखिर ये रायसीना डायलॉग क्या है और क्यों इतना अहम है. चलिए आपको इस विशाल सम्मेलन के बारे में बताते हैं.
क्या है रायसीना डायलॉग-
रायसीना डायलॉग एक कार्यक्रम है, जिसमें दुनिया के कई देशों के विदेश मंत्री हिस्सा लेते हैं. इस बैठक का आयोजन विदेश मंत्रालय और रिसर्च फाउंडेशन करता है. रायसीना डायलॉग में शामिल देश दुनिया की राजनीतिक और आर्थिक मुद्दों पर मंथन करते हैं. इसमें विभिन्न देशों के विदेश मंत्री, रक्षा मंत्री और वित्त मंत्री शामिल होते हैं. पहली बार रायसीना डायलॉग साल 2016 में आयोजित किया गया था. इसके बाद से अब तक 7 बार इसका आयोजन हो चुका है. फिलहाल दिल्ली में इसका 8वां संस्करण चल रहा है. जो 4 मार्च को खत्म होगा.
क्यों पड़ा रायसीना डायलॉग नाम-
दुनिया के तमाम नेताओं के जुटने और मंथन करने के इस महामंथन को रायसीना डायलॉग कहा जाता है. लेकिन सवाल उठता है कि ये नाम क्यों पड़ा? दरअसल ये बैठक विदेश मंत्रालयों की होती है और भारत का विदेश मंत्रालय का हेडक्वार्टर रायसीना पहाड़ी पर है. इसलिए इसे रायसीना डायलॉग के नाम से जाना जाता है.
कब-कब हुआ है रायसीना डायलॉग-
रायसीना डायलॉग की शुरुआत साल 2016 में हुई थी. उसके बाद से हर साल दुनियाभर के देशों के विदेश मंत्री दिल्ली में जुटते हैं और बड़े मुद्दों पर अपने विचार रखते हैं. चलिए आपको हर एक रायसीना डायलॉग के बारे में बताते हैं.
2016 में हुआ था पहला सम्मेलन-
पहली बार रायसीना डायलॉग साल 2016 में आयोजित हुआ था. ये कार्यक्रम एक मार्च से 3 मार्च तक हुआ था. जिसमें 35 देशों ने हिस्सा लिया था. इन देशों के 100 से ज्यादा प्रतिनिधियों ने अपने विचार रखे थे. पहली बार रायसीना डायलॉग का थीम एशिया रीजनल एंड ग्लोबल कनेक्टिविटी था.
2017 में दूसरा रायसीना डायलॉग-
दूसरी बार रायसीना डायलॉग साल 2017 में 17 जनवरी से लेकर 19 जनवरी तक आयोजित किया गया था. इस बार इसमें 65 देशों ने हिस्सा लिया था और 120 से ज्यादा वक्ताओं ने अपने विचार रखे थे. उस साल इसकी थीम द न्यू नॉर्मल: मल्टीलेटरलिज्म एंड मल्टीपोलरिटी थी.
2018 में तीसरा रायसीना डायलॉग-
इस बार इसका आयोजन 16 जनवरी से 18 जनवरी तक किया गया. इसमें 86 देशों से 500 से ज्यादा प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया. इस बार इसकी थीम मैनेजिंग डिसरप्टिव ट्रांजिशन: आइडियाज, इंस्टीट्यूशन एंड आइडंम्स थी.
2019 में चौथा सम्मेलन-
साल 2019 में चौथी बार रायसीना डायलॉग आयोजित किया गया. इस बार 8 जनवरी से 10 जनवरी तक इसका आयोजन किया गया. इस बार 93 देशों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया. सम्मेलन की थीम न्यू जियोमेट्रिक्स, फ्लूइड पार्टनरशिप्स, अनसर्टेन आउटकम्स थी.
रायसीना डायलॉग का पांचवां संस्करण-
साल 2020 में रायसीना डायलॉग का पांचवां संस्करण आयोजित किया गया. इसमें 100 देशों के 700 से ज्यादा वक्ताओं ने हिस्सा लिया. जिसमें से 40 फीसदी महिलाएं थीं.
2021 में रायसीना डायलॉग-
साल 2021 में रायसीना डायलॉग का छठा संस्करण 13 अप्रैल से 16 अप्रैल तक चला. कोरोना के चलते इस बार सम्मेलन ऑनलाइन आयोजित किया गया था. इसमें 50 देशों के150 प्रतनिधियों ने हिस्सा लिया था.
2022 में रायसीना डायलॉग-
साल 2022 में रायसीना डायलॉग का 7वां संस्करण आयोजित किया गया. ये कार्यक्रम 25 अप्रैल से 27 अप्रैल तक चला. इस बार इसकी थीम टेरा नोवा: इम्पैसियनड, इंपेशेंट एंड इंपेरिल्ड थी. इसमें 90 देशों के 210 से ज्यादा प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया था. इस बार रायसीना डायलॉग की मुख्य अतिथि यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन थीं.
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