दूनिया भर में पाम ऑयल की चर्चा तेज हो गई है. इसके साथ ही पाम ऑयल की चर्चा भारत में भी तेजी से हो रही है. पाम ऑयल का चर्चा में आने के पीछे का कारण आज सोमवार को इसकी कीमतों में उछाल होना है. दरअसल पाम ऑयल सोमवार को लगभग 6% उछलकर छह सप्ताह में अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है. पाम ऑयल का जुलाई डिलीवरी वायदा 6 % बढ़कर 6,738 रिंगित ($1.550) प्रति टन हो गया है. वहीं इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो ने ऐलान किया है कि 28 अप्रैल से पामोलिन यानि पाम ऑयल और इसके कच्चे माल पर रोक लगा देंगे. पाम ऑयल पर यह रोक अगले फैसले तक लगा रहेगा. इतना ही नहीं सबसे ज्यादा पाम तेल का उत्पादन करने वाला देश इंडोनेशिया इसके निर्यात पर प्रतिबंध लगाने की योजना बना रहा है, जिससे दुनिया की आपूर्ति पर चिंता बढ़ रही है.
क्या है पाम ऑयल
सरसों, सूरजमूखी और सोयाबीन की तरह ही वनस्पती यानी खाना बनाने वाला तेल है. पाम ऑयल को ताड़ के पेड़ के बीजों से बनाया जाता है. पाम ऑयल का इस्तेमाल खाना बनाने में बढ़ा है. दरअसल पाम ऑयल में कोई महक नहीं होती है.
इन चीजों में इस्तेमाल
पाम ऑयल इस्तेमाल खाना बनाने के साथ ही और भी कई प्रोडक्ट बनाने के काम आता है. इस समय पाम ऑयल का इस्तेमाल सबसे ज्यादा खाना बनाने में होता है. इसके बाद इसका उपयोग नहाने का साबुन, शैंपू, लिपिस्टिक, बनाने में किया जाता है. साथ ही डिटर्जेंट, टूथपेस्ट, चॉकलेट, डोनट बनाने में भी होता है.
भारत में पाम ऑयल का आयात
भारत पाम तेल का आयात करीब 90 टन तक करता है. जिसमें से 70 भारत पाम तेल का आयात इंडोनेशिया से करता है. वहीं 30 फीसदी पाम तेल का आयात मलेशिया से करता है. जानकारी के अनुसार 2020-21 में भारत ने करीब 83.1 लाख टन पाम तेल का आयात किया था.
यहां सबसे ज्यादा पाम तेल का उत्पादन
पाम तेल का सबसे ज्यादा उत्पादन करने में इंडोनेशिया नंबर वन पर है. वहीं पाम तेल का उत्पादन करने में दूसरे नंबर पर मलेशिया है. पाम तेल का उत्पादन अफ्रिका के कुछ देशों में भी होता है. भारत भी अब पाम ऑयल की खेती को लेकर किसानों को प्रोत्साहित कर रही है. वहीं सरकार जल्द ही पाम ऑयल की खेती करने के लिए चिंहित करने का काम शुरू करने जा रही है.