क्या है क्वाड, क्यों किया गया इसका गठन...बैठक से पहले आखिर क्यों भड़का चीन, जानिए सबकुछ

विदेश मंत्री एस जयशंकर गुरुवार से अपने छह दिवसीय ऑस्ट्रेलिया और फिलीपींस दौरे की शुरुआत करेंगे. एक विदेश मंत्री के तौर पर 10 से 13 फरवरी के बीच ऑस्ट्रेलिया की यात्रा इस देश की उनकी पहली यात्रा होगी.

S Jaishanker
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 10 फरवरी 2022,
  • अपडेटेड 11:56 PM IST
  • शिंजो आबे ने की थी शुरुआत
  • वर्चस्व बढ़ाने के लिए पड़ोसी देशों को भड़का रहा था चीन

विदेश मंत्री एस जयशंकर गुरुवार से अपने छह दिवसीय ऑस्ट्रेलिया और फिलीपींस दौरे की शुरुआत करेंगे. एक विदेश मंत्री के तौर पर 10 से 13 फरवरी के बीच ऑस्ट्रेलिया की यात्रा इस देश की उनकी पहली यात्रा होगी. विदेशमंत्री की दो देशों की यात्रा की घोषणा करते हुए मंत्रालय ने कहा कि वह ऑस्ट्रेलिया, जापान और अमेरिका के अपने समकक्षों के साथ मेलबर्न में 11 फरवरी को चौथी क्वाड बैठक में हिस्सा लेंगे.

क्या है क्वाड?
हिंद महासागर में सुनामी के बाद भारत, जापान, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका ने आपदा राहत प्रयासों में सहयोग करने के लिए एक अनौपचारिक गठबंधन बनाया था. मोटे तौर पर तो क्वाड (Quad)चार देशों का संगठन है. इसमें भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान शामिल हैं. ये चारों देश विश्व की बड़ी आर्थिक शक्तियां हैं. जापान के तत्कालीन प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने इसे क्वाड्रीलैटरल सिक्योरिटी डायलॉग या क्वाड का औपचारिक रूप दिया.

क्यों किया गया गठन?
साल 2007 में एशिया-प्रशांत महासागर में चीन ने अपना वर्चस्व बढ़ाने के लिए पड़ोसी देशों को धमकाना शुरू कर दिया था. चीन समुद्र में सैन्य बेस लगातार बढ़ा रहा था. यह सब देखते हुए जापान के तत्कालीन प्रधानमंत्री शिंजो अबे ने एक ऐसे संगठन का प्रस्ताव दिया, जिसमें इस सामुद्रिक क्षेत्र में आने वाले ताकतवर देश शामिल हो सकें. आखिरकार संगठन बना, जिसकी पहली मीटिंग साल 2019 में हुई थी. इसके बाद कोरोना के कारण साल 2020 में नेताओं की मुलाकात बाधित हुई. तबसे यह वर्चुअल तरीके से ही हो रही थी.

चीन को दिया सख्त संदेश
ऐसे में भारत के लिए इसकी अहमियत साफ समझी जा सकती है. क्‍वाड शिखर सम्‍मेलन के जरिये हिंद-प्रशांत क्षेत्र की चारों प्रमुख आर्थिक शक्तियों में भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया ने चीन को यह संदेश देने की कोशिश भी की है कि क्षेत्र में उसके दबदबे को स्‍वीकार नहीं किया जाएगा. उसे कोई भी कदम अंतरराष्‍ट्रीय कानून के अनुसार उठाना होगा. क्‍वाड देशों के नेताओं ने भविष्‍य में क्षेत्र में समान हित साझा करने वाले देशों को भी इस मुहिम से जोड़ने के संकेत दिए हैं. अगर ऐसा होता है तो चीन के लिए और भी मुश्किलें और भी बढ़ेंगी.

क्वाड का उद्देश्य
क्वाड के गठन का मूल उद्देश्य हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति-स्थिरता स्थापित करना और कानून का पालन करना है. इस क्षेत्र में शांति-स्थिरता की बात इसलिए ज्यादा जरूरी हो जाती है क्योंकि चीन हमेशा से ही इधर अपना दबदबा बढ़ाने की कोशिश में रहता है. खासकर हिंद-प्रशांत क्षेत्र की बात करें तो इसमें दुनिया के 38 देश शामिल हैं. ऐसा माना जा रहा है कि चीन पर लगाम करने के लिए ही क्वाड का गठन किया गया था. इसी वजह से चीन बैठक से पहले बौखलाया दिखा और कहा कि क्वाड ग्रुप के सदस्य क्षेत्र में गलतियां कर रहे हैं और शीत युद्ध की मानसिकता रख रहे हैं.

क्या हैं प्रमुख मुद्दे?
इस बार क्वाड में कोरोना महामारी, आपूर्ति श्रंखला, महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों, जलवायु परिवर्तन, बुनियादी ढांचे आदि मु्द्दों पर समाधान निकालने की कोशिश की जाएगी. मेलबर्न में होने वाली इस बैठक में भारत और अन्य देश क्षेत्रीय रणनीतिक मुद्दों पर चर्चा करेंगे.

 

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