मणिपुर में 2 महिलाओं को नग्न कर परेड कराए जाने का मामला तूल पकड़ रहा है. पीएम मोदी ने इस घटना की निंदा की है. वहीं सुप्रीम कोर्ट ने भी इस मामले पर स्वत: संज्ञान लेते हुए सरकार से इस पर तुरंत कार्रवाई करने को कहा है. कोर्ट ने यह भी कहा है कि अगर सरकार कार्रवाई नहीं करती है कोर्ट एक्शन लेगी. मामले में अगली सुनवाई शुक्रवार को होगी. केंद्र ने सेक्शन 69ए के तहत ट्विटर और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्मों से वीडियो हटाने के लिए कहा है. आदेश का उल्लंघन होने पर केंद्र सरकार ट्विटर के खिलाफ एक्शन ले सकती है. वीडियो को शेयर करने वाले कुछ अकाउंट भारत में रोक दिए गए हैं.
क्या है सेक्शन 69ए
केंद्र सरकार के पास सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 69 (ए) के तहत सोशल मीडिया कंपनियों को कंटेंट हटाने के आदेश जारी करने का अधिकार है. आईटी अधिनियम की धारा 69, केंद्र और राज्य सरकार को इंटरनेट सेवा प्रदाताओं (आईएसपी), दूरसंचार सेवा प्रदाताओं, वेब होस्टिंग सर्विसेज, सर्च इंजन, ऑनलाइन मार्केटप्लेस को कोई भी कंटेंट ब्लॉक करने की अनुमति देती है. अगर सरकार को लगता है कि सोशल मीडिया पर प्रसारित किए जा रहे किसी कंटेंट से भारत की सुरक्षा, संप्रभुता और सार्वजनिक व्यवस्था को खतरा हो सकता है, तो सरकार इसे बैन करने का ऑर्डर जारी कर सकती है और सभी प्लेटफॉर्म्स को यह आदेश मानना ही होगा.
नियमों का पालन करने में विफल रहने वाले सोशल मीडिया Intermediaries को 7 साल तक की जेल और असीमित जुर्माना भी लगाया जा सकता है.
प्रधानमंत्री ने क्या कहा
पीएम मोदी ने इस मामले पर दुख व्यक्त करते हुए कहा, 'मेरा दिल आज पीड़ा और क्रोध से भरा है. ये घटना किसी भी सभ्य समाज के लिए शर्मसार करने वाली घटना है. मणिपुर की बेटियों के साथ जो हुआ, उसे कभी माफ नहीं किया जा सकता. ये बेइज्जती पूरे देश की हो रही है.'
उन्होंने आगे कहा- 'मैं सभी मुख्यमंत्रियों से कहता हूं कि कानून-व्यवस्था को मजबूत करें. माताओं-बहनों की रक्षा के लिए सख्त कदम उठाएं. भारत के किसी भी कोने या किसी भी राज्य में राजनीतिक वाद-विवाद से ऊपर उठकर कानून-व्यवस्था और बहनों का सम्मान प्राथमिकता है.'
प्रधानमंत्री के इस बयान के बाद भी विपक्ष ने केंद्र पर निशाना साधा. विपक्षी दलों के हंगामे की वजह से मानसून सत्र के पहले दिन दोनों सदनों की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी.
मणिपुर में 2 महिलाओं को नग्न कर घुमाने को लेकर पहली गिरफ्तारी हो चुकी है. आरोपी की पहचान पेची अवांग लेकई गांव के 32-वर्षीय हुरेम हीरोदास मैतेई के रूप में हुई है. दोनों महिलाएं कुकी समुदाय से हैं, वहीं जो लोग महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमा रहे हैं वो सभी मैतई समुदाय से हैं.
मणिपुर में तनाव की वजह क्या?
पिछले दो महीने से मणिपुर हाईकोर्ट के उस आदेश के बाद से राज्य में तनावपूर्ण हालात बने हुए हैं, जिसमें सरकार को गैर जनजाति मैतेई समुदाय को जनजाति में शामिल करने का आदेश दिया गया है. इस आदेश का राज्य के नगा और कूकी जनजाति विरोध कर रहे हैं. कई जगहों पर यह विरोध हिंसा में भी बदल गया. इस हिंसा में अब तक कई लोगों की मौत हो चुकी है और हज़ारों लोग विस्थापित हुए हैं. केंद्र सरकार वहां हालात को काबू में करने के लिए लगातार कई कदम उठा रही है.