यूनिवर्सिटी में चांसलर बनने के लिए क्या हैं नियम, JNU से लेकर BHU तक में कैसे बनते हैं कुलाधिपति

देश के सभी केंद्रीय विश्वविद्यालय और राज्य विश्वविद्यालय में चांसलर नियुक्त करने का अलग-अलग नियम है. आइये जानते है किसी यूनिवर्सिटी में कैसे चांसलर नियुक्त होते है.

यूनिवर्सिटी में चांसलर बनने के नियम
मृत्युंजय चौधरी
  • नई दिल्ली,
  • 27 मई 2022,
  • अपडेटेड 11:54 AM IST
  • देश के किसी भी केंद्रीय विश्वविद्यालय में चांसलर राष्ट्रपति करते है नियुक्त
  • जेएनयू में ऐसे होती है चांसलर की नियुक्त

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी जल्द ही राज्य के सभी विश्वविद्यालयों की चांसलर बनने जा रही हैं. इसको लेकर प्रस्ताव पर कैबिनेट से मुहर लग गई है. जल्द ही ममता सरकार विधानसभा में विधेयक भी पेश करेगी. इस बिल के पास होने के बाद राज्य विश्वविद्यालयों का चांसलर राज्यपाल नहीं, बल्कि मुख्यमंत्री होगा.

देश के सभी राज्यों में ज्यादातर राज्य विश्वविद्यालयों के चांसलर राज्यपाल होते रहे हैं. जबकि केंद्रीय विश्वविद्यालयों के चांसलर राष्ट्रपति होते हैं. लेकिन कई बार किसी व्यक्ति विशेष को चांसलर भी बनाया जाता रहा है. चलिए हम आपको बताते हैं कि केंद्रीय विश्वविद्यालय और राज्य विश्वविद्यालय के चांसलर कैसे नियुक्त किए जाते हैं. साथ ही ये भी बताएंगे कि किसी यूनिवर्सिटी का चांसलर कौन होता है.

विश्वविद्यालय में चांसलर नियुक्त करने के नियम-
देश के सभी विश्वविद्यालयों में चांसलर होते हैं. किसी भी यूनिवर्सिटी का चांसलर नियुक्त करने का नियम यूनिवर्सिटीज एक्ट में होता है. हालांकि किसी भी केंद्रीय विश्वविद्यालय के चांसलर राष्ट्रपति होते हैं. जबकि राज्य विश्वविद्यालय के चांसलर राज्यपाल होते हैं. लेकिन अगर राष्ट्रपति या राज्यपाल चाहें तो चांसलर नियुक्त भी कर सकते हैं. यूनिवर्सिटी में चांसलर का काम औपचारिक होता है. प्राइवेट यूनिवर्सिटी का चांसलर वहां के अध्यक्ष या उसकी स्थापना करने वाले होते हैं. किसी भी सेंट्रल यूनिवर्सिटी का सबसे बड़ा पद विजिटर का होता है. जो कोई और नहीं बल्कि देश के राष्ट्रपति होते हैं.

जेएनयू के चांसलर की नियुक्ति के नियम-
जेएनयू में चांसलर की नियुक्त के लिए विश्वविद्यालय अधिनियम 1966 के प्रावधानों के तहत होता है. जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के चांसलर विजय कुमार सारस्वत हैं. ये एक भारतीय वैज्ञानिक है. जो पहले रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) के महानिदेशक और भारतीय रक्षा मंत्री के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार के रूप में कार्य कर चुके हैं. विजय कुमार सारस्वत वर्तमान में जेएनयू के चांसलर होने के साथ ही नीति आयोग के सदस्य भी हैं. वहीं उन्हें पद्मश्री और पद्म भूषण से नवाजा भी जा चुके हैं. 

बीएचयू में चांसलर का नियुक्त-
बीएचयू के चांसलर की नियुक्ति देश के राष्ट्रपति नियुक्त करते है. वहीं वर्तमान में बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के चांसलर इलाहाबाद उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति गिरिधर मालवीय है. गिरिधर मालवीय महामना पं मदनमोहन मालवीय के पौत्र और पं. गोविन्द मालवीय के पुत्र है. 

इलाहाबाद विश्वविद्यालय चांसलर का नियुक्ति-
इलाहाबाद विश्वविद्यालय के चांसलर की नियुक्ति देश के राष्ट्रपति करते हैं. केंद्रीय विश्वविद्यालय इलाहाबाद के चांसलर आशीष कुमार चौहान हैं. आशीष कुमार चौहान IIT और IIM के एक टेक्नोक्रेट और वर्तमान में BSE (पूर्व में बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज) के एमडी और सीईओ के पद पर कार्यरत हैं. वहीं यूनिवर्सिटी ऑफ इलाहबाद के चीफ रेक्टर यूपी की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और विजिटर देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद हैं. 

दिल्ली यूनिवर्सिटी चांसलर-
दिल्ली यूनिवर्सिटी के चांसलर देश के वर्तमान उप राष्ट्रपति होते हैं. वर्तमान में दिल्ली विश्वविद्यालय के चांसलर देश के उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू हैं. वेंकैया नायडू बीजेपी के एक कद्दावर नेता रह चुके है. वहीं इसके साथ ही वेंकैया नायडू 2002 से 2004 तक भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुके हैं

सपा नेता आजम खान भी हैं चांसलर-
समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता आजम खान भी चांसलर हैं. आज़म खान ने उत्तर प्रदेश के रामपुर में स्थापित मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय की स्थापना 2006 में किया था. वहीं इसकी स्थापना करने के चलते आज़म खान इस यूनिवर्सिटी के चांसलर हैं. वहीं यह यूनिवर्सिटी काफी विवादों में भी रह चुकी है.

 

Read more!

RECOMMENDED