Staple Visa: स्टेपल वीजा का क्या होता है मतलब, जिसे China ने Arunachal Pradesh के खिलाड़ियों को किया जारी

चीन ने भारतीय दल के अरुणाचल प्रदेश के 3 खिलाड़ियों को स्टेपल वीजा जारी किया है. जिसके बाद भारत सरकार ने खिलाड़ियों को जाने से रोक दिया. स्टेपल वीजा के तहत नागरिकों को पासपोर्ट के साथ एक कागज नत्थी किया जाता है और यात्रा के बाद उसे फाड़ दिया जाता है.

स्टेपल वीजा क्या होता है और इसके जारी होने का क्या है मतलब
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 28 जुलाई 2023,
  • अपडेटेड 2:42 PM IST

चीन के शहर चेंगदू में 28 जुलाई से 8 अगस्त तक एफआईएसयू वर्ल्ड यूनिवर्सिटी गेम्स का आयोजन होने जा रहा है. इसके लिए भारत के खिलाड़ियों का एक दल को भी चेंगदू जाना था. खिलाड़ियों की टीम दिल्ली एयरपोर्ट पर पहुंच गई थी. लेकिन चीन ने भारतीय दल में शामिल अरुणाचल प्रदेश के 3 एथलीट्स को स्टेपल वीजा जारी किया. जिसको लेकर विवाद खड़ा हो गया है. भारत ने इसका विरोध किया और पूरी टीम को भेजने से रोक दिया. चलिए आपको बताते हैं कि स्टेपल वीजा का पूरा मामला क्या है.

क्या होता है स्टेपल वीजा-
जब किसी देश का कोई नागरिक दूसरे देश की यात्रा पर जाना चाहता है तो उसे उस देश का इजाजत लेनी पड़ती है. इसके लिए उस देश की सरकार वीजा जारी करती है. वीजा कई तरह के होते हैं. इसमें टूरिस्ट वीजा, ट्रांजिट वीजा, एंट्री वीजा, ऑन अराइवल वीजा और पार्टनर वीजा, बिजनेस वीजा शामिल हैं. अगर कोई नागरिक विदेश जाता है तो उसके पासपोर्ट पर इमीग्रेशन ऑफिसर एक मोहर लगाता है.
लेकिन अगर उस नागरिक को नॉर्मल वीजा की जगह स्टेपल वीजा जारी किया जाता है तो उसके पासपोर्ट पर मोहर नहीं लगाया जाता है. इसके बदले नागरिक के पासपोर्ट के साथ एक कागज स्टेपल किया जाता है. अलग से स्टेपल किए गए कागज को ही स्टेपल वीजा कहते हैं.

स्टेपल वीजा मिलने पर क्या होता है-
अगर किसी नागरिक के लिए स्टेपल वीजा जारी किया गया है तो उसके पासपोर्ट पर उस यात्रा का कोई विवरण दर्ज नहीं होगा. क्योंकि जब नागरिक विदेश से वापस लौटता है तो उसके स्टेपल वीजा, इंट्री और आउटिंग टिकट को फाड़ दिया जाता है. जबकि नॉर्मल वीजा पर किसी भी नागरिक के विदेशों दौरों का रिकॉर्ड दर्ज होता है. दुनिया के कई देश स्टेपल वीजा जारी करते हैं. इसमें क्यूबा, ईरान, सीरिया, उत्तर कोरिया, चीन, वियतनाम शामिल हैं.

चीन ने क्यों जारी किया स्टेपल वीजा-
चीन भारत के दो राज्यों जम्मू-कश्मीर और अरुणाचल प्रदेश के नागरिकों के लिए स्टेपल वीजा जारी करता है. दरअसल चीन अरुणाचल प्रदेश को भारत का हिस्सा नहीं मानता है. इसलिए वहां के नागरिकों को स्टेपल वीजा जारी करता है.  चीन अरुणाचल प्रदेश को तिब्बत का हिस्सा मानता है. चीन इसके 90 हजार वर्ग किलोमीटर की जमीन पर अपना दावा करता है. इसके अलावा जम्मू-कश्मीर के नागरिकों को भी स्टेपल वीजा जारी करता है. भारत चीन के इस रवैये को लेकर लगातार आपत्ति जताता रहता है.

स्टेपल वीजा के पीछे चीन की क्या है चाल-
चीन के स्टेपल वीजा जारी करने से भारतीय सरकार और प्रशासन को कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है. स्टेपल वीजा पर यात्रा करने वाले लोगों की कोई जानकारी नहीं रहती है. जिससे सुरक्षा को लेकर चुनौती पैदा होती है. इसके अलावा भारत के सामने ये भी चुनौती है कि उसके एक इलाके को दूसरा देश मान्यता नहीं देता है. इसके अलावा अगर जम्मू-कश्मीर के लोग चीन की यात्रा करते हैं तो उनका कोई भी रिकॉर्ड भारत के पास नहीं होगा, जो सुरक्षा के लिहाज से चुनौतीपूर्ण है. ये भी कहा जा सकता है कि चीन के जम्मू-कश्मीर और अरुणाचल प्रदेश के लोगों के लिए जे स्पेपल वीजा की नीति शुरू की है, वो भारत के खिलाफ साजिश की तरह है.

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